शिवपुरी। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रन्नौद में डिलीवरी के लिए पहुंची आदिवासी महिला को हाई रिस्क प्रेगनेंसी के चलते जिला चिकित्सालय शिवपुरी रेफर कर दिया गया इतना ही नही गर्भवती महिला के परिवहन के लिए 108 एम्बुलेंस की उपलब्धता के बावजूद उसका जीवन संकट में डालकर परिजनों ने स्वयं डिलेवरी करा दी। जिसके विडियो फुटेज साक्ष्य के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 17 जुलाई 2024 को बदरवास विकासखंड के ग्राम भडोरा निवासी माया पत्नी हदेश आदिवासी उम्र 24 वर्ष को डिलेवरी के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रन्नौद लाया गया था, जहां परीक्षण उपरांत गर्भवती महिला में 6 ग्राम खून और पैरों पर उल्टी सूजन पाई गई। जो हाई रिस्क प्रेगनेंसी के लक्षण होने के कारण सुरक्षित प्रसव हेतु आदिवासी महिला को जिला चिकित्सालय शिवपुरी रैफर कर दिया गया।
गर्भवती और उसके परिजनों के परिवहन हेतु शासन द्वारा निःशुल्क उपलब्ध 108 एम्बुलेंस को भी बुला लिया गया। जो समय पर रन्नौद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जा पहुंची, लेकिन आदिवासी महिला के परिजन उसे जिला अस्पताल ले जाने तैयार नहीं हुए और एंबुलेंस में बैठकर उतर गए। इतना ही हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिला की डिलेवरी स्वयं करा कर उसका जीवन भी संकट में डाल दिया।
रन्नौद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा गर्भवती महिला को जिला चिकित्सालय रेफर किए जाने तथा 108 एम्बुलेंस से जिला चिकित्सालय भेजें जाने के प्रयास करने के वीडियो फुटेज सामने आए हैं जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं। जिससे पूरा मामला स्पष्ट हो सका है।
चिकित्सक के पत्र एवं वीडियो फुटेज देखते स्थिति स्वमेव स्पष्ट हो रही है- डाॅ संजय ऋषीश्वर
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रन्नौद के प्रांगण में खुले में आदिवासी महिला का प्रसव कराए जाने के का मामला जैसे ही संज्ञान में आया। तत्परता के साथ संबंधित को वस्तु स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए गए। जिसमें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए गए पत्र एवं वीडियो फुटेज देखने के बाद मामला स्वमेव ही स्पष्ट हो रहा है।