बदरवास। शिवपुरी जिले के बदरवास कस्बे में 8 वर्ष पूर्व सेवा सहकारी संस्था बदरवास द्वारा 5 करोड़ रुपए की लागत से वेयर हाउस बनवाया गया, लेकिन अभी तक एक भी बार इसमें खरीदी गई फसल नहीं रखी गई। इसके पीछे मुख्य वजह निजी गोदामों को किराए पर लेने के फेर में जिम्मेदारों को कमीशन मिलना बताया जा रहा है।
बदरवास में प्राइवेट गोदाम फुल हो गए तथा सरकारी गोदाम में खरीदी केंद्र न बनाते हुए प्राइवेट वेयर हाउस को गोदाम बनाया है, जो किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया। ज्ञात रहे कि वर्ष 2017 में लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से बदरवास में रेलवे पुल के पास ईशुरी गांव में फोरलेन किनारे मार्केटिंग का एक वेयर हाउस बनाया गया।
260 बाई 50 वर्गफीट में बनाए गए वेयर हाउस में न तो खरीदी की गई और न ही फसल का एक दाना इस वेयर हाउस में रखा। चूंकि वेयर हाउस में एसी लगाने के लिए जगह भी छोड़ी गई, जिसमें से आ रही रोशनी की वजह से अंदर अंधेरा नहीं दिखता। पिछले साल में एक भी बार न तो वेयर हाउस को खरीदी केंद्र बनाया गया और न ही दूसरे केंद्रों पर खरीदी गई फसल को यह रखा गया।
खस्ताहाल होता जा रहा वेयर हाउस
उपयोग न होने की वजह से वेयर हाउस खस्ताहाल होता जा रहा है। वेयर हाउस के शटरों में ताला न लगा होने की वजह से कभी इनमें आकर कोई रुक जाता है तो कई बार फसल की जगह प्रेमी युगल आकर मिलते हैं। जब इस संबंध में जिम्मेदारों से बात की तो उन्होंने सटीक जवाब देने की बजाए पल्ला झाडऩे का प्रय्यास किया।
आउट में होने से चोरी का खतरा: प्रबंधक
यह वेयरहाउस कंपनी के द्वारा बनाकर सोसाइटी को दिया गया था। उसके बाद उसे किराए पर भी देते हैं तो वहां कोई अपना सामान रखने के लिए तैयार नहीं है। यह वेयर हाउस आउट में होने के कारण सामान चोरी होने का डर रहता है।
दिनेश शर्मा, प्रबंधक सेवा सहकारी संस्था बदरवास
जांच करवाकर स्थिति स्पष्ट करेंगे
वेयर हाउस को मैं दिखवाता हूं कि यह किस संस्था के द्वारा बनाया गया था। यह वेयर हाउस किसके अधीन है, यह भी पता लगाया जाएगा। पूरे मामले की जांच उपरांत ही स्थिति स्पष्ट होगी।
अरुण गुर्जर, तहसीलदार बदरवास