Shivpuri News- जिले में 246 स्कूल शिक्षक विहीन:राज्य शिक्षा मंत्री का विधानसभा दिए जवाब की DEO की मोबाइल मॉनिटरिंग ने खोली पोल

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शिवपुरी।
शिवपुरी जिले में 246 स्कूल ऐसे है जिसमें शिक्षक नही है। इन स्कूलों में अध्ययनरत बच्चो की पढाई के लिए अतिथि शिक्षक व्यवस्था के रूप में रखे गए है। शिक्षक विहीन स्कूलों की दशा और दिशा को जानने के लिए पिछोर विधायक केपी सिंह ने विधानसभा में प्रश्न पूछा था। जवाब दिया स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री ने, इस जबाव की पोल डीईओ शिवपुरी द्वारा चलाई गई मोबाइल मॉनिटरिंग ने पोल खोल दी,कि कैसे शिक्षक विहीन स्कूलों में अतिथि शिक्षक अपनी ड्यूटी पूरी कर रहे होगें।

पहले जानिए क्या प्रश्न पूछे थे पिछोर विधायक केपी सिंह ने

जिले में शिक्षक विहीन स्कूलों का प्रश्न पिछोर विधायक केपी सिंह ने विधानसभा में लगाया है। इस प्रश्न में विधायक ने स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री से सवाल किया है कि जिन स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, वहां अध्ययनरत बच्चों का भविष्य क्या होगा?

पिछोर के कांग्रेस विधायक केपी सिंह ने प्रश्न लगाया है कि शिवपुरी जिले में क्या गलत स्थानांतरण नीति होने की वजह से स्कूल शिक्षक विहीन हो गए हैं?, शिवपुरी जिले मे कितने स्कूल शिक्षक विहीन हैं?, विकासखंडवार सूची दें। शिक्षक विहीन स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की परीक्षा नजदीक हैं, तथा शासन ने ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की है। ऐसे में उन स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों का भविष्य खराब होने की आशंका है। क्या शासन शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करेगी?, यदि हां तो कैसे? ।

यह जवाब दिया स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने

स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार ने जवाब दिया है इस पर राज्य मंत्री ने जवाब दिया कि अतिथि शिक्षक वहां पढ़ा रहे हैं। गलत स्थानांतरण नीति से स्कूल शिक्षक विहीन नहीं हुए, तथा जिले में 246 स्कूल शिक्षक विहीन है। शिक्षक विहीन स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित न हो, इसके लिए हमने समीपस्थ शासकीय स्कूल के शिक्षक को व्यवस्थापक बनाया है, जबकि बच्चों को पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की है।

जिले की मोबाइल मॉनिटरिंग में अतिथि सबसे अधिक गायब थे

जिले में 10वीं और 12वीं की परीक्षा से पूर्व मोबाइल मॉनिटरिंग जारी थी। प्रतिदिन आकडा प्रकाशन के लिए आता था। इस आंकडें में सबसे अधिक अतिथि शिक्षक गायब मिलते थे। ऐसे में यदि शिक्षा राज्य मंत्री ने अतिथियों के भरोसे स्कूलों का जवाब दे भी दिया। यह भी स्पष्ट है अब और पहले मोबाइल मॉनिटरिंग का डंडा नही चल रहा है अब ऐसे में कैसे विश्वास किया जाए कि अतिथि अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से कर रहे होगें। शिवपुरी के में कई अतिथि ऐसे है जो कागजों में दौड रहे है,वह किसी हेडमास्टर का रिश्तेदार है करीबी है। अब आप ही अनुमान लगा ले कि कैसा होगा इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य
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