Shivpuri News - खूबत बाबा की पूजा विवाद का हुआ अंत, शिवहरे ही होगा पुजारी, कैमरो से निगरानी

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी के खूबत बाबा मंदिर को लेकर रजक समाज और लंबे समय से मंदिर की पूजा अर्चना करते चले आ रहे शिवहरे परिवार के बीच चल रहे विवाद का अंत करने के लिए रविवार को मंदिर पर एक पंचायत बुलाई गई। पंचायत में निर्णय लिया गया है कि मंदिर की पूजा अर्चना मंदिर का वर्तमान पुजारी शिवहरे परिवार ही करेगा, लेकिन उसे निर्धारित नियमों और धर्म का पालन करते हुए रहना होगा।

उल्लेखनीय है कि रजक समाज के खूबत बाबा मंदिर की पूजा अर्चना कई पीढ़ियों से शिवहरे समाज का एक परिवार करता चला आ रहा है। रजक समाज के लोगों का आरोप है कि पुजारी द्वारा पूजा अर्चना के दौरान धार्मिक नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। वह मंदिर में ही शराब पी लेता है और धर्मयुक्त आचरण नहीं कर रहा है, इसलिए इसे यहां से हटाया जाए। वहीं शिवहरे परिवार उक्त मंदिर को अपना निजी मंदिर करार दे रहा था।

विवाद को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को भी दोनों पक्षों की ओर से ज्ञापन सौंपे गए। अंततः आज खूबत बाबा मंदिर पर रजक समाज सहित ग्राम मामौनी व बहखेड़ी के गुर्जर व अन्य समाज के लोगों को बुलाकर पंचायत बुलाई गई। पंचायत में निर्णय अनुसार मंदिर का संचालन करने के लिए एक कमेटी बनाई गई। उक्त कमेटी में दस लोगों को शामिल किया गया, जिनमें पांच सदस्य गुर्जर समाज के हैं, जबकि पांच सदस्य रजक समाज के। यह समिति मंदिर के प्रबंधन के संबंध में फैसला करेगी।

इसके अलावा यह निर्णय लिया गया कि चूंकि शिवहरे परिवार कई पीढ़ियों से मंदिर की पूजा अर्चना करते चला आ रहा है, इसलिए उससे पूजा का अधिकार न छीना जाए। उसे पूजा अर्चना करने दी जाए, इसके एवज में उसे हर महीने नौ हजार रुपये वेतन के रूप में दिया जाएगा।

पुजारी को हिदायत दी गई है कि वह मंदिर पर धर्म के विरुद्ध कोई आचरण नहीं करेगा। मंदिर के अंदर शराब नहीं पीएगा। मंदिर पर आने वाली पूरी चढ़ोत्तरी दानपात्र में डाली जाएगी। एक भी रुपये वह किसी से नगद नहीं लेगा। अगर वह ऐसा करते हुए पाया गया तो उसे मंदिर से हटा दिया जाएगा। मंदिर पर जो दान पात्र रखा जाएगा, उसमें तीन ताले लगाए जाएंगे। दो तालों की चाबी तो ग्राम मामौनी व बहखेड़ी के समिति सदस्यों के पास रहेगी। एक चाबी रजक समाज के पास रहेगी।

दानपात्र को हर महीने के पांच तारीख को खोला जाएगा। जो भी दक्षिणा दान पात्र में निकलेगी, उसमें से सबसे पहले पुजारी की वेतन दी जाएगी। अगर दानपात्र में नौ हजार रुपये नहीं निकलते हैं तो समिति के सदस्य समाज से चंदा करके पुजारी का वेतन देंगे। मंदिर व पुजारी की निगरानी के लिए मंदिर पर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। उक्त सीसीटीवी कैमरे को संचालित करने के लिए मंदिर पर सोलर पैनल भी लगवाए जाएंगे।