पिछोर। पिछोर अपर सत्र न्यायाधीश किशोर कुमार गेहलोत ने एक महिला के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को दस साल के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। शासकीय ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक अमित कुमार वर्मा ने की।
खास बात यह है कि इस मामले में पुलिस ने सिर्फ छेड़छाड़ और मारपीट की धाराओं में प्रकरण कायम किया था। पीड़िता ने बलात्कार की धाराएं बढ़वाने के लिए न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था। न्यायालय के आदेश महिला की बलात्कारी संबंधी एमएलसी और आरोपित का डीएनए कराया गया था।
अभियोजन के अनुसार 2 फरवरी 2018 को पीड़िता ने पिछोर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि 1 फरवरी 2018 के रात करीब 8 बजे उसका पति खेत में गया हुआ था, वह अपने कुआं पर भैंस का भूसा डालने के लिए गई थी, तभी आरोपी बलराम पुत्र मेहरबान सिंह उम्र 40 साल निवासी जराय ने आकर बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया, गला पकड़कर उसे पटक दिया। जिससे उसको चोट आ गई। कुछ ही देर में पीड़िता के पति सहित पड़ोसी सुखनंदन लोधी एवं उसकी मां वहां आ गए।
फरियादी के पति ने आरोपी को पकड़ लिया, लेकिन आरोपी झटक कर वहां से भाग गया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ धारा 354, 323 आईपीसी के तहत प्रकरण कायम कर मामले की विवेचना शुरू की। इसी क्रम में 6 फरवरी को पीड़िता ने न्यायालय के समक्ष बलात्कार किए जाने के संबंध में परिवाद प्रस्तुत किया। जिस पर से न्यायालय द्वारा फरियादी का जिला चिकित्सालय शिवपुरी से मेडिकल कराने एवं दुष्कर्म के संबंध में आरोपी का डीएनए कराने हेतु आदेशित किया गया था।
पुलिस महानिरीक्षक की अनुमति उपरांत आरोपित का ब्लड सैंपल लेकर ड्राफ्ट तैयार कर 18 जुलाई 2018 को एफएसएल सागर भेजा गया था, जहां उक्त डीएनए पॉजिटिव पाए जाने पर आरोपित के खिलाफ धारा 376 इजाफा कर विवेचना अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के उपरांत प्रकरण में तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर यह पाया कि आरोपित पर धारा 354 व 376 का अपराध सिद्ध पाया गया। न्यायालय ने आरोपित को दस साल के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।