शिवपुरी। शिवपुरी शहर की सबसे सुरक्षित माने जाने वाली संतुष्टि अपार्टमेंट में शनिवार की रात 8 बजे 12 साल की बच्ची सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में बने एक सीबर के बडे गड्ढे में गिर गई। बच्ची की लाश निकालने के लिए प्रशासन को 4 घंटे तक रेस्क्यू करना पडा। बताया जा रहा है कि बच्ची कॉलोनी के अन्य बच्चों के साथ खेलते समय सीवर के चेंबर के लोहे के बने ढक्कन पर चढ़ गई, ढक्कन में लगी चादर धंसते हुए टूट गई और बच्ची सीबर के समा गई। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का बच्चों की पहुंच के अंदर होना, घटिया मैनेजमेंट का प्रमाण है और उसका लोहे का कवर इतना कमजोर होने के 12 साल की बच्ची के वजन से टूट जाए, घटिया मेंटेनेंस को प्रमाणित करता है।
कत्था मिल के पास संतुष्टि कॉलोनी में उत्सविका भदौरिया उम्र 12 साल पुत्री देवेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया शनिवार की रात करीब 8 बजे खेलते समय सीवर के सेप्टिक टैंक में गिरने से डूब गई है। बताया जा रहा है कि उत्सविका दो-तीन बच्चियों के संग जिस गार्डन में खेल रही थी, वह सेप्टिक टैंक के ऊपर बना है। उत्सविका खेल खेल में सीवर के एक बड़े सेप्टिक टैंक के चेंबर पर जा पहुंची और चेंबर का लोहे का ढक्कन उत्सविका का वजन सहन नहीं सका,लोहे के बने इस ढक्कन पर लगी लोहे की चादर टूट गई और उत्सविका इस सेप्टिक टैंक में समा गई। बच्ची के पिता सेसईसपुरा स्थित प्राइवेट कॉलेज के संचालक है। बच्ची हैप्पी डेज स्कूल में कक्षा 7वीं की छात्रा थी और बड़ा भाई 9वीं का छात्र है।
उत्सविका के साथ खेल रही 7 साल की भव्या ने सभी को बताया
8 साल की प्रत्यक्षदर्शी भव्या का कहना है कि दीदी (उत्सविका) के संग गार्डन में खेल रही थी। अचानक दीदी गिरीं तो मैंने हाथ पकड़ लिया। एक मिनट रोककर रखा, लेकिन वो बड़ी थीं इस कारण नीचे गिर गईं। मैं भागकर मम्मी को बताने गई। हम चार बच्चे वहां खेल रहे थे,इस घटना के बाद भव्या दौड़कर अपने घर भागी और अपनी मॉ को घटना के विषय मे बताया,कॉलोनी में इस प्रकार की घटना के बाद कॉलोनी में हड़कंप की स्थिति बन गई।
सबसे पहले पहुंची नगर पालिका की टीम
बताया जा रहा है इस घटना की जानकारी सीएमओ ईशांक धाकड को मिली,तत्काला सीएमओ ने नपा की 3 सक्शन मशीन वाली गाड़ियां मौके पर पहंचाई और इस सेप्टिक टैंक को खाली किया जाने लगा। मौके पर कॉलोनी में बने इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का नक्शा मंगाया गया। इस सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में तीन बडे बडे 20 25 लंबे चौडे और 20 फुट गहरे सेप्टिक टैंक बने हुए है। जिस सेप्टिक टैंक में उत्सविका गिरी उसको खाली करने का प्रयास शुरू किया गया। नगर पालिका के लगभग 40 लोगों का स्टाफ मौके पर था। वहीं इस घटना की सूचना पर एसडीआरएफ की टीम भी पहुंची थी,लेकिन वह कुछ खास नहीं कर सकी। टीम के संसाधनों का प्रयोग नगर पालिका की टीम ने किया।
लगभग 50 टैंकर मलवा निकाला गया
उत्सिवका की तलाश करने के लिए लगातार 4 घंटे तक नगर पालिका के 3 मशीनों ने अपना काम किया और लगभग 50 टैंकर मलवा निकाला गया। नगर पालिका के सफाई कर्मी बार बार टैंक में उतर रहे थे कि कही उत्सविका दिख जाए लेकिन प्रयास सफल नहीं हो रहा था। लेकिन जब सेप्टिक टैंक में 3 फुट मलवा रह गया था उसके बाद कांटे वाले उपकरण डाले गए एक उपकरण में उत्सविका के कपडे फस गए तो नगर पालिका के 2 सफाई कर्मी टैक में फायर बिग्रेड की सीढियो के सहारे उतरे और उत्सविका को निकाला। नगर पालिका के सफाई कर्मियों ने बताया कि उत्सविका मुंह के बल गड्ढे में गिरी थी। और उसी स्थिति में वह निकली।
बेटी के जिंदा होने की आस में सुधबुध खो बैठी रहीं मां
रात के 12.40 बज रहे हैं। 12 साल की उत्सविका के सेप्टिक टैंक में डूबने के बाद से ही संतुष्टि कॉलोनी में भीड़ लगी हुई है। हर व्यक्ति इसी प्रयास में जुट गया कि कैसे भी उसे जल्द से बाहर निकाल लें। सेप्टिक टैंक को खाली करते-करते चार घंटे से अधिक वक्त बीत चुका है लेकिन सेप्टिक टैंक में डूबी हुई बेटी का पता नहीं चल सका। उत्सविका की माँ पास ही बेसुध सी बैठी हुई हैं। उन्हें आस है कि उनकी बेटी वापस आएगी। इस बीच कई लोगों की आंखों से आंसू छलक रहे हैं। तमाम आशा-निराशा के बीच सभी यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सेप्टिक टैंक से बेटी उत्सविका जीवित निकल आए लेकिन रात 12:40 बजे बच्ची का शव मिलने के बाद सारी उम्मीदें टूट गईं।