पंचायतों में चल रहा है घपला: आदिवासी बाहुल्य पंचायतों से आदिवासी कर चुके हैं पलायन | KOLARAS, SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
कोलारस। कोलारस जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत दीगोदी, मोहरा, पनवारी, सेसई, सडक़, मकरारा, लुकवासा, बसाई, ने तबास सरजापुर किलावनी लेवा ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव रोजगार सहायकों द्वारा वारे न्यारे किए जा रहे हैं।

यहां पर बीते माह किए गए निर्माण कार्यों में जमकर मनमानी भ्रष्टाचार कर फर्जी दुकानों से बिल लेकर  बनाकर राशि फर्जी तरीके से आहरणकर ली गई है मर्यादा अभियान को भी चपत लगाई गई जिसके चलते आज भी अधूरे शौचालय ग्राम पंचायतों में मौजूद हैं अनेक ऐसे जरूरतमंद लोग मौजूद हैं।

जिनके यहां शौचालय पहले कागजों में बनाकर सचिव सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों ने हजम कर ली जिसके चलते यह ग्रामीण शौचालय से भी वंचित हो गए हैं कोलारस जनपद पंचायत में पदस्थ उपयंत्री पंचायत सहित आला अधिकारियों से सांठगांठ कर सरपंच सचिव रोजगार सहायक ग्राम पंचायतों में फर्जीवाड़ा करने में जुटे हुए हैं और भारी पैमाने पर फर्जीवाड़ा ग्राम पंचायतों में चल रहा है। 

निर्माण कार्यों की बात करें तो सीसी खरंजा मुरम सडक़ इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत बनाई गई कुटीरों शासकीय भवनों में जमकर मनमानी भ्रष्टाचार और घटिया मटेरियल का उपयोग कर निर्माण कार्य कराया गया है। यदि आला अधिकारी ध्यान दें और जांच करें तो अनेक ग्राम पंचायतों में से फर्जी बाडा निकलकर सबके सामने आ सकता है। 

ग्राम पंचायतों में से आदिवासी कर चुके हैं पलायन
कोलारस उनकी नहीं बाकी धाकड़ भोपाल जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में से आदिवासी रोजगार ना होने के चलते पलायन कर चुके हैं रोजगार तो उनको नहीं मिल रहा क्योंकि निर्माण कार्य होते हैं उन निर्माण कार्यों को सरपंच सचिव रोजगार सहायक रातों-रात मशीनों से करा देते हैं।

मजदूरी का पैसा फर्जी बनाए गए मजदूरों के खाते में डाल कर कुछ-कुछ खुद डकार लेते हैं और अधिकारियों को दे देते हैं इसके चलते इन पर कार्यवाही नहीं की जा सकती रोजगार तो रोजगार ग्राम के लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ तक नहीं दिया जा रहा जिससे वह शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को पाने से वंचित हो चुके हैंं।

जबकि रोजगार योजना के अंतर्गत गांव की गरीब लोगों को वहीं पर कार्य दिया जाता है और मजदूरी दी जाती है जिसके लिए जॉब कार्ड बनाए गए हैं परंतु कोलारस जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली अधिकांश ग्राम पंचायतों में फर्जी मजदूर कार्ड बनाकर सरपंच सचिवों ने खुद रख लिए हैं जिसके चलते रोजगार की तलाशमें आदिवासी लोग पलायन कर चुके हैं

पंचायतों को सांसद निधि से मिले टैंकरों का हो रहा दुरुपयोग
ग्राम पंचायतों को जल संकट से निपटने के लिए और पानी परिवहन के लिए सांसद निधि विधायक निधि से टैंकर उपलब्ध कराए गए थे परंतु कोलारस जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों में इन टैंकरों का दुरुपयोग किया जा रहा है और अधिकांश ग्राम पंचायतों के टैंकर तो कोलारसमें ही रखे हुए हैं। 

जबकि ग्रामीण अंचलों में मई माह में पानी का संकट विकराल रूप ले ले लेता है अधिकांश टैंकरों का तो पता ही नहीं है और ग्रामीण लोग पानी दूर दूर से भर कर ला रहे हैं अधिकांश टैंकरों का उपयोग कोलारस में बन रहे मकानों में खुलेआम किया जा रहा है जिला पंचायत के अधिकारी कोलारस जनपद पंचायत अंतर्गतआने वाली ग्राम पंचायतों में दिए गए टैंकरों की जांच कराएं तो अधिकांश ग्राम पंचायतों में टेंकर मिलेगा ही नहीं। 

कुटीरो में भी की जा रही है मनमानी
केंद्र सरकार द्वारा कच्चे मकानों वाले एवं जिनके यहां छत नहीं है उनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई गई है और इस योजना में मनमानी और भ्रष्टाचार ना करने के स्पष्ट आदेश प्रत्येक पंचायतों को दिए गए परंतु कोलारस जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत झाडेल कोटा नाका मोहरा बसाई सेसई सडक़ मकरारा मैं तो सरकार के नियमों को एक तरफ रख कर सचिव रोजगार सहायक अपनी मनमानी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। 

और अधिकांश ग्राम पंचायतों में तो सचिव रोजगार सहायकों ने कुटीर देने के बदले पैसा भी ग्रामीण जनों से वसूला है आज भी कई जरूरतमंद लोग पंचायतों में मौजूद हैं उनको कुटीर नहीं दिलाई गई है। कुल मिलाकर ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार की इतनी बड़ी जनकल्याणकारी योजना में भी सरपंच सचिवों ने चपत लगाई है। 

जब भी ग्रामीण जन शिकायत करते हैं तो फर्जी जांच करा कर मामला दवा दिया जाता है। कोलारस जनपद पंचायत में पदस्थ आला अधिकारी पंचायत इंस्पेक्टर उपयंत्री सांठगांठ कर लेते हैं और अपना कमीशन लेकर आगे की कार्यवाही को दबा दिया जाता है जरूरत मंद लोग आवास योजना से भी वंचित बने हुए हैं।
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