SHIVPURI NEWS - गिटार वीणा का चोरी रूप है, अंग्रेजो ने चुराया है, ग्रैमी अवार्ड विजेता पं सलिल भट्ट

Bhopal Samachar

शिवपुरी। ज्ञान की देवी की मॉ सरस्वती के हाथ में एक वाद्य यंत्र वीणा आप सभी ने अवश्य देखी होगी। इस वाद्य यंत्र वीणा का सनातन धर्म के धर्म शास्त्रों का उल्लेख है। विख्यात वीणा वादक सलिल भट्ट सोमवार को शिवपुरी में हैप्पी डेज स्कूल के कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देने पहुंचे थे। सलिल भट्ट ने बताया कि गिटार वीणा का ही एक रूप है,वीणा के रूप से ही अंग्रेजों ने इसे चुराया है। सलिल भट्ट स्कूली बच्चों को संगीत और पुरातन वाद्य यंत्र वीणा के वर्णन पर संवाद किया।

सलिल भट्ट जयपुर के जाने माने संगीतज्ञ परिवार से है। इनके पिता व गुरु पद्मश्री विश्व मोहन भट्ट स्वंय एक वीणा वादक हैं और ग्रैमी अवॉर्ड विनर हैं। सलिल ने सात्विक वीणा की रचना की। देश ही नहीं विदेशों में भी भारतीय संगीत को नए आयाम देने में सलिल का विशेष योगदान है। हाल ही में 'ग्लोबल इंडियन' हाल की उपाधि से विभूषित सलिल भट्ट सारे विश्व में अपने एकल वादन, विदेशी देशी कलाकारों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय जुगल बंदी एवं सात्विक वीणा की रचना करने के लिए अपनी पहचान बनाने में अव्वल रहे।

खास बात यह भी है कि श्री भट्ट को देश के प्रथम संगीतज्ञ कैनेडियन ग्रैमी अवार्ड का नॉमिनेशन प्राप्त है। मंच से उनका परिचय देते हुए हैप्पी डेज के शिक्षक और मंच संचालक शंभू ने बताया कि सलिल भट्ट भारतवर्ष के प्रथम ऐसे कलाकार हैं। जिन्होंने जर्मनी के पार्लियामेंट में 2005 में सात्विक वीणा वादन कर देश के लिए अनूठा सम्मान प्राप्त किया।

आइसलैंड जैसे सुदूरवर्ती देश में वहां की संसद एवं तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति के लिए वीणा वादन किया। ताइवान में आर्टिस्ट रेजीडेंसी करने वाले सलिल भारत के प्रथम कलाकार हैं। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ के लिए एवं अंतरराष्ट्रीय सार्क सम्मेलन में भी वीणा का वादन किया है। वर्ष 2010 में विश्व के सर्वोच्च संगीत सम्मान 'ग्रेमी अवार्ड' के लिए प्री-नॉमिनेशन मिला। पिछले 37 वर्षों से भारतवर्ष के 600 बड़े-छोटे शहरों समेत 42 देशों में सात्विक वीणा वादन कर चुके हैं।

आयोजन के दौरान 45 मिनट के कार्यक्रम में वीणा और उसके प्रयोग पर उन्होंने बेहतर प्रस्तुतिकरण दिया। सलिल के वादन में गायकी अंग, तंत्रकारी अंग, आधुनिक गिटार तकनीक, अविश्वसनीय गति एवं राग का शुद्धतम स्वरूप परिलक्षित होता है। उनके गुरु एवं पिता देश की जीवित किंवदंती कहे जाने वाले 'ग्रैमी अवार्ड" विजेता पद्म भूषण पं. विश्व मोहन भट्ट हैं।

इस दौरान बच्चों ने सवाल किया कि गिटार का प्रचलन ज्यादा है, इसकी क्या वजह है। जवाब में मैं बोले- वीणा बहुत पुराना वाद्य यंत्र है और इसके नए रूप सामने आ गए हैं। । वीणा से ही चुराकर अंग्रेजों ने संगीत का वाद्य यंत्र गिटार बनाया है। इसलिए वीणा का महत्व इससे कम नहीं होता। इस दौरान कई तरह के सवाल-जवाब विद्यार्थियों और भट्ट के बीच हुए।