कोलारस। शिवपुरी जिले के कोलारस थाना सीमा मे आने वाले बेरखेडी में शनिवार को झोलाछाप डाक्टर के इंजेक्शन से ग्रामीण की तबीयत बिगड़ गई। ग्रामीण को स्वजन उपचार के लिए सायकल पर बैठाकर कोलारस लेकर आए। कोलारस के सरकारी अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मृतक का पीएम कराकर मर्ग कायम कर विवेचना प्रारंभ कर दी है।
जानकारी के अनुसार ग्राम बेरखेड़ी निवासी कंचन पुत्र पर्वत आदिवासी उम्र 30 साल शनिवार की देर रात तक पूरी तरह से स्वस्थ था। वह रात को जब सोया तब तक उसे कोई तकलीफ नहीं थी, लेकिन रविवार की अलसुबह 4 बजे उसे अचानक से पेट में दर्द होना शुरू हो गया। कंचन के परिजन ने इसे गैस का दर्द मानकर सुबह 8 बजे गांव के एक झोलाछाप धाकड़ डाक्टर को बुलाया। झोलाछाप डाक्टर को कंचन ने बताया कि उसे बायगोला का दर्द है, क्या वह इसका उपचार कर सकता है।
इस पर उक्त झोलाछाप डाक्टर ने कंचन को दो इंजेक्शन लगाने के साथ ही एक टेबलेट दे दी। उक्त इंजेक्शन लगने के बाद कंचन के पेट का दर्द और अधिक बढ़ गया। दर्द बढ़ने पर कंचन के परिजन ने सोचा की मामूली पेट दर्द है इसलिए मरीज को लेने के लिए एम्बूलेंस नहीं आएगी। इस वजह से उन्होंने एम्बूलेंस को फोन करने की बजाय मरीज को सायकल पर बैठाया और कोलारस के एक अन्य झोलाछाप डाक्टर के यहां पहुंच गए।
कंचन की हालत को देखकर उक्त झोलाछाप डाक्टर ने कंचन को देखने से इंकार करते हुए मरीज के परिजनो को सलाह दी कि वह उसे उपचार के लिए कोलारस के सरकारी अस्पताल ले जाएं। सरकारी अस्पताल में कंचन का उपचार प्रारंभ हुआ उसके दस मिनट के अंदर ही उसने दम तोड़ दिया।
कंचन के स्वजनन ने उसकी हालत बिगड़ने के लिए झोलाछाप डाक्टर के उपचार को दोषी मानते हुए संदेह जाहिर किया कि उसने कंचन को गलत इंजेक्शन लगा दिए, जिसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ी। मामले की शिकायत पुलिस को दर्ज कराई गई। पुलिस ने मृतक का पीएम करवा कर मर्गकायम कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है।