कल एक छत के नीचे होंगे हारे हुए महाराज और उनके सिपहसालार | Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार के बाद शिवपुरी जिले के कांग्रेसी अब पहली बार सिंधिया के आमने-सामने होंगें। बताया जा रहा हैं कल 10 जून को पूर्व सांसद सिंधिया कांग्रेस के जिला पदाधिकारी व अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेकर सिंधिया को जीत का आंकडा देने वाले कांग्रेसियो के साथ हार का मंथन करेंगें। यह बैठक सिंधिया जनसंपर्क कार्यालय पर रखी गई हैं।

गुना-शिवपुरी में मिली हार के बाद हो रही इस बैठक से पहले स्थानीय कई कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर मुरझाए हुए देखे जा रहे हैं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस जिलाध्यक्ष, विधानसभा क्षेत्र बार प्रभारी, मंडलम अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष व मोर्चा व अन्य संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया हैं जिन पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

इस सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की 1 लाख 25 हजार से ज्यादा वोटों की हार ने कांग्रेस नेताओं को सदमे में डाल दिया हैं। यहां पर सारे अनुमानों पर मोदी लहर का अंदरूनी फैक्टर इस कदर हावी रहा कि यहां पर कांग्रेसी भी इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाए कि यहां पर ऐसा क्या हुआ कि कांग्रेसी प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार मिली।

अब 10 जून को होने वाली बैठक विचार विमर्श किया जाएगा। पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने स्थानीय कांग्रेसी नेता किस मुंह से जाएं इस बात को लेकर कांग्रेस नेता परेशान बने हुए हैं। कुछ नेताओं ने तो इस हार को स्वीकारते हुए अपने पदों से स्तीफा भी दे दिए थे।  

बताया जाता है कि कि कही बैठक के दौरान खराब परफॉरमेंश को लेकर सिंधिया की नाराजगी का शिकार न होना पड़ जाए। जिन कांग्रेस नेताओं को इस बैठक में आना है उन्हें पूरी तैयार के साथ आने के लिए कॉल पहले ही कर दिया गया है। ऐसे में अब 10 जून को होने वाली इस बैठक में क्या होगा इस पर सबकी निगाहें हैं।

कई दिग्गज नेताओं के पोलिंग पर मिली हार 

शिवपुरी सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों में जो सिंधियानिष्ठ नेता हैं उनके कई पोलिंगों पर हार का सामना कांग्रेस को करना पड़ा है। ऐसे में यह नेता टेंशन में हैं कि उनकी पोलिंग को लेकर जब सिंधिया उनसे जबाव तलब करेंगे तो वह क्या जबाव देंगे। वैसे कुछ कांग्रेसी दबी जुबान से यह कह रहे हैं कि बाहरी नेताओं ने जो यहां पर आकर श्रेय की राजनीति के फेर में माहौल बिगाड़ा उससे भी ज्योतिरादित्य को नुकसान हुआ और 10 जून की बैठक में यह मुद्दा उठ सकता है।

संगठन स्तर पर परिवर्तन के संकेत भी

ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार के बाद ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि संगठन स्तर पर कांग्रेस में परिवर्तन हो सकता है। इस परिवर्तन को लेकर भी 10 जून की मंथन बैठक में कांग्रेस नेताओं से इस पर राय ली जा सकती है। वैसे शिवपुरी जिले में एक अध्यक्ष और दो कार्यकारी अध्यक्ष वाला फार्मूला ज्यादा कारगर नहीं रहा। अब संगठन स्तर पर किसी नए नेता को जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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