SHIVPURI NEWS - मानसून काल में 24 पुल-पुलिया खतरनाक मोड में, सचेतक भी नही लगे

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिल में मानसून दस्तक दे चका हैं,मानसून शुरू होते ही जिले भर में 24 से अधिक ऐसे पुल-पुलिया व रपटों पर खतरा बढ़ गया है, जहां पानी का तेज बहाव होता है। इन स्थानों पर कई बार तो बारिश के मौसम में इतना पानी हो जाता है कि आवागमन अवरुद्ध होने के साथ ही कई गांवों का संपर्क शहर से कट जाता है। इन पुल-पुलियाओं पर प्रशासन ने न तो संकेतक लगवाए हैं और न ही सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात की गई है, जिससे यहां  खतरा और अधिक बढ़ गया है।

कोलारस, बदरवास, रन्नौद, पोहरी, करैरा, बैराड़, छर्च, नरवर, पिछोर, खनियांधाना सहित अन्य स्थानों पर 24 से अधिक ऐसे पुलियां व रपटें है जो कि बारिश के मौसम में खतरा बन जाते है। रपटों पर पानी अधिक होने से दर्जनों गांव से संपर्क टूट जाता है।

बदरवास के वार्ड 12 में बनी पुलिया, ग्राम बारई में बनी पुलिया आदि पर बारिश होते ही पानी तेज बहाव में बहता है। इससे करीब आधा दर्जन गांव से आना-जाना पूरी तरह से रुक जाता है। कोलारस स्थित भड़ौता, देहरदा गणेश, चिलावद पहुँच मार्ग, कोलारस में गुंजारी नदी के पास खटीक मोहल्ला का रपटा, रामेश्वर धाम के पास से निकला रपटा खतरे से खाली नहीं है। पिछले साल खटीक मोहल्ला के रपटे पर दो लोग बह गए थे।

यहां खतरा अधिक
अकाझिरी-रन्नौद मार्ग की धंधेरा गांव पर स्थित नदी बारिश के चार माह ग्रामीणों को काफी परेशानी का सबब बनती है। रन्नौद के माधव सरोवर तालाब के भरने के बाद काफी परेशानी आती है। यहां थोड़ी सी बारिश होने के बाद 5 से 6 घंटे तक आवागमन बंद हो जाता है। धरातल से मात्र तीन से चार फीट ऊंचाई पर बना पुल बारिश में ग्रामीणों को परेशान करता है।

इस मार्ग से हर रोज दर्जन भर यात्री बसें निकलती है। इन सभी को निकलने में काफी दिक्कत आती है। यह पुल भी पिछले कई सालों से जर्जर हालत में है जो कभी भी तेज पानी के बहाव में बह सकता है। अकाझिरी से शिवपुरी मार्ग को जोड़ने वाले मोहमदपुर के पास स्थित रपटा बारिश के दिनो में ग्रामीणों का आना-जाना बंद हो जाता है। खरैह से राजापुर गांव को जोडने वाला रपटा भी जरा सी बारिश में उफान पर हो जाता है। इससे करीब एक दर्जन गांव से संपर्क टूट जाता है।

दो दिन पूर्व रपटे पर बह गया था ट्रैक्टर-ट्रॉली
अभी मानसून की बारिश का आगाज ही हुआ है और दो दिन पूर्व थोड़ी सी बारिश में ही सिरसौद के ग्राम कुंअरपुर पेट्रोल पंप के पास मौजूद रपटे पर तेज पानी का बहाव पर मिट्टी से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पानी में बहते हुए रपटे से नीचे गिर गई। इस घटना में ट्रैक्टर पर सवार चार ग्रामीणों को स्थानीय लोगों ने ही रेस्क्यू कर बचाया। यह तो इस साल की पहली घटना है। हर साल इस तरह की घटनाएं होती है और इन हादसों में अभी तक कई लोगों की जान भी जा चुकी है।

सिंध में पानी से टापू बन जाता है सूंड़ गांव
बारिश के मौसम में सिंध नदी से कोलारस, बदरवास, रन्नौद के बाद नरवर में सबसे ज्यादा असर देखा जाता है। नरवर के ग्राम पंचायत कालीपहाड़ी स्थित ग्राम सूड की आज से नहीं बल्कि कई सालों से हालत यह है कि यह पूरा गांव थोड़ी ऊंचाई पर है और सिंध नदी में तेज बहाव आता है तो गांव चारों तरफ से नदी के पानी से घिर जाता है। उस समय पर गांव में आने-जाने का संपर्क टूट जाता है।

इसके लिए प्रशासन ने अभी कुछ दिन पूर्व एक छोटा पुल स्वीकृत कर दिया, लेकिन अभी तक उसका काम शुरू नहीं हुआ है। इसके अलावा मडीखेड़ा डैम के पास ही कल्याणपुर व पवा गांव है, यह दोनों गांव भी सिंध नदी में तेज बहाव आने पर सतनवाड़ा मार्ग से कट जाते हैं।

इनका कहना हैं
मैनें सभी थाना प्रभारियों को आदेशित कर दिया है। बारिश के दौरान वह अपने-अपने थाना क्षेत्रों में मौजूद पुलिया व रपटों पर पुलिस बल तैनात करें और लोगों को तेज बहाव में नहीं जाने दें। साथ ही पर्यटक स्थलों पर जब लोगों का आना-जाना हो तो वहां भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल रहें।
अमन सिंह राठौड, एसपी, शिवपुरी

बारिश में आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम बनाया है। साथ ही होमगार्ड से लेकर अन्य को निर्देशित किया है कि वह हर समय इस तरह की घटनाओं को लेकर सचेत रहें। लोगों से भी अपील कर रहे है कि जब भी पुलियों व रपटों पर पानी का तेज बहाव हो तो ऐसे समय पर वह पानी में से न निकलें।
रविन्द्र चौधरी, कलेक्टर, शिवपुरी।