लावारिस छोड़ दिया है BJP ने इस लोकसभा सीट को, बड़े नेताओ के गायब होने से शुरू हुई चर्चा | SHIVPURI NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी। गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र से भले ही भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से पराजित हो रही है, लेकिन 2019 के चुनाव को यदि छोड़ दिया जाए तो हर चुनाव में भाजपा पूरी ताकत से चुनाव लड़ती है। सिंधिया परिवार के इस गढ़ को धराशायी करने के लिए भाजपा ने 2004 के लोकसभा चुनाव में तो समानता दल से प्रत्याशी आयतित कर विधायक हरिवल्लभ शुक्ला को टिकट दिया था। 

2009 में भाजपा ने प्रदेश सरकार के प्रभावशाली मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री रहे डॉ. नरोत्तम मिश्रा को टिकट दिया था। 2014 में एक कदम और आगे बढक़र भाजपा ने सिंधिया के कट्टर विरोधी जयभान सिंह पवैया को टिकट दिया। श्री पवैया की इसलिए भी ख्याति है, क्योंकि यह कहा जाता है उनके प्रभाव से घबराकर स्व. माधवराव सिंधिया ग्वालियर छोडक़र गुना आए। 

2014 से 2019 तक लगातार भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा संसदीय क्षेत्र में सक्रिय रहे और ऐसा लगा कि 2019 के चुनाव में भाजपा उन्हें ही टिकट देगी, लेकिन इस चुनाव में न तो जयभान सिंह पवैया और न ही प्रभात झा अभी तक नजर नहीं आए हैं। 

गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की रणनीति अबूझ पहेली बनी हुई है। चुनाव को जीतने के लिए जिस मानसिकता की आवश्यकता होती है वह भाजपा के प्रचार और प्रसार में अभी तक दृष्टिगोचर नहीं हुई है। उम्मीद थी कि भाजपा इस बार सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की घेराबंदी करेगी। इसके संकेत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी दिए थे। 

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की मजबूत सीटें छिंदवाड़ा, गुना और रतलाम जीतने के लिए भाजपा विशेष रणनीति बना रही है। भाजपा द्वारा प्रत्याशी की घोषणा में बिलंव से भी यह लगा कि इस बार पार्टी द्वारा मजबूत प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। गुना से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और साध्वी उमा भारती के चुनाव लडऩे की चर्चाएं भी काफी तेजी से चलीं। 

इन चर्चाओं से सिंधिया खेमा भी आशंकित हुआ और इसी कारण कांग्रेस ने गुना से सिंधिया की उम्मीदवारी की घोषणा भी बहुत बाद में की। लेकिन भाजपा ने गुना लोकसभा क्षेत्र से एक साल पहले तक सिंधिया के खास रहे केपी यादव को चुनाव मैदान में उतारा। केपी यादव दिसम्बर में हुए विधानसभा चुनाव में मुंगावली से पराजित हो चुके थे। 

श्री यादव के नामांकन फॉर्म के समय भी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर का कोई बड़ा भाजपा नेता शिवपुरी नहीं आया। भाजपा प्रत्याशी का प्रचार भी मुश्किल से चार पांच दिन पहले ही शुरू हुआ है और अभी वह पूरे संसदीय क्षेत्र में गए भी नहीं है। उनकी तुलना में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी धर्मपत्नि प्रियदर्शनी राजे सिंधिया पूरे संसदीय क्षेत्र का दौरा कर चुकी हैं। 

एक एक कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सिंधिया  दंपत्ति मुखातिब हो चुके हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी केपी यादव के प्रचार की बागडोर स्थानीय स्तर के नेताओं ने संभाल रखी है।  मुख्य रूप से राजू बाथम, सुरेंद्र शर्मा, धैयवर्धन शर्मा और नरेंद्र बिरथरे काम देख रहे हैं। लेकिन स्थानीय भाजपा नेताओं का कहना है कि इस बार पार्टी की रणनीति कुछ अलग है।

 इस चुनाव में बजीर की घेराबंदी पैदल से करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि इस चुनाव में प्रत्याशी महत्वपूर्ण नहीं है। यहां का मतदाता मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए मतदान करेगा और इस बार आश्चर्यजनक परिणाम देखने को मिलेंगे। देखना यह है कि क्या भाजपा अपनी इस रणनीति से सिंधिया परिवार का अभेद गढ़ रहे गुना संसदीय क्षेत्र की दीवारों को भेद पाएगी अथवा हर बार की तरह इस बार भी उसे निराशा का सामना करना पड़ेगा। 

कुए में तैरती मिली महिला की लाश

शिवपुरी। पोहरी के कटरा मोहल्ला में आज सुबह पानी भर रहे लोगों को एक महिला की लाश पानी में तैरती हुई मिली। जिससे क्षेत्र में हडक़ंप मच गया। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और महिला के शव को बाहर निकाला और उसे पीएम के लिए भिजवाकर मर्ग की कायमी कर ली। 

जानकारी के अनुसार रजनी पत्नि मनीष राठौर निवासी कटरा मोहल्ला की लाश आज सुबह उस समय पड़ौसियों को कुएं में मिली जब एक महिला बाल्टी डालकर कुएं से पानी निकाल रही थी तभी उसकी बाल्टी में कुछ उलझ गया। 

जब उसने दम लगाकर बाल्टी को बाहर निकाला तो एक महिला की लाश ऊपर आ गई जिसे देखकर वह स्तब्ध रह गई बाद में जब उसे बाहर निकाला गया तो उसकी पहचान रजनी के रूप में हुई जिसकी सुबह से परिजन तलाश कर रहे थे। परिजनों को अंदेशा था कि वह कहीं घर छोडक़र तो नहीं भाग गई इसलिए वह सुबह से जान पहचान वालों और रिश्तेदारों के यहां रजनी की तलाश कर रहे थे। 
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