SHIVPURI NEWS- चार जिला पंचायत अध्यक्ष दिए है इस वार्ड ने, लेकिन यहां की सिचाई परियोजना 21 साल से अधूरी

NEWS ROOM
संजीव जाट बदरवास।
जिला पंचायत ( shivpuri news today ) की वार्ड नंबर 21 ने जिले को चार जिला पंचायत अध्यक्ष दिए है लेकिन इस वार्ड में एक सिचाई परियोजना पिछले 2 दशक से अधूरी पडी है-या यू कह लो कि शुरू होने से पहले ही बंद हो चुकी है,पूरे जिले में विकास का दावा करने वाले जिला पंचायत अध्यक्षो को अपने जीते हुए वार्ड की परियोजना को पूर्ण नही करा सके है। फिलहाल जिले के वार्ड नंवर 19 से नेहा अमित यादव चुनाव जीती है और जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज है।

पूर्व में नगर पंचायत थी ग्राम पंचायत बिजरोनी

वर्तमान में बदरवास तहसील की सबसे बडी ग्राम पंचायत बिजरोनी का दुर्भाग्य यहां से शुरू नही होता है,बिजरौनी इससे पूर्व नगर पंचायत थी और बदरवास ग्राम पंचायत थी,लेकिन बदरवास के लाल कांग्रेस नेता और सिंधिया महाराज के करीबी स्व:लालसाहब यादव ने बदरवास को नगर पंचायत का दर्जा दिलवा दिया और इस कारण बिजरौनी ग्राम पंचायत हो गई,कुल मिलाकर डिमोशन हुआ है।

अब भी सौतले व्यवहार, जननी की उपेक्षा

जिला पंचायत में वार्ड नंबर 21 में शामिल सबसे बडी पंचायत है बिजरौनी। वार्ड क्रमांक 19 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लडकर सबसे पहले जूली आदिवासी,जितेंन्द्र जैन गोटू,कमला बैजनाथ सिंह यादव और नेहा अमित यादव जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे है,यह इन अध्यक्षो की जननी वाली पंचायत है,लेकिन इसी ग्राम पंचायत सहित 3 गांवो के प्यासे खेतो को लिए शुरू की गई सिंचाई परियोजना पिछले 21 साल से अधूरी है अब यह परियोजना अपने अस्तितव से लड रही है।

क्या थी परियोजना,पैदा होने से पूर्व ही मौत

तत्कालीन प्रदेश शासन के मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक सहित जिले के प्रभारी मंत्री पूरन सिंह बेड़िया ने वर्ष 2002 में इस सिंचाई परियोजना की नींव रखी थी। क्षेत्र से निकली छौछ नदी से डेम बनाकर पानी को एकत्रित कर समय समय पर नहरो में छोडा जाना था लेकिन वर्तमान में जलसंसाधन विभाग के अंतर्गत आने वाली परियोजना में बनाई गई नहरों की फर्सी भी चोरी हो चुकीं हैं। 3 करोड़ की यह सिंचाई परियोजना 21 साल से अधूरी पड़ी हुई है। इसके अधूरे रहने से क्षेत्र के किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं विभाग को भी हर महीने हजारों रुपए बिजली बिल भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे यह परियोजना उल्टा घाटे का सौदा साबित हो रही है।

परियोजना की लागत बढ़ी

प्रदेश के जिले के प्रभारी मंत्री क्षेत्रिए विधायक पूरन सिंह बेड़िया ने परियोजना शिलान्यास किया था। परियोजना उस समय दो करोड़ 10 लाख रूपए की थी लेकिन बाद में लागत बढ़कर तीन करोड़ हो गई।

नहर की फर्सी हुई क्षतिग्रस्त एव चोरी
जल संसाधन विभाग द्वारा बदरवास विकासखण्ड के 8 हजार आबादी वाले ग्राम में सैकड़ों हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए 3 करोड़ की लागत से छौछ नदी से सिंचाई के लिए नहर बनाई गई। नहर निर्माण के दौरान जो फर्सी गाढ़ी गई उसे लोग चुराकर ले गए जबकि कई स्थानों पर यह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इस तरह शासन को लाखों का चूना लग रहा है वहीं किसान भी इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। अब हालात है कि जो नहर निर्माण किया गया था वह चोरी पत्थर की फर्सी चोरी हो गई है

धूल खा रहा मशीन सेट
जलसंसाधन विभाग ने सिंचाई परियोजना के करोड़ों खर्च इसे तैयार किया और इस परियोजना के लिए बेशकीमती मशीन सेट भी मंगाया, लेकिन आज यह धूल खा रहा है। क्षेत्र की क्षोत नही में ड्रेम भी पानी रोकने के लिए बनाया गया है। इस सबके बावजूद भी यह शुरू नहीं हो सकी है

आ रहा है बिजली का बिल
परियोजना भले ही शुरू नहीं हो सकी हो, लेकिन बिजली कनेक्शन लेने के बाद बिजली विभाग द्वारा हर माह बिल दिया जा रहा है और जल संसाधन विभाग भी बिजली का बिल भर रहा है बताया जाता है कि आठ साल पूर्व यहां की डीपी से तेल भी निकाल लिया गया और विभाग ने डीपी उठा ली, बावजूद इसके बिजली का बिल जारी करने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है। इस ओर जल संसाधन विभाग भी ध्यान नही दे रहा है

बारिश में ढह गया डैम
बिजरोनी में 475 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई के लिए क्षोत नदी पर बनाया गया डैम पिछली बरसातों में पानी के तेज बहाव के साथ ढह गया। इस कारण डैम के निर्माण कार्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

नहीं मिल पा रहा लाभ
क्षेत्र के किसान विष्णु किरार, बलबंत सैन सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि क्षोत नदी पर डेम बनाने के बाद सिंचाई परियोजना शुरू होने से खुशी थी कि चलो अब खेत सींचकर अच्छी पैदावार ले सकेंगे, लेकिन तीन करोड़ खर्च होने के बाद भी इसे शुरू न किया जाना हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है। क्षेत्र की 475 हेक्टेयर भूमि सूखी है जिससे एक ही फसल ले पा रहे हैं। अगर यह चालू हो जाए तो सभी को काफी फायदा होगा।

क्या कहते है ग्रामीण
यह सिंचाई परियोजना 21 साल पहले ही बनकर तैयार हो गई थी, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हो सकी है जिससे यह पूरी तरह से ठप हो गई है। हमारी परेशानी कोई नहीं सुनता। कई बार शिकायत की गई पर कोई हल नहीं निकल रहा। शासन के करोड़ों रूपए यूं ही बर्वाद हो रहे हैं।
प्रदीप किरार उप सरपंच बिजरोनी

इस परियोजना को चालू करने के, लिए हम क्षेत्रीय सांसद और विधायक से मांग करेंगे। अब चुनाव आने वाले हैं, अगर जनप्रतिनिधि नहीं सुनेंगे तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
जसमन किरार ,ग्रामीण ग्राम बिजरोनी

कीमती मशीन हुई ग़ायब
ग्राम ग्राम बिजरोनी में देखा जाए तो जल संसाधन विभाग के द्वारा 470 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचित की मशीन बिभाग द्धारा उठाई गई या चोरी हो गई आजतक इसका कोई ना तो विभाग के पास लेखा-जोखा है ना ही ग्रामीणों के पास यह करोड़ों रुपए की बेशकीमती योजना आज मैं कागजों तक ही सीमित होकर रह गई है
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