शिवपुरी के महावीर जिनालय में किया गया मचान बनाकर 40 फुट उंचे मानस्तंभ में विराजमान चारो तीर्थंकरों का अभिषेक- Shivpuri News

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शिवपुरी।
सोमवार को महावीर जयंती है,जैन समाज ने भगवान महावीर स्वामी की जयंती की तैयारी शुरू कर कर दी है। वही शिवपुरी में महल कॉलोनी में स्थित महावीर जिनालय को शनिवार को 50 साल पूर्ण हो चुके है,इसी क्रम में महावीर जिनालय में स्थित मानस्तंभ में विराजित मस्तकाभिषेक किया गया। बताया जा रहा है कि जैन मंदिरों में ऊंचाई पर मान स्तंभ का निर्माण इस कारण किया जाता है कि उक्त स्तंभ चारो दिशाओ का प्रतीक होता है और उसमें विराजित चार तीर्थ करो की प्रतिमाओं के दर्शन चारो दिशाओ से किए जा सके।

महावीर जिनालय में 12 साल बाद शनिवार सुबह आयोजित हुए मानस्तंभ महामस्तकाभिषेक के पुण्यार्जक पात्रों ने मस्तक से अभिषेक कर भगवान का पहला हवन किया। खास बात यह रही कि पहला अभिषेक करने का पुण्य अर्जन जहां समाजसेवी धर्मेंद्र जैन की स्मृति में उनकी पत्नी रश्मि जैन ने हासिल किया।

वहीं व्यवसायी पिता शिखर चंद वोटा वालों की स्मृति में उनके बेटे अमित ने भी यह पुण्य अर्जन हासिल किया। दरअसल मानस्तंभ में विराजमान तीर्थंकर भगवान का अभिषेक प्रतिदिन नहीं होता। क्योंकि वह ऊंचाई पर मानस्तंभ में विराजमान है। 12 साल बाद उनके अभिषेक का क्रम आता है।

सबसे पहले सन 2011 में आचार्य विद्यासागर महाराज की शिष्या आर्यिका ऋजुमति माताजी के सानिध्य में आयोजित किया गया था।अब 12 वर्ष बाद एक बार फिर से शनिवार से मानस्तंभ में विराजमान तीर्थंकर भगवान के अभिषेक प्रक्रिया के लिए पात्र चयन की घोषणा प्रतिष्ठा चार्य ब्रह्मचारी मनोज भैया लल्लन ने की।

इसमें सौधर्म इंद्र स्वस्ति- मेहुल, सुगम, अगम जैन, ईशान इंद्र- शिखर चंद जैन वोटा वालों की स्मृति में उनके बेटे अमित ने तृतीय इंद्र सनत कुमार इंद्र बनकर भगवान की आराधना महावीर जिनालय अध्यक्ष मोती चंद, प्रकाश चंद, अर्चन जैन द्वारा की गई।

जबकि चतुर्थ इंद्र महेंद्र इंद्र बनकर भगवान की आराधना करने का पुण्य अर्जन समाजसेवी धर्मेंद्र जैन की स्मृति में धर्मपत्नी रश्मि, अंचित, लविश द्वारा प्राप्त किया। चयनित चारों पात्र ने मानस्तंभ में विराजमान भगवान का अभिषेक कर सबसे पहला गंदोदक मुनि पदम सागर महाराज को दिया। इसके बाद मौजूदा श्रद्धालुओं में मुनि श्री से गंदोदक ग्रहण किया।

बाइक रैली निकालकर जिनालय की वंदना को जाएगा युवा समूह

इस दौरान रविवार को सुबह 8:30 बजे से बाइक रैली का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें महावीर जिनालय से रैली शुरू कर वापस सभी जिनालयों की वंदना करते हुए बाइक रैली महावीर जिनालय पहुंचेगी। जहां पहुंचकर भगवान की भक्ति सामूहिक रूप से होगी। रविवार रात्रि में महिला मंडल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी।

जैन संत बोले-भगवान महावीर को विसारा तो नहीं मिलेगा किनारा

जैन संत मुनि पदम सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित कर कहा कि शनिवार को भगवान संभव नाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव आप सभी ने निर्वाण लाडू चढ़ा कर मनाया है। लेकिन अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का शासनकाल इस समय चल रहा है और उनकी जयंती 3 अप्रैल सोमवार को चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन आ रही है।

ऐसे में हर घर से भगवान महावीर की भक्ति के लिए श्रद्धालुओं को उमड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि 108 कलश में भरे जल से भगवान का महामस्तकाभिषेक और शांति धारा होगी।इसलिए इस दिन को यदि चुके तो जीवन में दोबारा अवसर मिलने वाला नहीं है।यह पुण्य कमाने का अवसर है और यदि महावीर जयंती का दिन चुके तो फिर जीवन में खुद को सुधारने का मौका आप कब दोगे।

आयोजन के दौरान प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी लल्लन भैया द्वारा विभिन्न क्रियाएं कराई, वहीं स्थानीय विद्वान के रूप में पंडित सुगन चंद जैन अमोल भी विशेष रूप से क्रियाओं के दौरान श्रद्धालुओं को भक्ति करते नजर आए।
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