SHIVPURI NEWS- शिक्षक भार्गव सस्पेंड- नौकरी कर रहे अतिथि शिक्षक, वेतन बेटा-बेटी के खाते में ट्रांसफर

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शिवपुरी।
जिले के नरवर कस्बे में संचालित कन्या उमावि के प्रभारी एवं माध्यमिक शिक्षक मनोज भार्गव को संयुक्त संचालक शिक्षा ग्वालियर संभाग दीपक कुमार पांडे ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मनोज भार्गव ने स्कूल में पढ़ने वाली दसवीं व बारहवीं की छात्राओं से निर्धारित परीक्षा शुल्क से अधिक राशि वसूल करने सहित अतिथि शिक्षकों का मानदेय खुद के पुत्र व पुत्री के बैंक खातों में हस्तांतरित कर गबन किया था।

शिक्षक मनोज भार्गव पर यह कार्रवाई इस मामले में हुई शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इस जांच में टीम ने उन्हें दोषी पाया है। निलंबन अवधि में भार्गव का मुख्यालय बीईओ कार्यालय करैरा पर रखा गया है। मामले की जांच डीईओ द्वारा तीन सदस्यीय टीम में शामिल, बीईओ नरवर, बीआरसीसी व एक महिला उच्च माध्यमिक शिक्षक की संयुक्त टीम से कराई गई थी।

नौकरी किसी ने की और पगार बेटा-बेटी को
कन्या उमावि नरवर के संकुल का प्रभार देख रहे मनोज भार्गव ने अतिथि शिक्षक भर्ती के नाम पर भी बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि कोरोना काल के दौरान साल 2021 में संकुल अंतर्गत नियुक्त पांच अतिथि शिक्षकों ने सेवाएं दीं लेकिन उनका मानदेय संकुल प्रभारी रहते हुए भार्गव ने अपने बेटे रितिक व बेटी रिया के खाते में हस्तांतरित कर गबन को अंजाम दिया। जांच टीम ने इस संबंध में बैंक स्टेटमेंट भी हासिल किए जिससे मामला प्रमाणित हुआ है।

निलंबित किए गए मनोज भार्गव पर शिकायत में स्कूल की छात्राओं से बोर्ड परीक्षा फीस एवं नौंवी की छात्राओं से नामांकन फीस पूरी वसूलने और उनके परीक्षा फार्म संबल योजना के तहत भरवा कर राशि हड़पने का भी खुलासा हुआ है। बताया जाता है कि स्कूल में हर साल करीब 150 से अधिक छात्राएं संबल योजना के तहत पात्र होती हैं, जिनका परीक्षा शुल्क महज 25 रुपये इस योजना के तहत लगती है लेकिन भार्गव ने इन छात्राओं से 925 रुपये वसूले और महज 25 रुपये में योजना के तहत फार्म भर दिए।

इस मामले में भी लाखों रुपये का गबन जांच में सामने आया है। बताया जाता है कि मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू तक भी की गई है। वहीं संयुक्त संचालक शिक्षा दीपक सिंह का कहना है कि माध्यमिक शिक्षक मनोज भार्गव जांच में दोषी पाए गए हैं। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।