BRC अंगद सिंह को सस्पेंड कर जांच हो, शिक्षकों को कर रहे है पैसा वापस, बना रहे है दबाव- Shivpuri News

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शिवपुरी।
बदरवास बीआरसी अंगद सिंह तोमर ने राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा जारी शाला प्रबंधन समिति के फंड में 50 लाख रुपए के घोटाले का पका दिया। यह मामला मीडिया मे आने के बाद अंगद सिंह तोमर अब इस घोटाले को समेटने का प्रयास शुरू कर दिए है। 

हालाकि डीपीसी ने इस घोटाले के जांच के आदेश करते हुए तीन सदस्यीय कमेटी जिसमे DPC ऑफिस के एकाउंटेंट उदय यादव, APC अत्तर सिंह राजोरिया सहित APC हरीश शर्मा को इस मामले के जांच के आदेश दिए है। इस समिति को इस घोटाले की जांच करने के लिए 3 दिन का समय दिया है,जो बुधवार तक समाप्त हो जाऐगा।

जैसा कि विदित है कि इस बजट को सीधे स्कूल का शिक्षक खर्च नहीं कर सकता। इसके लिए इस वर्ष राज्य शिक्षा केन्द्र ने इस बजट को खर्च करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाई है। इस प्रक्रिया के अनुसार प्रत्येक शाला में मेकर,वेरिफायर और अप्रूवर नियुक्त किए है। उनके द्वारा बीआरआरसी से जारी पासवर्ड का उपयोग कर ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया पूर्ण करनी है।

इस मामले का सीधे सीधे लिखे तो मेकर सामान खरीद का बिल प्रस्तुत करेगा,बैरिफायर इस बिल का भौतिक सत्यापन पर वेरीफाई करेगा। अप्रूवर इस बिल को पूर्ण रूप से जांच कर भुगतान के लिए सहमत करेगी। इसकी ओटीपी अप्रूवर के दर्ज मोबाइल नंबर पर आऐगी। यह मेकर,वेरिफायर और अप्रूवर स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक होगें। लेकिन बदरवास में ऐसा नही किया गया। सीधे बीआरसी ऑफिस शिक्षकों से ओटीपी लेकर बदरवास के चार फर्मो को भुगतान कर दिया।

जानकारी मिल रही है कि अब घोटाले का समेटने का प्रयास किया जा रहा है। बीआरसी अंगर सिंह तोमर अब शिक्षकों को इन फर्मो से पैसा लेकर शिक्षकों को दे रहे है और लिखा पढी करवा रहे है अब वह शिक्षकों से लिखित में लेकर उन्हें भी फसा रहे है जब समान ही नहीं खरीदा तो बिल कैसे लग गए और शासकीय पैसा नगद में शिक्षकों के हाथ में कैसे आ गया।

जांच का ड्रामा- सस्पेंड कर जांच की जाती

अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी की जांच की जाती है कि तो उसे सबसे पहले संस्पैड किया जाता है। फिर उसकी जांच शुरू की जाती है,लेकिन इस मामले में जांच का सिर्फ ड्रामा किया जा रहा है। बीआरसी अंगद सिंह तोमर पद पर बने हुए है। 50 लाख रुपए के घोटले का आरोप है,अब वह जांच को प्रभावित करने के लिए शिक्षकों पर दबाव बना रहे है। इस मामले की निष्पक्ष जांच जब होगी जब बीआरसी अंगद सिंह तोमर को पद से हटाया जाए। इस मामले में डीपीसी से संपर्क करने का प्रयास किया तो मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।

DPC ऑफिस शिवपुरी की भूमिका संदिग्ध

इस मामले में DPC कार्यालय शिवपुरी की ऑफिस की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। मीडिया लगातार सवाल कर रही है कि इस जांच में किन किन बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जांच के आदेश को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। जिस फर्म से खरीद के बिल लगे है वह किस तारीख के काटे गए है। क्या क्या सामग्री खरीदी गई है। सामग्री का पुन:भौतिक सत्यापन होगा। फर्म के बिल जीएसटी वाले काटे गए है।

फर्म के पास इन सामग्री खरीद के जीएसटी बिल है क्या ऐसे तमाम सवाल इस मामले में उठाए जा रहे है। अगर डीपीसी शिवपुरी को यह जांच निष्पक्ष करानी थी तो अभी तक बीआरसी अंगद सिंह तोमर को पद से क्यों नहीं हटाया गया सवाल बडा है। क्या जांच से पूर्व संबंधित अधिकारी कर्मचारी को पद से हटाए जाने की शासन की नीति शिवपुरी जिले में लागू नहीं होती।