SHIVPURI NEWS- इंफाल में फंसे मनोज ने शिवपुरी आकर सुनाया अपना हाल, शिवपुरी की मीडिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया धन्यवाद

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शिवपुरी।
मणिपुर में बीते दिनों से चल रही हिंसा के बीच इंफाल में फंसे मध्यप्रदेश के 22 छात्रों को आज मध्यप्रदेश सरकार वापस ले आई है। सभी छात्र कल शाम देर शाम सकुशल इंदौर पहुंचे। उसके बाद करैरा के छात्र मनोज पाल बस द्धारा शिवपुरी पहुंचे। जहां अपने परिजनों के बीच पहुंचकर मनोज पाल ने शिवपुरी की मीडिया का शुक्रिया किया। मनोज का कहना है कि आज वह सकुशल वापस आए है उसमें शिवपुरी की मीडिया का योगदान है जिसके चलते मध्यप्रदेश सरकार जागी थी।

मनोज ने बताया कि इंफाल में नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी में तीन साल की पढ़ाई करने गया था। इस एक्जाम को देने के बाद मेरे 2 साल पूरे होने वाले थे कि मणिपुर में मैतई और कुकी के बीच हिंसा भड़क गई।

मनोज ने बताया कि अपने घर आकर काफी सुरक्षित महसूस कर रहा हूँ। खौफ के मंजर के बारे में बताते हुए मनोज ने बताया कि 2 मई की दोपहर में अपने दोस्तों के साथ इंफाल के बाजार में घूम कर आया था। दो मई की शाम 6 बजे मणिपुर सरकार और पुलिस द्वारा आदेश जारी किया गया कि मणिपुर में कर्फ्यू लगा दिया है। इसकी वजह मैतई और कुकी के भड़के विवाद को बताई गई थी। हमें काफी डर लग रहा था। रात में गोलियों की आवाजें सुनाई देने लगी थी। रात से ही इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। हमने फोन कर अपनी कर्फ्यू की सूचना तत्काल अपने परिवारों दी थी।

मनोज ने बताया कि हमारे हॉस्टल में मैतई और कुकी दोनों के कुछ बच्चे रह रहे थे, जिनके चलते हॉस्टल पर हमले का खतरा बढ़ रहा था। लेकिन दो दिनों के भीतर मैतई और कुकी वर्ग के छात्रों को हॉस्टल से हटा कर आर्मी वेस भेज दिया था। हमारे होस्टल के पीछे भारी संख्या में असम राइफल्स के जवानों की तैनाती की गई थी। हमारे हॉस्टल के पीछे महज पांच सौ मीटर की दूरी पर एक चर्च था जिसे मैतई पक्ष के लोगों ने आग लगा दी थी। इसके बाद हॉस्टल कैम्पस में भी फायरिंग हुई थी।

अंधेरे में रहना पड़ता था, पलंग के नीचे बिछाए थे बिस्तर

हमें बाहर आकर देखने को मना किया हुआ था साथ ही रात में लाइट जलाने को मना किया गया था। पुलिस अधिकारियों ने आकर बताया था कि रात में रोशनी के लिए लाइट नहीं जलानी है ऐसा लगना चाहिए कि हॉस्टल में कोई भी नहीं रह रहा है। इसके बाद हम सभी छात्र बहुत डरे सहमे से हो गए थे। हमने अपने विस्तर पलंग से हटाकर जमीन पर बिछा लिए थे। ज्यादातर समय में हॉस्टल में लेटे ही रहना पड़ता था।

मनोज ने बताया कि 8 मई को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हमारी मदद करते हुए हमें टिकिट उपलब्ध करा दिए और 9 कि सुबह हम सभी 22 छात्र इंफाल से निकल आये थे और आज में सुरक्षित 11 मई को बापस घर लौट आया हूँ। मनोज की बापसी की ख़ुशी घर में देखी जा रही है मनोज के परिवार ने एमपी गवर्नमेंट, केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित नरवर जनपद अध्यक्ष सहित शिवपुरी की मीडिया के सभी सहयोगियों के धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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