ललित मुदगल एक्सरे शिवपुरी। शिवपुरी मे व्यापारियों के द्वारा फार्म ऐप गेट के माध्यम से की गई खरीदी का मामला उजागर होने के बाद संयुक्त संचालक म प्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड ग्वायिल ने एक जांच टीम का गठन किया था। इस जांच टीम ने रविवार को शिवपुरी कृषि उपज मंडी कार्यालय शिवपुरी में आकर जांच की,बताया जा रहा है कि इस जांच टीम ने व्यापारियों के गोदामों पर भी जाकर छानबीन की,अभी समिति ने अपनी जांच संयुक्त संचालक सुरेश कुमार कुम्हरे को नहीं सौंपी है। इस जांच के बाद सीधे संयुक्त संचालक पर सवाल उठ रहे है,संयुक्त संचालक के सवालो से पूर्व आप समझे इस मामले को।
शिवपुरी की मीडिया ने फार्म ऐप गेट के माध्यम से किसानों की उपज की खरीदी काण्ड को उजागर किया था। इसमें व्यापारियों ने फर्जी किसान बनाकर माल खरीद लिया। मीडिया ने प्रकाशन किया था कि एक व्यापारी ने स्वयं का माल स्वयं खरीद लिया। वही कुछ व्यापारियो ने अपने ही कर्मचारियों को किसान बनाकर माल खरीदा था। माल लाखों रुपए की टैक्स चोरी का निकला इस कारण इस जांच दल का गठन किया था।
यह थी जांच टीम
संयुक्त संचालक ग्वालियर मंडी बोर्ड सुरेश कुमार कुम्हरे के आदेश से फार्म ऐप गेट के माध्यम से की गई व्यापारियों की खरीदी की जांच के लिए 3 सदस्य की टीम का गठन किया था। इस टीम में करैरा मंडी के सचिव विजय मीणा प्रभारी ग्वालियर कार्यालय के मंडी उपनिरीक्षक अनिल कुमार दोहरे और मंडी समिति डबरा के उपनिरीक्षक सतेंद्र सिंह जादौन को रखा गया था।
जांच टीम ने व्यापारियों के गोदाम चौक
यह फर्जीवाड़ा ऑनलाइन किया गया था। जांच टीम को पूरा डाटा मंडी के ऐप और मंडी कार्यालय में ही मिल जाता। इसमें केवल फार्म ऐप गेप के माध्यम से खरीदी की गई सौदा पत्रक और भुगतान पत्रक में अंकित किसान का मोबाइल पर कॉल कर किसान को वेरीफाई करना था। फोन लगाकर किसान से पूछना था कि आपने यह इस व्यापारी को बेचा था,अगर बेचा था तो कितना पूरा का पूरा सत्यापन फोन से ही हो जाता,लेकिन जांच टीम ने व्यापारियों के गोदाम चेक किया। मामला लगभग 5 दिन पुराना था। अगर तत्काल में व्यापारी के गोदाम चेक होते तो सत्यता निकल कर सामने आती।
विश्वनाथ सिंह को बचाने जांच टीम का ड्रामा
बताया जा रहा है फार्म ऐप गेट के माध्यम से की गई व्यापारियों की खरीदी में फर्जी सौदा पत्रको की एनओसी देने वाले शिवपुरी के मंडी सचिव विश्वनाथ सिंह को बचाने के लिए ग्वालियर से ही स्क्रिप्ट लिखी गई है। जांच टीम के प्रभारी करैरा उपज मंडी के सचिव को बनाया गया है मीणा पर मूंगफली चोरी कांड की विभागीय जांच चल रही है। वही सचिव की जांच के सचिव पद से बडे स्तर के अधिकारी को करने का अधिकार है। वही इस जांच में 2 सदस्य ऐसे रखे गए है जो मंडी सब इंस्पेक्टर है एक बड़े अधिकारी की जांच छोटा अधिकारी कैसे कर सकता है। यह भी एक बड़ा सवाल है।
संयुक्त संचालक की भूमिका घेरे में
इस मामले की गहन से देखे तो संयुक्त संचालक सुरेश कुमार कुम्हरे की भूमिका घेरे में है। मीडिया ने इस मामले को उजागर ऑफिस मे बैठकर केवल मोबाइल नंबर की सत्यता को जांच कर उजाकर कर दिया। इसमें एक नंबर मंडी के चौकीदार का निकला जिसको किसान बनाकर व्यापारी ने सौदा पत्रक भर लिया,इस चौकीदार का स्थानांतरण करने की योजना बनाई लेकिन मीडिया के प्रेशर में इस स्थानांतरण की योजना को फेल कर दिया।
इसमे सबसे पहले शिवपुरी कृषि उपज मंडी के सचिव विश्वनाथ सिंह को सस्पेंड संयुक्त संचालक ग्वालियर को करना था उसके बाद जांच करनी थी। यह कैसे साबित होगा कि मंडी सचिव विश्वनाथ सिंह जांच प्रभावित नहीं करेगें। वही सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले की गठरी किसी कम्प्यूटर आपरेटर पर फोडी जाने की स्क्रिप्ट तैयार कर ली है। इस पूरे कांड में कसूरवार केवल शिवपुरी मंडी के सचिव विश्वनाथ सिंह है।
लॉकडाउन से पूर्व मंडी में किसान की एक किलो फसल भी खरीदना अपराध की श्रेणी मे आता था,लॉकडाउन में जब दुनिया रूक गई थी इसलिए सरकार ने किसानों का माल बेचने और खरीदने के लिए फार्म ऐप जारी किया था। इस फार्म ऐप के तहत किसान को अपनी प्रवि/टी ऐप पर पूरी जानकारी जैसे जींस का नाम अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करनी होती थी। यह किसान का आवेदन सभी व्यापारियों को दिखने लगता है उसके बाद सौदा फायनल होता है और यह पत्रक व्यापारी संबंधित मंडी सचिव को भेजता है सचिव इस सौदे को फिजिकल वेरीफाई करता है उसके बाद यह सौदा पूरा होता है।
लेकिन हुआ यह है कि व्यापारी ने अपने ही किसी व्यक्ति को किसान बनाकर सौदा पत्रक भर सचिव की आईडी पर भेज दिया और शिवपुरी मंडी सचिव ने इसको अपनी कुर्सी पर ही बैठकर वेरीफाई कर दिया। अब व्यापारी ने कितना माल खरीदा है यह कैसे पता चलेगा। कुल मिलाकर सौदा पत्रक के नाम व्यापारियो ने जमकर टैक्स चोरी की है। सचिव और व्यापारियों की जुगलबंदी में केवल 10 प्रतिशत ही माल के सौदा पत्रक भरे है। कुल मिलाकर सबसे पहले इस मिलीभगत में सचिव को सस्पेंड करना था।
शिवपुरी के अतिरिक्त मंडियो की जांच क्यो नही
अब सयुकत संचालक पर एक सवाल यह भी बनता है कि शिवपुरी कृषि उजत मंडी के अतिरिक्त जिले की कोलारस,बदरवास,करैरा,बैराड,नरवर,मगरौनी,पिछोर,खनियाधाना,रन्नौद,खतौरा सहित अन्य मंडियो के फार्मऐप गेट की जांच क्यो नही कराई। घोटाल यहां की मंडियो के प्रबंधन ने भी करवाया है। यह कैसे मान ले कि जिले की अन्य मंडियों में इस मामले में लापरवाही नहीं बरती गई होगी,इसलिए संयुक्त संचालक की भूमिका संदिग्ध है।
यह बोले जांच अधिकारी विजय मीणा
हमने सौदा पत्रक ओर भुगतान पत्रको पर अंकित 10 से 20 नंबरों पर कॉल किया तो वह किसान ही निकले,मीडिया ने सवाल किया जो नंबर मीडिया ने प्रकाशित किए उन नंबरो पर कॉल किया क्या इस सवाल को सुनते ही जांच टीम के प्रभारी ने फोन काट दिया।