SHIVPURI NEWS- खबर सोशल से: धैर्य का टूटता धैर्य, हरिहर शर्मा की चेतावनी भरी पोस्ट-कौन सी कांग्रेस, जरा जुल्म याद करो

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शेखर यादव शिवपुरी।
शिवपुरी की सोशल मीडिया पर पिछले 24 घंटे से भाजपा नेताओं की दो पोस्ट वायरल होकर चर्चा का केंद्र बनी है। पहली पोस्ट भाजपा की मूल विचारधारा के नेता धैर्यवर्धन शर्मा ने कांग्रेस कार्यालय में दिया गया भाषण और कांग्रेस के दिवंगत नेता पूर्व मंत्री हनुमंत सिंह दाउ के छायाचित्र पर श्रद्धांजलि वाला फोटो और भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिहर की चेतावनी भरी पोस्ट कौनसी कांग्रेस जरा याद करो जुल्म, यह दोनो फोटो कुछ कहते है कुछ इशारा करते हैं।

खबर सोशल की एक तीर से दो शिकार
भाजपा नेता धैर्यवर्धन शर्मा की कांग्रेस के दिवंगत नेता पूर्व मंत्री दाऊ हनुमंत सिंह चौहान को सालो बाद श्रद्धांजलि देना असामान्य सा प्रतीत होता है। संदेश साफ है कि मूल भाजपा का वजन देना शुरू कर दो। धैर्यवर्धन शर्मा को भाजपा लगातार उपेक्षित कर रही है,इस कारण वह अपनी नाराजगी सोशल के माध्यम से जग जाहिर करना चाहते है।

इस मामले को लेकर जब भाजपा नेता धैर्यवर्धन शर्मा से बातचीत की तो उन्होंने बताया है कि पूर्व मंत्री दाऊ हनुमंत सिंह चौहान ने अपने जीवन काल में मणि खेडा सिंचाई परियोजना, शिवपुरी के लिए महत्वपूर्ण काम किया है। इसलिए वह वहां पहुंचे है। राजनीतिक पंडितो का कहना है संदेश साफ है शिवपुरी विधानसभा के लिए भी कांग्रेस को एक स्वच्छ साफ छवि का नेता चाहिए। भाजपा के बडे बडे दिग्गज कांग्रेस का हाथ थाम रहे है दल बदलने का सीजन भी चल रहा हैं,शिवपुरी के राजनीति में अचानक बहुत कुछ हुआ है। अब हो जाए तो कह नही सकते है।

भाजपा नेता हरिहर शर्मा की चेतावनी भरी पोस्ट-कहां किस कांग्रेस की बात करते हो
भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिहर शर्मा ने अपनी फेसबुक आइडी से एक पोस्ट की है। इस पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का फोटो पोस्ट की है। एक लंबी चौडी स्क्रिप्ट भी लिखी है। इस स्क्रिप्ट के कई मायने निकाले जा रहे है।

सबसे पहले इस पोस्ट को पढिए
1998 की एक घटना का उल्लेख किया गया है कि भाजपा के अजातशत्रु संत नेता श्री कैलाश जोशी को राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से तत्कालीन मुख्य मंत्री श्री दिग्विजय सिंह के लघु भ्राता श्री लक्ष्मण सिंह जी के विरुद्ध चुनावी मैदान में उतारा गया। राजगढ़ अर्थात तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वनामधन्य श्री दिग्विजय सिंह जी का गृह क्षेत्र, उनकी पूर्व रियासत राघोगढ़ भी इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा थी तथा उसके अंतर्गत दो विधानसभा क्षेत्र राघोगढ़ व चान्चोड़ा आते थे। आज भी यही स्थिति है। तब तक श्री कैलाश जोशी कोई चुनाव नहीं हारे थे,अतः जब वे पहली बार क्षेत्र में आये तो उनके स्वागत में बड़े बड़े होर्डिंग लगाए गए थे – मालवा के अपराजेय योद्धा पूर्व मुख्य मंत्री संत राजनेता श्री कैलाश जोशी का हार्दिक अभिनन्दन,आदि आदि | मुझे चाचौडा का चुनाव प्रभार सोंपा गया।

स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी दहशत थी,लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओ ने पूरे जोश के साथ चुनाव मैदान में भाग लिया। चुनाव वाले दिन प्रशासनिक मशीनरी का नंगा दुरुपयोग हुआ। पशुबल ने मानवता को जमींदोज कर दिया। हम लोगों की सारी व्यूह रचना धरी रह गई। किसे कल्पना थी कि हैवानियत का इतना नंगा नाच होगा। उस समय तक शेषन देश के मुख्य चुनाव अधिकारी नहीं बने थे। बाहर के लोग भी इलेक्शन एजेंट बन सकते थे। हम लोगों ने चुनाव वाले दिन कोई कसर न रह जाए, इस हेतु से भोपाल तथा शिवपुरी से कार्यकर्ताओं को बुलाकर स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ उन्हें भी इलेक्शन एजेंट बनाया।

भोपाल से कैलाश जी के सुपुत्र श्री दीपक जोशी के साथ उनके अभिन्न मित्र (जो बाद में भोपाल सांसद भी बने) श्री आलोक संजर व श्री नवल प्रजापति के अतिरिक्त सर्व श्री भरत चतुर्वेदी, श्री आलोक शर्मा, वर्तमान विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, आदि चान्चोड़ा राघोगढ़ विधानसभाओं में मतदान केन्द्रों पर नियुक्त हुए। शिवपुरी के भी अनेक कार्यकर्ता वहां पहुंचे |

लेकिन हुआ क्या ?

इन बाहरी कार्यकर्ताओं के साथ बेरहमी से मारपीट की गई, इनकी गाड़ियों पर पथराव हुआ, उनमें तोड़फोड़ की गई। पोलिंग बूथों पर तैनात कार्यकर्ताओं को दिग्विजय सिंह जी के पालतू गुंडे पोलिंग अधिकारियों के सामने से खींच कर ले गए। शिवपुरी में विद्यार्थी परिषद् के तत्कालीन संगठन मंत्री रतलाम के मूल निवासी श्री सुनील सारस्वत व वर्तमान में वरिष्ठ भाजपा नेता श्री धैर्यवर्धन शर्मा के लघुभ्राता श्री हर्षवर्धन शर्मा को पुरेना गाँव में पोलिंग बूथ से खींचकर ले जाने वाले तो कंजर थे, जिनके विषय में कहा जाता है कि वे जन्मजात लुटेरे होते हैं,और लूट भी वे बिना मारे पीटे नहीं करते,क्योंकि वे बिना मेहनत की कमाई करना पसंद नहीं करते। इन कंजरों का नेतृत्व राघोगढ़ नगर पालिका का तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. अजीत रावत कर रहा था। कंजरों ने इन दोनों को बेरहमी से पीटा और फिर एक सूखे कुए में ले जाकर पटक दिया। कई विद्यार्थी परिषद के नेताओं के साथ मारपीट की गई।

इन पिटे हुए कार्यकर्ताओं की प्रशासन में कहीं कोई फ़रियाद नहीं सुनी गई,उलटे कई स्थानों पर तो अनेक कार्यकर्ताओं को 151 में बंद कर दिया गया। इन सब अनियमितताओं व अन्यायों की जानकारी जब जोशी जी को मिली तो वे अत्यंत व्यथित हो गए। कार्यकर्ताओं की पीड़ा से दुखी होकर वे राघोगढ़ किले के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। हजारों कार्यकर्ता उस समय उनके साथ थे। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो दिग्विजय सिंह जी के आवास, राघोगढ़ किले का घेराव कर दिया गया हो। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर अंततः जोशी जी ने भूख हड़ताल समाप्त की। इतने सब पाप करने के बाद भी दिग्विजय सिंह जी के अनुज श्री लक्ष्मण सिंह महज 56234 वोटों से विजई हुए,और उन्हीं कैलाश जी के सुपुत्र दीपक जी उसी कांग्रेस में हैं और दिग्विजय सिंह जी उनके नेता हैं।

इस पोस्ट में बहुत कुछ और लिखा गया था लेकिन मूल शब्द यही थे। इस पोस्ट से हरिहर जी ने कैलाश जी के पुत्र से सीधा प्रश्न कर दिया कि किस कांग्रेस की बात करते हो जिसका झंडा अब आपने थाम लिया। इस पोस्ट में धैर्यवर्धन शर्मा के नाम का भी उल्लेख है कि उनको छोटे भ्राता को इस चुनाव में मरणासन्न की दिया था।

संदेश सीधा है स्वर्गवासी कैलाश जोशी के पुत्र दीपक जोशी और शिवपुरी के भाजपा नेता धैर्यवर्धन शर्मा के लिए—जिस अनिति के खिलाफ कभी तुम कांग्रेस से लड़े थे। एक के पिता को दमनकारी नीति के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठना पडा था और दूसरे के भाई को मरणासन्न कर दिया गया था किस कांग्रेस की बात करते हो,यह शब्द साइलेंट हो सकते है कि इस वाक्यो को भूल ना जाना

चुनावी साल है दल बदलने का सीजन है कोई भी कभी भी किसी भी विचारधारा के साथ जुड़ सकता है,लेकिन शिवपुरी की सोशल मीडिया को इन दोनो को पोस्ट को जोडकर देखा जा रहा है और चर्चा हो रही है।
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