Shivpuri News- हातौद गांव नगर निगम में जाने को तैयार नही, पर्यटक ग्राम का इच्छुक, पढ़िए क्यों

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शिवपुरी।
शिवपुरी नगर पालिका को नगर निगम मे कन्वर्ट करने के तैयारी चल रही है,इसके लिए आवश्यक जनसंख्या 3 लाख जुटाई जा रही है इसके लिए 42 ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल करने का प्लान है। इसी क्रम में माधव नेशनल पार्क से सटी ग्राम पंचायत हतौद गांव को भी नगर निगम में शामिल करने के लिए प्रस्तावित है। लेकिन हातोद गांव ने नगर निगम में जाने से मना कर दिया है,अधिकारी नगर निगम में शामिल होने के बाद टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कैसे विकास करेगा यह ग्रामीणों को समझा नही सके।

ग्रामीणों का मानना है कि उनका क्षेत्र पहले से ईको सेंसिटिव जोन में आ चुका है, जिससे तमाम पाबंदियां हैं। अब टाइगर रिजर्व के चलते हातोद गांव बफर जोन में शामिल हो जाएगा, ऐसे में ग्रामीण पूछ रहे हैं कि निगम में शामिल किया तो विकास कार्य कैसे कराओगे। प्रशासनिक अधिकारी बुधवार को हातोद गांव पहुंचे थे।

ग्राम पंचायत हातौद भवन में संयुक्त कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार ने ग्राम सभा में पहुंचकर नगर निगम में शामिल होने संबंधी प्रस्ताव रखा, लेकिन ग्रामीणों ने लिखित रूप में अपनी समस्याएं प्रशासनिक अधिकारियों के सामने रख दीं। ग्रामीणों ने कहा कि शिवपुरी शहर व हातोद गांव के बीच नेशनल पार्क होने से अभी तक शहर विस्तार नहीं हुआ और ना आगे संभव प्रतीत हो रहा है। शासकीय कार्य, पंचायत कार्यालय पर ही हो जाते हैं। जबकि नगर निगम में शामिल हुए तो कमजोर परिवारों को एक-एक काम कराने 15 किमी दूर चक्कर लगाने पड़ेंगे।

नगर निगम में शामिल हुए तो मनरेगा योजना के तहत कार्य नहीं हो पाएंगे। सड़कें, स्ट्रीट लाइट, अन्य निर्माण कार्य निगम में कराए जा सकेंगे वह ग्राम पंचायत में कराए जा रहे हैं। कृषि पंप पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो जाएगी। शहर में मीटर कनेक्शन से बिना सब्सिडी चार से पांच गुना बिल का बोझ बढ़ेगा। निगम में आने से चरनोई, चारागाह में ली जा सकेगी। जबकि नगर निगम में चारागाह देखने में नहीं आया। नगर निगम में शामिल होने के बाद संपत्तियों का मूल्य बढ़ने वाली बातें सिर्फ मृग मरीचिका हैं। मात्र एक प्रोफार्मा पर प्रस्ताव-ठहराव से ग्रामीणों की सहमति लेना न्याय संगत नहीं है।

हर सकारात्मक और नकारात्मक पहलू को समझाया जाए। ग्रामीणों की सबसे ज्यादा समस्याएं नेशनल पार्क से संबंधित थीं, ग्राम सभा में पार्क का कोई अफसर नहीं था। तर्क संगत सवालों के जबाव नहीं मिले तो ग्रामीणों ने गांव को नगर निगम में शामिल नहीं करने संबंधित ठहराव प्रस्ताव पास किया है।

साल 2017 में ईको-सेंसटिव जोन अधिसूचित, जोनल मास्टर प्लान का पता नहीं

साल 2017 में केंद्र सरकार ने हमारे क्षेत्र को ईको सेंसिटिव जोन के रूप में अधिसूचित किया है, जिसमें ग्रामीणों व क्षेत्र में कई प्रकार के प्रतिबंध लागू हैं। अगले दो साल में आंचलिक योजना (जोनल मास्टर प्लान) बनाया था, जिसकी आज तक हमें कोई जानकारी नहीं है। प्रशासन ने प्रस्तावित शिवपुरी नगर निगम में होने वाले विकास और निर्माण कार्यों तथा ईको-सेंसटिव जोन के मास्टर प्लान के प्रतिबंधों पर विचार किया? यदि नहीं किया है तो ऐसी स्थिति में प्रस्तावित शिवपुरी नगर निगम में शामिल करके हम ग्रामीणों की क्या स्थित होगी।

ग्रामीण खासे नाराज, बोले-अवैधानिक व अनैतिक रूप से रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी

साल 2022 में अवैधानिक व अनैतिक रूप से हमारे क्षेत्र में कई गांवों में रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी, जिसकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। ऐसी स्थिति में एक ओर रजिस्ट्रियों पर पूरी तरह अनैतिक राेक और दूसरी ओर प्रस्तावित नगर निगम से किसी भी प्रकार का लाभ किस प्रकार संभव है। वहीं 15 सालों से हमारी पंचायत के तीन ग्राम माधव नेशनल पार्क में शामिल कर लिए। लेकिन विस्थापन अभी तक नहीं कराया। समस्या जस की तस है। ग्रामीणों ने कहा कि हमारे क्षेत्र में बाघ छोड़े जाने के बाद प्रस्तावित टाइगर रिजर्व व उसके बफर जोन और बफर जोन के प्रस्तावित प्रतिबंधों के रहते शिवपुरी नगर निगम किस प्रकार क्षेत्र का विकास करेगा। इस पर ग्रामीण संतुष्ट नहीं है।

पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करना प्रस्तावित

सरकार ने हमारी ग्राम पंचायत के विकास कार्यों, यहां के भौगोलिक सौंदर्य, आपसी सौहार्द और नेशनल पार्क से सटे होने के कारण हातौद गांव को पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित करना प्रस्तावित है। यदि ग्राम पंचायत, नगर निगम में शामिल होती है तो हमारे गांव व पंचायत का ग्रामीण दर्जा समाप्त हो जाएगा और पर्यटन आधारित इतनी महत्वाकांक्षी योजना पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। भविष्य में पर्यटन से होने वाले ग्रामीणों की आय व कई ग्रामीणों द्वारा बनाए जा रहे फार्म-स्टे प्रभावित होंगे। -
मनीष मेहरोत्रा, पूर्व सरपंच पति, ग्राम हातौद

पंचायत लर्निंग सेंटर में शामिल है हातोद

प्रदेश की कुल 23 हजार पंचायतो में से 8 पंचायतों को रिसोर्स सेंटर के रूप में विकसित किया गया है। इन पंचायतों को पंचायत लर्निंग सेंटर माना गया है। इन सेंटरों पर भ्रमण कर पंचायतो को किस तरह से विकसित किया जा सकता हैं इसके लिए अन्य पंचायत सीख लेती हैं। प्रदेश की 8 पंचायतों में शिवपुरी जिले के शिवपुरी जनपद की ग्राम पंचायत हातोद का नाम सम्मिलित है। यहां मध्य प्रदेश सरकार सहित केंद्रीय सरकार के द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ बखूबी तरीके से लिया गया है इस पंचायत में हितग्राहियों को हर योजनाओं का लाभ दिया जाता है जो सरकार की ओर से उन्हें मिल रही हैं।

हर वर्ग के लोग हैं यहां
ग्राम पंचायत हातोद की जनसंख्या 2500 के लगभग है। इस पंचायत में हातोद, अर्जुनगवां खुर्द,हरनगर एवं लखनगवां गांव आते हैं यहां कुल जनसंख्या में 40% आदिवासी, 30% सिख, 30% गुर्जर, 10% बाकी अन्य समाज के लोग रहते हैं। ग्राम पंचायत हातोद की एक विशेषता है। यहां होने वाले हर निर्माण से पहले जैसे सड़क, कॉलोनी, भवन, खेल मैदान सभी के नाम पहले से ही शहीदों के नाम से रख दिए जाते हैं। यहां हर गली, कॉलोनी या खेल मैदान को शहीदों के नाम से जाना जाता है।
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