बैराड़। बैराड़ स्थित पचीपुरा तालाब में अतिक्रमण और अवैध खनन की वास्तविक स्थिति का भौतिक परीक्षण करने के लिए गुरुवार को एनजीटी की टीम बैराड़ पहुंची। टीम ने तालाब का भौतिक परीक्षण किया और राजस्व से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। जानकारी के अनुसार पचीपुरा तालाब को लेकर एनजीटी में एक याचिका दायर की गई है।
उक्त याचिका में उल्लेख है कि पचीपुरा तालाब पर लोगों द्वारा अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है। उक्त याचिका के क्रम में गुरुवार को एनजीटी की टीम बैराड़ पहुंची। टीम ने राजस्व और जल संसाधन विभाग की टीम के साथ तालाब का भौतिक सत्यापन किया। एनजीटी की टीम ने तालाब का सीमांकन कर राजस्व विभाग से तालाब पर अतिक्रमण और अवैध खनन के संबंध में रिपोर्ट मांगी है।
बजट सेशन के बाद गाड़ेंगे मुनारे
तालाब के भौतिक सत्यापन के दौरान यह पाया कि तालाब पर जल संसाधन विभाग के मुनारे नहीं गढ़े हुए थे। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि तालाब पर मुनारे गाढ़ कर तालाब की सीमा निर्धारित करने के लिए उन्हें बजट सेशन करवाना पड़ेगा, इसके बाद ही वह मुनारे गाढ़ पाएंगे। ऐसे में फिलहाल एनजीटी में जवाब देने के लिए तालाब पर मुनारे गढ़ने तक इंतजार करना होगा।
एनजीटी की टीम आई थी
तालाब का क्षेत्रफल पूरी तरह सुरक्षित है। हम अपना जवाब सीमांकन उपरांत पेश कर देंगे। हमने जल संसाधन को यह भी कह दिया कि हम चूना डलवा कर सीमांकन करवा देते हैं, लेकिन उन्होंने मुनारे के लिए बजट सेशन कराने की बात कही है।
दृगपाल सिंह बैस, तहसीलदार बैराड़