भोपाल। शिवपुरी सर्किल जेल में बंद कैदी की ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। बंदी पर एक नाबालिग से रेप के आरोप में बंद था। शिवपुरी की सर्किल जेल में बंद बंदी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे शिवपुरी के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया था। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। ग्वालियर पुलिस ने मर्ग कायम कर आज शुक्रवार को ग्वालियर में कैदी का पोस्टमॉर्टम कराया हैं।
नाबालिग को लेकर हो गया था फरार
जानकारी के मुताबिक 27 साल का रामकुमार उर्फ कल्ला पुत्र राम सिंह परिहार 26 मई 2024 को गांव की 16 साल की नाबालिग को भगा ले गया था। पुलिस में रामकुमार के खिलाफ रेप सहित पॉक्सो की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। इस बीच रामकुमार कई शहरों में रहा था। 6 अगस्त को रामकुमार वापस शिवपुरी लौटा आया था। जहां शिवपुरी के बाईपास से रन्नौद पुलिस ने दोनों को बरामद कर लिया था। पुलिस 7 अगस्त को रामकुमार को शिवपुरी की सर्किल जेल में भेज दिया था।
उपचार के दौरान हुई मौत
रामकुमार परिहार को सांस लेने में परेशानी आने के बाद 2 सितंबर सर्किल जेल से मेडिकल कॉलेज शिफ्ट किया गया था। उसे टीबी की बीमारी बताई गई थी। तबीयत में सुधार न आने के चलते रामकुमार को 4 सितंबर को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन रामकुमार की उपचार के दौरान मौत हो गई। ग्वालियर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया हैं।
पिता ने लगाए बेटे के साथ मारपीट के आरोप
रामकुमार परिहार उर्फ कल्ला के पिता रामसिंह परिहार ने बेटे के साथ मारपीट के आरोप लगाए हैं। रामसिंह का कहना है बेटे रामकुमार ने 6 अगस्त को सरेंडर कर दिया था। लेकिन किशोरी के परिजनों ने रन्नौद पुलिस को पैसा देकर जेल पहुंचाने के पहले करंट लगवाया था साथ ही उसकी थाने में मारपीट की थी। तभी से रामकुमार की हालत नाजुक थी। जिससे उसकी मौत हो गई।
वहीं रन्नौद थाना प्रभारी अरविंद सिंह चौहान ने परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताया हैं। उनका कहना है कि किसी भी कैदी को जेल पहुंचाने से पहले मेडिकल कराया जाता हैं। रामकुमार परिहार का भी मेडिकल कराया गया था। वह टीबी की बीमारी से ग्रसित था।