SHIVPURI NEWS - अपने बुने जाल में फसी काव्या ने पिता को भेजा था सुसाइड करने का मैसेज,पढ़िए ऐसे पुलिस पहुंची

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी जिले के बैराड नगर के कालामढ की रहने वाली काव्या धाकड़ को 2 राज्यों की पुलिस पकड़ने का प्रयास कर रही थी,लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिल रही थी। काव्या और उसके बीएफ बडी ही चतुराई से भूमिगत हो गए थे,पुलिस को कोई भी सुराग नहीं मिल रहा था लेकिन एक टेक्स्ट मैसेज के आधार पर इंदौर क्राइम ब्रांच काव्या और उसके बॉयफ्रेंड को दबोच लिया।

काव्या धाकड़ की कहानी - फ्लैशबैक संक्षिप्त में

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की पोहरी पहली तहसील के अंतर्गत कस्बा बैराड़ में लॉर्ड लखेश्वर स्कूल के संचालक रघुवीर धाकड़ की छोटी बेटी का नाम काव्या धाकड़ है। काव्या को उसकी मां और भाई कोटा में NEET की कोचिंग के लिए लेकर गए थे। उन्होंने एक कोचिंग में काव्या का एडमिशन करवाया और उसके पास स्थित एक हॉस्टल में काव्या के रहने का इंतजाम किया, फिर वापस आ गए। कुछ दिनों बाद काव्या ने बताया कि उसने कोचिंग सेंटर बदल लिया है, क्योंकि वहां पर पढ़ाई अच्छी नहीं हो रही थी।

नए कोचिंग सेंटर का नाम बता दिया। यह भी बताया कि उसने हॉस्टल बदल दिया है और नए कोचिंग के पास में नया हॉस्टल स्थित है। पिता के मोबाइल पर कोचिंग के नाम से नियमित रूप से sms आते थे जिसके कारण पिता यह समझते थे की काव्या कोचिंग में पढ़ाई कर रही है और सब कुछ ठीक चल रहा है। काव्या की मां उससे हर रोज फोन पर बात करती थी। खर्चे के सारे पैसे उसके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाते थे।

काव्या धाकड़ का अपहरण

सोमवार 18 मार्च 2024 को रघुवीर धाकड़ के व्हाट्सएप पर काव्या के कुछ फोटो आए। काव्या के हाथ पैर बंधे हुए थे। मैसेज भेजने वाले ने बताया कि उसने काव्या का अपहरण कर लिया है। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी। रघुवीर धाकड़ ने पुलिस को सूचना दी। इस मामले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा से फोन पर बात की।

काव्या कोटा में नहीं पढ़ती थी

इस मामले की इन्वेस्टीगेशन पुलिस अधीक्षक कोटा अमृता दुहान के मार्गदर्शन में विज्ञान नगर थाने के सीआई सतीश कुमार कर रहे हैं। उन्होंने बताया था कि  जब हमने कोचिंग सेंटर जाकर पता किया तो जानकारी मिली कि, एडमिशन तो दूर की बात है काव्या वहां पर कोर्स की जानकारी लेने भी नहीं आई थी। क्योंकि हर आने वाले स्टूडेंट का पूरा रिकॉर्ड होता है।

कोचिंग का रजिस्टर चेक किया गया। कहीं पर कोई ओवरराइटिंग नहीं थी। फिर पुलिस हॉस्टल पहुंची तो पता चला की काव्या ने हॉस्टल में भी एडमिशन नहीं लिया था। अब पुलिस के सामने बड़ा सवाल यह है कि काव्या किसी कोचिंग में पढ़ रही थी और कहां पर रह रही थी। पुलिस को यह भी पता नहीं है कि काव्या का अपहरण कहां से हुआ है। पुलिस यह जानने की भी कोशिश कर रही है कि काव्या कोटा में ही थी या कहीं किसी दूसरे शहर में थी।

पुलिस की जांच में काव्या के फुटेज पहले जयपुर में देखे गए थे,जयपुर में रेलवे स्टेशन के पास काव्या अपने फ्रेंड के साथ जाती दिख रही थी,वही इंदौर में काव्या कैमरे में कैद हो गई थी।

काव्या के पकडे जाने के बाद खुली गई कहानी

हम सभी के मन में यह सवाल उठ रहा है कि इतनी सतर्कता से भूमिगत होने के बाद इस लवर जोडे से क्या गलती हो गई जिससे पुलिस इनके पास पहुंच गई। अपनी किडनैपिंग की स्टोरी प्लांट करने वाली काव्या तक पहुंचने में पुलिस को तब कामयाबी मिली, जब उसके दोस्त हर्षित ने उसके घरवालों को एक मैसेज भेजा था। इसमें लिखा था कि उनकी बेटी काव्या अब खुदकुशी करने की धमकी दे रही है।  चूंकि घरवाले पहले ही अपनी बेटी की गुमशुदगी से परेशान थे, उनकी सांसें हलक मे अटकी हुई थी, उसकी खुदकुशी की धमकी वाले मैसेज ने उन्हें और परेशान कर दिया।

उन्होंने फौरन इसकी खबर इंदौर पुलिस को टी जिस नंबर से खुदकुशी की धमकी वाला मैसेज आया था, उस नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया और आखिरकार लुकाछिपी के इस खेल का खात्मा हो गया. पुलिस को पता चला कि वो फोन इंदौर के ही खुडैल थाना इलाके के शिवाजी वाटिका नाम के एक गांव में एक्टिव है बस फिर क्या था? पुलिस बगैर देर किए हुए फौरन उस जगह तक पहुंची, जहां मोबाइल का लोकेशन शो हो रहा था, जहां एक किराये के मकान से दोनों को बरामद कर लिया गया।  काव्या और उसके दोस्त हर्षित ने ये मकान दो-तीन दिन पहले ही किराये पर लिया था. 

हैरानी की बात ये रही कि टीवी से लेकर अखबारों तक यहां तक सोशल मीडिया के हरेक प्लेटफॉर्म में दोनों के घरवालों को धोखा देकर फरार होने की खबरों के छाए रहने के बावजूद दोनों 15 दिनों तक ना आराम से एक जगह से दूसरी जगह घूमते रह, बल्कि अलग-अलग शहरों से घूम फिर वापस इंदौर आकर उन्होंने एक मकान किराये पर भी ले लिया और किसी को इसका पता ही नहीं चला।  यहां तक उस शख्स को भी नहीं, जिन्होंने इन दोनों को अपना मकान किराये पर दिया था।

काव्या को पता था कि वह नीट के एंट्रेंस में पास नहीं हो सकती इसलिए वह रसिया जाकर एमबीबीएस करना चाहती थी,इसलिए उसने यह अपहरण की कहानी रच दी,काव्या को यह जानकारी थी कि उसके पिता ने आधा करोड़ की जमीन बेची है इसलिए उसके पापा से आसानी से पैसे मिल जाऐगें। फिलहाल इंदौर क्राइम ब्रांच ने काव्या को कोटा पुलिस को सुर्पुद कर दिया है जहां काव्या से पूछताछ जारी है।