SHIVPURI NEWS - कोलारस में जंगल राज, माफियाओं का खौफ इस्पेंस्क्टर लुटेरों को ज्ञात से अज्ञात लिखा आए

Bhopal Samachar

शिवपुरी। स्थानीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मंच से कई बार अपने भाषणों में कहा कि माफिया को छोड़ा नहीं जाएगा,दिशा समिति की बैठक में भी माफियाओं पर सख्त कार्यवाही के ओदश दिए थे,लेकिन मामला यहां उल्ट ही हो रहा है,कोलारस में जंगलराज चल रहा है,इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमें बीते रोज देखने को मिला है,कि भाजपा का चोला ओढ़े माफियाओं को इतना खौफ है कि जिले के माइनिंग इंस्पेक्टर ज्ञात आरोपियों को अज्ञात बता रहे है।

पहले समझे मामले को
जानकारी के मुताबिक माइनिंग विभाग की टीम रेत के अवैध उत्खनन की सूचना पर से रविवार को पचावली स्थित सिंध नदी के घाट पर पहुंची। यहां से माइनिंग इंस्पेक्टर सोनू श्रीवास ने टीम के साथ रेत का उत्खनन कर रही एक ट्रैक्टर-ट्रॉली व हाइड्रा को जब्त कर लिया और उत्खनन करने वाले मौके से फरार हो गए।

जब टीम दोनों वाहन लेकर पुलिस थाने आ रही थी, तभी पीछे से एकजुट होकर 20 लोग आए और टीम के साथ धक्का मुक्की कर दोनों वाहनों को छीनकर ले गए। माइनिंग इंस्पेक्टर ने कोलारस थाने के लुकवासा आवेदन अज्ञात लोगों के खिलाफ दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इंस्पेक्टर से इस मामले में आरोपियों के नाम पता कर बताने के लिए कहा है। कुल मिलाकर मामले में अभी तक कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ। वाहनों को छुड़ाकर ले जाने वाले लोग सत्ताधारी दल के नेता से जुड़े बताए जा रहे हैं।

माफियाओं के पास हथियार नहीं थे
इंस्पेक्टर सोनू श्रीवास ने बताया कि माफियाओं ने मारपीट नहीं की, लेकिन डरा-धमकाकर वाहन छुड़ा ले गए। माफिया किसके थे, इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। जब वाहन जब्त किए गए, तब ड्राइवरों से कोई पूछताछ नहीं हो सकी थी।

FIR भी नहीं, पुलिस टीम भी नहीं थी साथ
लुकवासा चौकी प्रभारी शिखा तिवारी ने बताया कि माइनिंग अधिकारी चौकी आए जरूर थे, लेकिन कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई, इसलिए FIR दर्ज नहीं हुई है। घटना के समय माइनिंग टीम के साथ कोई पुलिस बल भी तैनात नहीं था।

कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन
कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि यदि सरकारी टीम के साथ ऐसी घटना हुई है, तो वे मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई के निर्देश देंगे। एसपी का फोन नहीं लग सका। मामले में खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी या विधायक की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

सवाल बड़ा है
बताया जा रहा है कि जब माइनिंग इंस्पेक्टर सोनू श्रीवास लुकवासा चौकी में बैठे हुए थे,उस समय कुछ सत्ताधारी नेताओं के करीबी लोग भी चौकी में आ गए थे। बातचीत भी की गई,सूत्रों का कहना है कि इंस्पेक्टर को जानकारी है कि यह जब्त वाहन किसके है इनके क्या नंबर थे,लेकिन इंस्पेक्टर को प्रेशर में लिया गया और इस मामले का सुलटाने के लिए अज्ञात को आवेदन दे दिया गया,बात आवेदन तक की भी नहीं आती अगर जब्त वाहनों की वीडियो सोशल पर वायरल नहीं होती,मामला मीडिया तक पहुंच गया इसलिए ज्ञात को अज्ञात के कनवर्ड कर दिया गया है।

कुल मिलाकर कोलारस में जंगलराज चल रहा है और इस जंगलराज का प्रत्यक्ष उदाहरण बीते रोज की घटना है। जब एक शासकीय इंस्पेक्टर के साथ बीच रोड पर जब्त वाहनों को लूट लिया और इंस्पेक्टर केवल मूकदर्शक बनकर देख रहा है चौकी में उसे न्याय नहीं मिला,ऊपर से नीचे तक पूरी प्रशासनिक मशीनरी इस मामले पर पर्दादारी करने का प्रयास कर रही थी। ऐसे में अज्ञात का आवेदन देकर काम चलता कर दिया कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे

लाठी लेकर आए ग्रामीण छीन ले गए जब्त वाहन
हमने दो वाहनों को पकड़ लिया था और जब थाने ला रहे थे, तभी करीब 20 लोग आए और बलपूर्वक हमसे वाहन छुड़ाकर ले गए। हमारे साथ केवल दो होमगार्ड जवान थे, वह इतने लोगों में क्या कर लेते। हमने अज्ञात के खिलाफ पुलिस में आवेदन दिया है। सोनू श्रीवास माइनिंग इंस्पेक्टर, शिवपुरी।