शिवपुरी। शहर के अंतिम छोर पर बन रहे पीएम आवास योजना के आवासों को एक दशक पूरा लग सकता है। फिलहाल इस योजना को आठ साल हो गए और केवल चार परिवार इसमें रहने पहुंच गए है। पिछले दिनों 141 परिवारों को इन आवासों की चाबी सौंपी थी लेकिन यह परिवार इन आवासों की स्थिति देखकर डर गए और वहां रहने नहीं पहुंचे,और जो परिवार निवास करने गए है वह भी परेशान है।
इस योजना को जब शुरू किया था जब इसकी गाइडलाइन थी कि इन आवासो को तीन साल में बनकर पूरा हो जाना था लेकिन आठ साल हो चुके है लेकिन अभी तक यह आवास बनकर पूरे नहीं हुए है। जैसे- तैसे बिजली व पानी की व्यवस्था की तो अब मेडिकल कॉलेज से लेकर पीएम आवास तक की 400 मीटर की रोड पूरी तरह से कीचड़ व दलदल जैसी स्थिति में है। ऐसे में एक माह पूर्व जिन 141 हितग्राहियों को उनके आवास की चाबी रहने के लिए सौंपी गई। उनमें से महज अभी 4 परिवार ही पीएम आवास में रहने पहुंचे। शेष लोग पूरी व्यवस्था व सुरक्षा इंतजाम न होने के कारण अभी भी अपने आवास जाने में परेशानी महसूस कर रहे है।
मीडिया ने जब शुक्रवार को पीएम आवास के हालात देखे तो वहां कई अव्यवस्थाएं मिलीं। इन आवासों में बिजली तो पहुंचा दी गई है, लेकिन अभी मीटर नहीं लगे है। मीटर लगवाने के लिए हितग्राही बिजली कंपनी के चक्कर काट रहे है। पानी के लिए अभी टैंकरो से जो फ्लैट बने हैं, उनकी टंकी भरवा दी गई है। नियमित पानी सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं है। कई आवासों में अभी भी छोटे-मोटे काम जैसे गिरिल लगना, बाथरूम में वासवेसन लगना, इत्यादि काम अधूरे है। इसके अलावा जहां आवास बने है, वहां साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है।
दलदल से होकर गुजरना पड़ता है
जो चार परिवार पीएम आवास में रहने के लिए पहुंचे है, उनके सामने भी सबसे बड़ी परेशानी मेडिकल कॉलेज से लेकर आवास तक पहुंचने का 400 मीटर का रास्ता है जो कि कीचड़ व दलदल जैसा है। ऐसे में स्कूली बच्चों को आने-जाने से लेकर अन्य कोई भी आसानी से अपने आवास तक नहीं पहुंच पा रहा। वर्तमान में पीएम आवास पहुंचने के लिए लोगों को एक किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाकर सीएम राइज स्कूल के पीछे वाले कच्चे रास्ते से जाना पड़ता है। खास बात यह है कि यह रास्ता भी पानी व कीचड़ से भरा हुआ है।
असुरक्षा का माहौल भी दे रहा दिक्कत
पीएम आवास शहर के बिल्कुल बाहर बने हैं। मेडिकल कॉलेज से भी इनकी दूरी आधा किमी करीब है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर कई हितग्राही चिंतित है हितग्राहियों का कहना है कि दिन में ही उस जगह जाने में डर लगता है, तो ऐसे में रात के समय तो हालात ज्यादा खराब हो जाते है। जहां आवास बने है, वहां पर स्ट्रीट लाइट भी नहीं है। रात के समय पूरी तरह से अंधेरा होने ब पास में ही माधव नेशनल पार्क की दीवार है। ऐसे में जंगली जानवरों का भी आने का खतरा बना रहता है। हितग्राहियों की मानें तो वहां पर स्ट्रीट लाइट के साथ मेडिकल कॉलेज के पास एक पुलिस चौकी बनाकर वहां पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं, जिससे सुरक्षा का माहौल बन सकें।
यह बोल हितग्राही
नगर पालिका ने मकानों का आवंटन फार्म जमा होने के क्रम से नहीं किया। हमें आगे के मकान मिलने थे, लेकिन सबसे पीछे का आवास दिया है, जबकि हमने 17 नंबर पर फार्म जमा किया था। साथ ही रात के समय अंधेरा रहता है। ऐसे में कई हितग्राही तो डर के मारे यहां चाबी मिलने के बाद भी रहने नहीं आ रहे।
देवेन्द्र सोनी, निवासी पीएम आवास
रास्ता पूरी तरह से खराब पड़ा हुआ है
आवासो में कुछ छोटे-मोटे काम भी नहीं हुए है। ऐसे में बच्चों को स्कूल लाने ले जाने सहित बाजार जाने में काफी परेशानी आती है। सबसे पहले रोड को बनाना चाहिए। कई लोग तो रोड खराब होने के कारण यहां पर चाबी मिलने के बाद रहने नहीं आ रहे।
राधा धौलपुरिया, निवासी पीएम आवास
रोड के सबंध में ठेकेदार से बोला है
30 सितंबर तक आवासों में जो होने है, वे पूरे हो जाएंगे। साथ ही स्ट्रीट लाइट भी लग जाएंगी। रोड के संबंध में कलेक्टर साहब ने ठेकेदार को बोला है। सुरक्षा के लिए हम पुलिस अधीक्षक को एक प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे। भी काम
इशांक धाकड़, सीएमओ नपा