मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की एक बात अच्छी है। वह किसी भी मामले में अपने प्रयासों का दिखावा नहीं करते बल्कि As Soon As Possible रिजल्ट लेकर आते हैं और सीधे सफलता की सूचना देते हैं। ग्वालियर से किडनैप हुए 6 साल के मासूम बालक के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। घटना के 14 घंटे बाद, गुरुवार की देर रात मुख्यमंत्री स्क्रीन पर आए और बताया कि सफलता मिल गई है। बालक सुरक्षित है।
ग्वालियर से दिन दहाड़े उठा ले गए थे
मुरार थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह करीब 8 बजे 6 साल के बच्चे शिवाय गुप्ता का अपहरण हो गया था। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि बच्चे को उसकी मां आरती गुप्ता स्कूल बस तक छोड़ने लेकर जा रही है। इसी दौरान बाइक पर दो बदमाश पीछे से आए। एक बदमाश महिला और बच्चे के पीछे उतर गया जबकि बाइक चला रहा युवक बाइक के साथ थोड़ी आगे जाकर रुका।
इसके बाद बदमाश ने पीछे से आकर महिला की आंखों में मिर्ची डाली और बिजली की फुर्ती से बच्चे को उठाकर बाइक की ओर भागा। बच्चे को पकड़ने दौड़ी मां सड़क पर गिर गई। इस बीच दोनों बदमाश बच्चे को लेकर भाग निकले। मां किसी तरह उठी और शोर मचाने लगी। शिवाय के पिता राहुल गुप्ता शुगर व्यापारी हैं।
मुख्यमंत्री की नाकाबंदी के बाद मुरैना से बाहर नहीं निकाल पाए
मासूम शिवाय गुप्ता को सकुशल बरामद कर लिया गया .. मां की दुआएं काम आ गई @CMMadhyaPradesh @DGP_MP @MPPoliceDeptt https://t.co/VxcfkP8OTs pic.twitter.com/gMZY0tJSwb
— Vikas Dixit © (@Vikas_aajtak) February 13, 2025
ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश मिलने के बाद ग्वालियर चंबल संभाग के सभी पुलिस थानों को अलर्ट पर डाल दिया गया था। पुलिस पार्टियों को सर्चिंग पर लगाया गया था। सिविल ड्रेस में पुलिस की कई टीम बालक का पता लगाने के लिए फील्ड में निकाल दी गई थी। इसका नतीजा यही हुआ कि चारों तरफ से प्रेशर क्रिएट हो गया। बदमाशों को समझ में आ गया था कि, बालक के साथ निकलना मुश्किल है और यदि बालक को कोई नुकसान पहुंचा तो बड़ी समस्या हो सकती है। गांव और जंगल तक पुलिस की सक्रियता को देखकर उन्होंने बालक को बंशीपुर गांव में छोड़ा और स्वयं किसी अज्ञात स्थान पर जाकर छुप गए।
बंशीपुरा गांव में शिवाय एक जगह पर खड़ा रो रहा था। तभी वहां से एक ई-रिक्शा वाला निकला। पुलिस ने अपने पूरे नेटवर्क में बालक के फोटो वायरल कर दिए थे। जैसे ही रिक्शा चालक ने बालक को देखा, वह पहचान गया। उसने बच्चे को सुरक्षित अपने साथ लिया और काजीबसई गांव के सरपंच को सौंप दिया। सरपंच ने निर्देशानुसार बालक की सूचना पुलिस को दी और फिर बालक के माता-पिता से संपर्क किया गया।