संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी फिर हड़ताल की राह पर, शंखनाद होगा 23 फरवरी को, यह है मागें- Shivpuri News

NEWS ROOM
शिवपुरी।
जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बारम्बार वे पटरी हो रही हैं उसकी वजह विभाग में पदस्थ कर्मचारी और अधिकारियों द्वारा की जा रही हड़ताल हैं। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल की 20 दिवसीय हड़ताल के बाद चिकित्सक बचाओ चिकित्सा बचाओ का नारा लगाते हुए चिकित्सक हड़ताल पर चले गए और अब फिर से मध्य प्रदेश सरकार पर वायदा खिलाफी आरोप मडते हुए संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 23 फरवरी से हड़ताल पर जाने की तैयारी में है। जिसका शंखनाद एक दिवसीय सामूहिक अवकाश के रूप में किया गया है।

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग में 22 वर्षों से सेवाएं दे रहे बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी संविदा पर सेवाएं दे रहे हैं। जो बर्ष 2008 से निरंतर आंदोलन कर मध्य प्रदेश सरकार से नियमित किए जाने की आस लगाए हुए हैं। जिसके चलते संविदा कर्मचारियों ने 20 दिनों तक हड़ताल का रुख अख्तियार किया था जिसे सरकार के नुमाइंदों ने एक माह में मांगे पूर्ण किए जाने का आश्वासन दिया जाकर समाप्त करा दिया था, लेकिन एक माह से कहीं अधिक समय निकल जाने के बाद भी जब सरकार ने मात्र समितियां बनाकर औपचारिकता पूर्ण कर ली।

अपनी मांगों पर ठोस कार्यवाही होती न देखकर संविदा कर्मचारियों ने एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ म.प्र. के बैनर तले आंदोलन की राह पर जाने का मन बना लिया है। संविदा कर्मचारियों द्वारा 23 फरवरी 2023 को म.प्र. सरकार को चेतावनी देते हुए एक दिवसीय सामूहिक हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। इस बात की जानकारी एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ म.प्र. के प्रदेश अध्यक्ष विजय ठक्कर ने मिशन संचालक म.प्र. स्वास्थ्य मिशन तथा समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दे दी है।

यह 3 सूत्रीय मांग
एनएचएम संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए तथा सीएचओ को एमएलएचपी कैडर में नियमित किया जाए। जब तक नियमितीकरण हो पाता है तब वर्ष 2018 की नीति लागू की जावे।
एनएचएम संविदा से आउटसोर्स किए कर्मचारी की पुनः संविदा पर बहाली की जाए अथवा विभाग के अन्य नियमित पदों पर पदस्थ किया जाए। पिछली हड़ताल में जिन कर्मचारियों पर सरकार ने केस लगा दिए थे वह सरकार वापस ले।