शिवपुरी। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावो से पूर्व सिंधिया समर्थक नेताओं ने टिकट की चाह में कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी,लेकिन विधानसभा चुनावों के परिणामों के कांग्रेस के जहाज को डूबता देख सभी नेता इस जहाज से वापस आना शुरू हो गए।
सिंधिया के समर्थन में रिटर्न होने वाले नेताओं की सूची की बात करे तो बैजनाथ सिंह, राकेश गुप्ता, जितेंद्र जैन गोटू राकेश जैन आमोल के नाम आते है। वही पूर्व जनपद अध्यक्ष पारम सिंह रावत ने कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में नहीं गए थे लेकिन पारम ने अंत:सिंधिया की शरण में चले गए ओर भाजपा का दामन थाम लिया।
शिवपुरी जिले की राजनीति के बात करे तो सिंधिया की शरण में ही राजनीति शुरू करने वाले वीरेन्द्र रघुवंशी ने सबसे पहले सिंधिया का साथ छोड भाजपा का दामन थाम लिया था,ओर भाजपा के टिकट से कोलारस से विधायक भी बने,लगे इस विधानसभा चुनाव से पूर्व विधायक पद पर रहते हुए ही कांग्रेस की टिकट की लालसा में कांग्रेस का दामन थाम लिया,लेकिन पूर्व विधायक रघुवंशी कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह के षड्यंत्र का शिकार हो गए। दिग्गी राजा ने विधायक रघुवंशी का टिकट काट दिया।
कयास लगाए जा रहे थे कि विधानसभा का नही वीरेन्द्र रघुवंशी को शायद कांग्रेस लोकसभा का टिकट दे लेकिन वीरेन्द्र रघुवंशी ने अपने बेटे सूर्य प्रताप की शादी का हवाला देते हुए लोकसभा चुनाव के 2 माह पूर्व ही चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। सिंधिया विरोधी माने जाने वाले नेता वीरेन्द्र रघुवंशी की शादी में कैबिनेट मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे थे।
सिंधिया ओर वीरेंद्र के मिलन के इस फोटो के बाद राजनीति में कुछ भी असंभव वाले फार्मूले को फिट करते हुए यह कयास लगाए जा रहे है कि अब वीरेन्द्र रघुवंशी भी सिंधिया शरणम गच्छामि मंत्र का जाप करते हुए भाजपा में पुनः:वापसी कर सकते है।
मंदिरों के दर्शन, तात्या की समाधि पर पहुंचे
ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार की शाम 4:30 बजे शिवपुरी पहुंचे। मंशापूर्ण मंदिर पहुंचकर दर्शन किए और फिर मेडिकल कॉलेज के सामने पाम ट्री पार्क में राजमाता विजया राजे सिंधिया को माला पहनाई। शहीद तात्याटोपे समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित किए। राजेश्वरी मंदिर पहुंचकर दर्शन किए।