ललित मुदगल एक्सरे @ शिवपुरी। आज किसी भी समय भाजपा अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है। इस सूची का शिवपुरी जिले के लोग टकटकी लगाए देख रहे है। शिवपुरी विधानसभा की पांचों सीटों से 3 सीट कोलारस,पोहरी और शिवपुरी विधानसभा की घोषणा हो सकती है। कोलारस ओर पोहरी से तस्वीर साफ है कि कोलारस से पूर्व विधायक स्व:रामसिंह यादव के बेटा महेन्द्र यादव या बेटी मिथिलेश यादव को टिकट मिल सकता है वही पोहरी से राज्य मंत्री सुरेश राठखेडा या दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री प्रहलाद भारती को अपना उम्मीदवार बना सकती है।
अब बात शिवपुरी विधानसभा की बात करे तो यहां तस्वीर साफ नही है। अभी भी नामों पर धुंध छाई हुई है,लेकिन सूत्रों का कहना है कि शिवपुरी विधानसभा से पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन के नाम पर भी मंथन चल रहा है,वही ब्राह्मण समाज के प्रत्याशियों पर विचार विमर्श किया जा रहा है। अगर यह खबर सही है कि पूर्व विधायक देवेंद्र जैन के नाम पर विचार किया जा रहा है तो सवाल उठता है कि क्यों हारे का सहारा बन रही है भाजपा।
पूर्व विधायक देवेंद्र जैन ने 1993 का चुनाव शिवपुरी विधानसभा से लडा था और विजयी हुए थे,इस चुनाव का विश्लेषण किया जा जाए तो शिवपुरी शहर से देवेन्द्र जैन हारे थे ऐसा कभी नही होता कि भाजपा शहर से हार जाए। इस चुनाव में देवेन्द्र जैन को महल का उम्मीदवार माना गया था,शिवपुरी विधायक और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का राजनीति में पर्दापण हुआ था और वह इस चुनाव की स्टार प्रचारक थी,इसके बाद भी देवेन्द्र जैन कुछ हजार वोटो से चुनाव जीते थे।
वही देवेन्द्र जैन का नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी शहर की जनता नही भूल सकती,अपने विधानसभा चुनाव में शहर हारने वाले देवेंद्र जैन को फिर शहर ने नगर सेठ को नगर पालिका चुनाव में 10 हजार वोटो से पटकनी दी वह भी एक निर्दलीय प्रत्याशी ने। अगर वोटरो की गणित पर नजर डाली जाए तो शिवपुरी विधानसभा मे शिवपुरी शहर में वैश्य समाज के मतदाता सबसे अधिक है।
जहां किसी भी वैश्य समाज के प्रत्याशी को अत्यधिक बल मिलना चाहिए वहां देवेन्द्र जैन को बल नही मिला था। 1998 के आम विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार करने जाए पूर्व सीएम दिग्गी राजा ने एक बयान में कहा था कि आपने कैसा विधायक चुना है जो 5 साल में एक भी बार मेरे से किसी काम को लेकर मिलने नही आया और ना ही पूरे 5 साल में एक भी मुद्दा शिवपुरी विधानसभा को लेकर नही उठाया।
सिर्फ जातिवाद का अगर गणित भाजपा देख रही है तो ब्राहम्मण जातिवाद का शिवपुरी का गणित बडा है। भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी के द्वारा ब्राह्मणों का अपमान करने का इनाम भाजपा ने पिछोर के टिकट के रूप में दे दिया है। इससे ब्राहम्मण समाज में भाजपा के खिलाफ रोष है।
वही अभी तक शिवपुरी गुना लोकसभा सीट पर एक भी ब्राहम्मण प्रत्याशी को भाजपा ने टिकट नही दिया है वही यादव समाज और ब्राहम्मण समाज की संख्या की बात करे तो की इस लोकसभा में बात करे तो बराबर मतदाता है,लेकिन इसके बावजूद भी मुंगावली और कोलारस से यादव समाज के प्रत्याशी का टिकट पक्का है,लेकिन ब्राहम्मण समाज के किसी भी प्रत्याशी का गुना शिवपुरी अशोकनगर जिले में किसी सीट पर पक्का होता नही दिखाई दे रहा है।
शिवपुरी विधानसभा में ब्राह्मण प्रत्याशी के नाम मथन अवश्य चल रहा है। शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभा सीट पर ब्राहम्मण मतदाता है। पिछोर-और पोहरी में ब्राहम्मण मतदाता किस करवट बैठ जाएंगे उस और बढ़त होगी। शिवपुरी विधानसभा की बात करे तो शहर और ग्रामीण में बराबर ब्राहम्मण मतदाता है। अगर भाजपा शिवपुरी से ब्राहम्मण प्रत्याशी के माथे पर तिलक करती है,एक से कम कहने को हो जाएगा कि शिवपुरी गुना लोकसभा क्षेत्र में पार्टी ने ब्राह्मणों का सम्मान करते हुए एक टिकट दिया है,अर्थात एक टिकट पूरी लोकसभा सीट पर संजीवनी का काम करेगी।
ब्राहम्मण समाज के संगठनों ने शिवपुरी विधानसभा सीट से सभी राजनैतिक दलों से उम्मीद की थी ब्राहम्मण समाज के नेता को टिकट दिया जाए इस मांग में कांग्रेस लॉक है भाजपा पर एक लाइफ लाइन शिवपुरी विधानसभा सीट पर खुली है। ब्राहम्मण रूपी संजीवनी बूटी की संभावना भाजपा को अपने पास रखने की उम्मीद बनी है अगर ऐसा नही होता तो यह संजीवनी विष भी बन सकती है क्योंकि प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों का अपमान भी किया है।
शिवपुरी से अगर ब्राहम्मण प्रत्याशी की बात की जाए आधा दर्जन नाम चल रहे है।
शिवपुरी से सिंधिया के खास माने जाने वाले विजय शर्मा,संगठन की ओर से धैर्यवर्धन शर्मा,राघवेन्द्र शर्मा,राघवेंद्र गौतम केन्द्रीय मंत्री की नरेन्द्र सिंह तोमर गुट से रामजी व्यास,नरेंद्र बिरथरे और सोनू बिरथरे का नाम है। इन नामों पर गौर किया जाए तो केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास एक नाम है वह केवल विजय शर्मा,शिवपुरी विधानसभा सीट सिंधिया परिवार की परंपरागत सीट है और इस सीट पर सिंधिया परिवार अपने पास ही सुरक्षित रखना चाहेगा।
वही संगठन की बात करे तो शिवपुरी से पब्लिक और संगठन का चेहरा युवा नेता धैर्यवर्धन सबसे आगे है,वही पिछोर के निवासी और संघ पूर्व प्रचारक प्रदेश कार्यालय मंत्री राघवेन्द्र शर्मा है,वही राघवेन्द्र गौतम की बात करे तो इंदौर संभाग के प्रभारी है और शिवपुरी विधानसभा पिपरसमा गांव के निवासी वही जनपरिषद परिषद प्रदेश उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रहे है और संघ के पूर्व प्रचारक है। वही केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की बात करें तो इस गुट में पूर्व विधायक दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री नरेंद्र बिरथरे,सोनू बिरथरे और राम जी व्यास का नाम है।
अब बात शिवपुरी विधानसभा की बात करे तो यहां तस्वीर साफ नही है। अभी भी नामों पर धुंध छाई हुई है,लेकिन सूत्रों का कहना है कि शिवपुरी विधानसभा से पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन के नाम पर भी मंथन चल रहा है,वही ब्राह्मण समाज के प्रत्याशियों पर विचार विमर्श किया जा रहा है। अगर यह खबर सही है कि पूर्व विधायक देवेंद्र जैन के नाम पर विचार किया जा रहा है तो सवाल उठता है कि क्यों हारे का सहारा बन रही है भाजपा।
पूर्व विधायक देवेंद्र जैन ने 1993 का चुनाव शिवपुरी विधानसभा से लडा था और विजयी हुए थे,इस चुनाव का विश्लेषण किया जा जाए तो शिवपुरी शहर से देवेन्द्र जैन हारे थे ऐसा कभी नही होता कि भाजपा शहर से हार जाए। इस चुनाव में देवेन्द्र जैन को महल का उम्मीदवार माना गया था,शिवपुरी विधायक और कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का राजनीति में पर्दापण हुआ था और वह इस चुनाव की स्टार प्रचारक थी,इसके बाद भी देवेन्द्र जैन कुछ हजार वोटो से चुनाव जीते थे।
वही देवेन्द्र जैन का नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी शहर की जनता नही भूल सकती,अपने विधानसभा चुनाव में शहर हारने वाले देवेंद्र जैन को फिर शहर ने नगर सेठ को नगर पालिका चुनाव में 10 हजार वोटो से पटकनी दी वह भी एक निर्दलीय प्रत्याशी ने। अगर वोटरो की गणित पर नजर डाली जाए तो शिवपुरी विधानसभा मे शिवपुरी शहर में वैश्य समाज के मतदाता सबसे अधिक है।
जहां किसी भी वैश्य समाज के प्रत्याशी को अत्यधिक बल मिलना चाहिए वहां देवेन्द्र जैन को बल नही मिला था। 1998 के आम विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार करने जाए पूर्व सीएम दिग्गी राजा ने एक बयान में कहा था कि आपने कैसा विधायक चुना है जो 5 साल में एक भी बार मेरे से किसी काम को लेकर मिलने नही आया और ना ही पूरे 5 साल में एक भी मुद्दा शिवपुरी विधानसभा को लेकर नही उठाया।
सिर्फ जातिवाद का अगर गणित भाजपा देख रही है तो ब्राहम्मण जातिवाद का शिवपुरी का गणित बडा है। भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी के द्वारा ब्राह्मणों का अपमान करने का इनाम भाजपा ने पिछोर के टिकट के रूप में दे दिया है। इससे ब्राहम्मण समाज में भाजपा के खिलाफ रोष है।
वही अभी तक शिवपुरी गुना लोकसभा सीट पर एक भी ब्राहम्मण प्रत्याशी को भाजपा ने टिकट नही दिया है वही यादव समाज और ब्राहम्मण समाज की संख्या की बात करे तो की इस लोकसभा में बात करे तो बराबर मतदाता है,लेकिन इसके बावजूद भी मुंगावली और कोलारस से यादव समाज के प्रत्याशी का टिकट पक्का है,लेकिन ब्राहम्मण समाज के किसी भी प्रत्याशी का गुना शिवपुरी अशोकनगर जिले में किसी सीट पर पक्का होता नही दिखाई दे रहा है।
शिवपुरी विधानसभा में ब्राह्मण प्रत्याशी के नाम मथन अवश्य चल रहा है। शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभा सीट पर ब्राहम्मण मतदाता है। पिछोर-और पोहरी में ब्राहम्मण मतदाता किस करवट बैठ जाएंगे उस और बढ़त होगी। शिवपुरी विधानसभा की बात करे तो शहर और ग्रामीण में बराबर ब्राहम्मण मतदाता है। अगर भाजपा शिवपुरी से ब्राहम्मण प्रत्याशी के माथे पर तिलक करती है,एक से कम कहने को हो जाएगा कि शिवपुरी गुना लोकसभा क्षेत्र में पार्टी ने ब्राह्मणों का सम्मान करते हुए एक टिकट दिया है,अर्थात एक टिकट पूरी लोकसभा सीट पर संजीवनी का काम करेगी।
ब्राहम्मण समाज के संगठनों ने शिवपुरी विधानसभा सीट से सभी राजनैतिक दलों से उम्मीद की थी ब्राहम्मण समाज के नेता को टिकट दिया जाए इस मांग में कांग्रेस लॉक है भाजपा पर एक लाइफ लाइन शिवपुरी विधानसभा सीट पर खुली है। ब्राहम्मण रूपी संजीवनी बूटी की संभावना भाजपा को अपने पास रखने की उम्मीद बनी है अगर ऐसा नही होता तो यह संजीवनी विष भी बन सकती है क्योंकि प्रीतम लोधी ने ब्राह्मणों का अपमान भी किया है।
शिवपुरी से अगर ब्राहम्मण प्रत्याशी की बात की जाए आधा दर्जन नाम चल रहे है।
शिवपुरी से सिंधिया के खास माने जाने वाले विजय शर्मा,संगठन की ओर से धैर्यवर्धन शर्मा,राघवेन्द्र शर्मा,राघवेंद्र गौतम केन्द्रीय मंत्री की नरेन्द्र सिंह तोमर गुट से रामजी व्यास,नरेंद्र बिरथरे और सोनू बिरथरे का नाम है। इन नामों पर गौर किया जाए तो केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास एक नाम है वह केवल विजय शर्मा,शिवपुरी विधानसभा सीट सिंधिया परिवार की परंपरागत सीट है और इस सीट पर सिंधिया परिवार अपने पास ही सुरक्षित रखना चाहेगा।
वही संगठन की बात करे तो शिवपुरी से पब्लिक और संगठन का चेहरा युवा नेता धैर्यवर्धन सबसे आगे है,वही पिछोर के निवासी और संघ पूर्व प्रचारक प्रदेश कार्यालय मंत्री राघवेन्द्र शर्मा है,वही राघवेन्द्र गौतम की बात करे तो इंदौर संभाग के प्रभारी है और शिवपुरी विधानसभा पिपरसमा गांव के निवासी वही जनपरिषद परिषद प्रदेश उपाध्यक्ष दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रहे है और संघ के पूर्व प्रचारक है। वही केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की बात करें तो इस गुट में पूर्व विधायक दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री नरेंद्र बिरथरे,सोनू बिरथरे और राम जी व्यास का नाम है।