SHIVPURI NEWS - सर्दी के मौसम में शहर में प्रतिदिन बिकती है 1 टन गजक, पर असली नकली का चक्कर

Bhopal Samachar
मोहन सिंह @ शिवुपरी। सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य के लिए हितकारी गुड़ और तिली की बनी गजक की डिमांड बढ़ जाती है समय के साथ साथ गजक के आकार और प्रकार भी बदले है,शिवपुरी शहर में एक आंकड़े के अनुसार प्रतिदिन 1 टन गजक की बिक्री होती है। शिवपुरी की अधिकांश गजक बेचने वाले दुकानदारों की दुकानों पर लिखा है मुरैना गजक भंडार,लेकिन ग्राहक कंफ्यूज भी होता है कि असली और नकली मुरैना वालों की कौन सी दुकान है,आज शिवपुरी समाचार ने शिवपुरी की गजक मार्केट का सर्वे किया और असली नकली की पहचान भी।

शिवपुरी शहर में सर्दियों में अचानक मुरैना गजक भंडार के नाम से कई दुकानें मार्केट में प्रकट हो जाती है। सभी दुकानो पर सुंदर से दिखने वाली गजक देखी जाने लगती है। अब 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व है इस कारण अब गजक की कुछ दुकान शोरूम में परिवर्तित भी होने लगी है। शिवपुरी मे प्रतिदिन 10 क्विंटल गजकी बिक्री का एक आंकड़ा आया है इस हिसाब से प्रतिदिन एक टन गजक की बिक्री होती है।

मुरैना की प्रसिद्ध गजक शिवपुरी शहर में बनती है

गजक खाने वालों को लगता है कि यह सब गजक मुरैना से आती है कि लेकिन ऐसा नही है शिवपुरी में बिकने वाली गजक शिवपुरी मे ही बनती है, शिवपुरी शहर में मुरैना की प्रसिद्ध गजक शहर में 5 से 6 दुकानदार बनाते है जो कि शहर भर के दुकानदारों को सप्लाई करते हैं।

शिवपुरी शहर में एक दिन में करीब 10 क्विंटल गजक प्रतिदिन बेची जा रही है। वही शहर भर में करीब गजक की 15 प्रसिद्ध दुकान मौजूद है और इन दुकानों पर गजक व लड्डू की करीब 15 से 20 वैरायटी उपलब्ध है। जो की 200 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति किलो तक बेची जा रही है।

यह रही शहर की प्रसिद्ध दुकान जो सन 1985 से संचालित हैं

शहर में 14 न. कोटी के पास मौजूद मुरैना गजक भंडार के संचालक नीरज जोशी ने बताया कि वह यहां पर सन 1985 से इस दुकान को संचालित कर रहे है जो की खुद ताजी गजक बनाते है। साथ ही वह अन्य दुकानदारों को भी खुद से माल सप्लाई करते है। शहर में गजक व लड्डूओं की 15 से 20 वैरायटी वह बनाते है जो कि शहर भर की दुकानो पर देखी जा सकती है।

गजक की शुरुआत 200 रुपए प्रति किलो से शुरू होकर 550 रुपए रुपये प्रति किलो तक उपलब्ध है। नीरज ने बताया कि एक दिन में करीब 10 क्विंटल गजक की ब्रिकी लगभग पूरे शहर में होती है। शहर की करीब 15 दुकानों पर एक सीजन में करीब 1 टन 1ण्5 टन गजक बेची जाती है।

शहर में 14 न. कोटी के पास मौजूद मिर्ची मार्केट में तीन प्रसिद्ध दुकाने है जो कि 20 से 25 सालों से लगातार संचालित होती आ रही है। इस रोड पर ही संचालित मामा गजक भंडार के संचालक गिरिराज गर्ग ने बताया कि वह कई सालो से यहां अपनी दुकान संचालित कर रहे है उनकी दुकान पर गंजक की करीब 15 से 20 वेराइटी उपलब्ध है। जो की 200 रुपए प्रति किलो से शुरू होकर 500 रुपए रुपये प्रति किलो तक उपलब्ध है। जगदीश राठौर भी इस रोड पर अपनी दुकान को करीब 20 सालो से संचालित करते आ रहे है उनकी दुकान पर गजक व लड्डू की कई वैरायटी उपलब्ध है।

प्रेम स्वीट से लेकर कोर्ट रोड की बात करे तो दुर्गा टॉकीज के सामने मौजूद राजा गजक भंडार के संचालक दिनेश राठौर जो की कई सालो से गंजक की दुकान को संचालित करते आ रहे है। वह हर साल सीजन पर तो दुकान लगाते ही है साथ ही ऑफ सीजन पर भी अपनी दुकान में गजक रखते है। इस रोड पर एक दुकान और है जो की सब्जी मंडी के सामने मौजूद ओम गजक जिसके संचालक कमल राठौर है। जो की अपनी दुकान पर गजक की 8 से 10 वैरायटी रखते हैं।

शहर के मुख्य मार्ग मिर्ची मार्केट में रोड के बीचो बीच ठेले वाले ने अपने ठेले सजा रखे है ठेले वाले ने अपने ठेले पर ज्वार, मक्का, तिली, मुरमुरे, मूंगफली,आदि के लड्डू के साथ साथ गजक की गई प्रकार की वैरायटी रख कर बेची जा रही हैं। वही कोर्ट रोड पर लगने वाले ठेला लगाने वालो ने भी अपने ठेले पर कई प्रकार के लड्डू के साथ गजक की वैरायटी रही हुई है।