भोपाल। शिवपुरी-श्योपुर जिले की सीमा पर स्थित कूनो नेशनल पार्क की दामिनी फैमिली अंत:डेढ़ माह बाद पार्क में पहुंच गई है। माता चीता गामिनी अपने चार शावकों के साथ कूनो पार्क की सीमा से निकली थी और 3 जिलों का दौरा कर आई। गामिनी की फैमिली पहले शिवपुरी जिले में प्रवेश किया उसके बाद ग्वालियर और मुरैना तक पहुंच गई। अंत:गामिनी की फैमिली को वापिसी लाने के लिए 50 लोगों की टीम बनाई गई और मुरैना में ट्रैक्यूलाइज किया गया और वापस कूनो में छोडा गया है।
मादा चीता गामिनी और उसके 4 शावक मुरैना जिले के जौरा के पगारा बांध क्षेत्र में पहुंच गए थे। मुरैना के पगारा क्षेत्र से ट्रैक्यूलाइज करने और उससे वापस कूनो में लाकर छोड़ने के इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगभग 5 घंटे का समय लगा। गामिनी फैमिली को कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में ही छोड़ा गया है।
इससे पहले कूनो नेशनल पार्क के डॉक्टर्स की टीम के साथ ही कूनो नेशनल पार्क, मुरैना और ग्वालियर का मैदानी अमले ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पहले पांचों चीतों को ट्र क्युलाइज किया गया और उसके बाद पांच वातानुकूलित गाडियों के जरिए कूनों में लाकर पार्क के खुले जंगल में छोड़ दिया गया।
इस दौरान लगभग 50 लोगों की टीम ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। ट्रैक्यूलाइज करने के दौरान ही पांचों चीतों के शरीर पर मानसून में संक्रमण से बचाव के लिए दवाई भी लगाई गई. ये दवाई कूनो के सभी चीतों को लगाई जा रही है।
पहली बार एक साथ पांच चीता किए ट्रैक्यूलाइज
वन्यजीव को ट्रैक्यूलाइज करना बड़ी चुनौती होती है, लेकिन कूनो प्रबंधन ने मंगलवार को गामिनी फैमिली के लिए किए रेस्क्यू ऑपरेशन में एक साथ 5 चीतों को ट्रैक्यूलाइज किया और फिर 3 घंटे की यात्रा के बाद वापस कूनो में छोड़ा। प्रोजेक्ट चीता के तहत बीते ढाई साल में ये पहली बार है, जबकि एक साथ 5 चीते ट्रैक्यूलाइज कर रेस्क्यू किए गए हैं। इस सफल ऑपरेशन से कूनो प्रबंधन की टीम भी उत्साहित नजर आई।
डेढ़ माह में तीन जिलों को नाप आई गामिनी फैमिली
मादा चीता गामिनी और उसके शावक बीते लगभग डेढ़ माह में 3 जिलों का सफर कर चुकी है। मई के पहले सप्ताह में कूनो नेशनल पार्क से निकलकर पोहरी क्षेत्र से होकर शिवपुरी जिले में पहुंची गामिनी फैमिली, कुछ दिन माधव नेशनल पार्क में रही। उसके बाद इसने ग्वालियर जिले का रुख किया और इसके बाद ये ग्वालियर के जंगल में पहुंची, वहां से होते हुए मुरैना जिले में दाखिल हुई। अभी 3 दिन पहले ये पांचों चीते मुरैना जिले के जौरा में पगारा बांध के पास दिखे और लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल किया। जिसके बाद मंगलवार को इनको रेस्क्यू कर वापस कूनों में लाया गया।
इनका कहना हैं
गामिनी और उसके चारों शावकों को जौरा से रेस्क्यू कर वापस कूनो नेशनल पार्क की सीमा में लाकर छोड़ दिया गया है। सभी चीते स्वस्थय हैं।
उत्तम कुमार शर्मा, एपीसीसीएफ एवं डायरेक्टर सिंह परियोजना श्योपुर-शिवपुरी
मादा चीता गामिनी और उसके 4 शावक मुरैना जिले के जौरा के पगारा बांध क्षेत्र में पहुंच गए थे। मुरैना के पगारा क्षेत्र से ट्रैक्यूलाइज करने और उससे वापस कूनो में लाकर छोड़ने के इस रेस्क्यू ऑपरेशन में लगभग 5 घंटे का समय लगा। गामिनी फैमिली को कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में ही छोड़ा गया है।
इससे पहले कूनो नेशनल पार्क के डॉक्टर्स की टीम के साथ ही कूनो नेशनल पार्क, मुरैना और ग्वालियर का मैदानी अमले ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इस दौरान पहले पांचों चीतों को ट्र क्युलाइज किया गया और उसके बाद पांच वातानुकूलित गाडियों के जरिए कूनों में लाकर पार्क के खुले जंगल में छोड़ दिया गया।
इस दौरान लगभग 50 लोगों की टीम ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। ट्रैक्यूलाइज करने के दौरान ही पांचों चीतों के शरीर पर मानसून में संक्रमण से बचाव के लिए दवाई भी लगाई गई. ये दवाई कूनो के सभी चीतों को लगाई जा रही है।
पहली बार एक साथ पांच चीता किए ट्रैक्यूलाइज
वन्यजीव को ट्रैक्यूलाइज करना बड़ी चुनौती होती है, लेकिन कूनो प्रबंधन ने मंगलवार को गामिनी फैमिली के लिए किए रेस्क्यू ऑपरेशन में एक साथ 5 चीतों को ट्रैक्यूलाइज किया और फिर 3 घंटे की यात्रा के बाद वापस कूनो में छोड़ा। प्रोजेक्ट चीता के तहत बीते ढाई साल में ये पहली बार है, जबकि एक साथ 5 चीते ट्रैक्यूलाइज कर रेस्क्यू किए गए हैं। इस सफल ऑपरेशन से कूनो प्रबंधन की टीम भी उत्साहित नजर आई।
डेढ़ माह में तीन जिलों को नाप आई गामिनी फैमिली
मादा चीता गामिनी और उसके शावक बीते लगभग डेढ़ माह में 3 जिलों का सफर कर चुकी है। मई के पहले सप्ताह में कूनो नेशनल पार्क से निकलकर पोहरी क्षेत्र से होकर शिवपुरी जिले में पहुंची गामिनी फैमिली, कुछ दिन माधव नेशनल पार्क में रही। उसके बाद इसने ग्वालियर जिले का रुख किया और इसके बाद ये ग्वालियर के जंगल में पहुंची, वहां से होते हुए मुरैना जिले में दाखिल हुई। अभी 3 दिन पहले ये पांचों चीते मुरैना जिले के जौरा में पगारा बांध के पास दिखे और लोगों ने वीडियो बनाकर वायरल किया। जिसके बाद मंगलवार को इनको रेस्क्यू कर वापस कूनों में लाया गया।
इनका कहना हैं
गामिनी और उसके चारों शावकों को जौरा से रेस्क्यू कर वापस कूनो नेशनल पार्क की सीमा में लाकर छोड़ दिया गया है। सभी चीते स्वस्थय हैं।
उत्तम कुमार शर्मा, एपीसीसीएफ एवं डायरेक्टर सिंह परियोजना श्योपुर-शिवपुरी