पोहरी। शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा के चांड गांव में पिछले आठ माह से आदिवासी समाज के घरों में बिजली नही है इस कारण ग्रामीणों का जीवन कष्टमय हो रहा है। पोहरी के विधायक कैलाश कुशवाह इस गांव को बिजली देने में नाकाम रहे इस कारण इस गांव के आदिवासी आज भीम आर्मी के झंडे के नीचे आकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना था कि इस गांव की लाइट की समस्या का संज्ञान विधायक कैलाश कुशवाह को भी है वह गांव आए थे आश्वासन दे आए लेकिन हमारी समस्या का समाधान नहीं हुआ इस कारण वह आज भीम आर्मी के साथ कलेक्टर शिवपुरी का ज्ञापन देने आए है।
भीम आर्मी के झंडे के नीचे आए ग्रामीणों का कहना था कि चांड गांव में आदिवासी समाज के घरों में विगत 8 माह से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद है। ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायतें एवं आवेदन दिए जाने के बावजूद अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है, जिससे आमजन में आक्रोश व्याप्त है। बिजली न होने से ग्रामवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है, गांव में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है, बीमार और बुजुर्गों की देखभाल करना कठिन हो गया है, महिलाओं की सुरक्षा भी खतरे में है, रात में अंधेरा होने से सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीवों का खतरा बढ़ गया है।
यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही के साथ-साथ आदिवासी समाज के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाती है, जो असंवैधानिक है। हमारी स्पष्ट मांग है कि ग्राम चांड की बिजली आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए। चांड गांव की रहने वाली रामबाई का कहना है कि हमने सबसे से शिकायत कर ली,विधायक कैलाश कुशवाह से शिकायत की थी। वोट मांगने आए थे जब नई डीपी का बादा कर गए थे,अब जाते है तो कहते है कि कलेक्टर के पास जाओ।
भीम आर्मी के झंडे के नीचे आए ग्रामीणों का कहना था कि चांड गांव में आदिवासी समाज के घरों में विगत 8 माह से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बंद है। ग्रामीणों द्वारा कई बार शिकायतें एवं आवेदन दिए जाने के बावजूद अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है, जिससे आमजन में आक्रोश व्याप्त है। बिजली न होने से ग्रामवासियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि बच्चों की शिक्षा बाधित हो रही है, गांव में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है, बीमार और बुजुर्गों की देखभाल करना कठिन हो गया है, महिलाओं की सुरक्षा भी खतरे में है, रात में अंधेरा होने से सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीवों का खतरा बढ़ गया है।
यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही के साथ-साथ आदिवासी समाज के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाती है, जो असंवैधानिक है। हमारी स्पष्ट मांग है कि ग्राम चांड की बिजली आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए। चांड गांव की रहने वाली रामबाई का कहना है कि हमने सबसे से शिकायत कर ली,विधायक कैलाश कुशवाह से शिकायत की थी। वोट मांगने आए थे जब नई डीपी का बादा कर गए थे,अब जाते है तो कहते है कि कलेक्टर के पास जाओ।