Shivpuri news- टाइगर और CCF दोनों तैयार, बस महाराज का इंतजार

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शिवपुरी।
माधव नेशनल पार्क में टाइगर के लिए CCF ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। पन्ना की मादा टाइगर को भी कोई आपत्ति नहीं है और भोपाल का टाइगर तो उससे मिलने के लिए बेकरार है लेकिन तारीख का ऐलान नहीं हो पा रहा है क्योंकि इसके लिए वन विभाग को महाराज का इंतजार है। टाइमलाइन के हिसाब से 15 जनवरी 2023 तक टाइगर, माधव नेशनल पार्क के जंगलों में दिखाई देना चाहिए। क्या टाइम लिमिट के भीतर नेशनल पार्क में टाइगर आ जाएंगे, वन विभाग के अधिकारियों के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है।

वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमारी तैयारियां पूरी हैं और जनवरी में बाघ ले अएंगे। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि बाघों को बाड़े में छोड़े जाने के लिए माननीयों का समय नहीं मिल पाया है। कूनो में चीतों को बाड़े में छोड़ने के इवेंट को व्यापक बनाया गया था, यहां बाघ के लिए भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है।

इसके लिए संभवत केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी आएंगे। अभी उनसे तारीख नहीं मिली है। इसलिए माना जा रहा है कि अब बाघ 15 जनवरी तक आना मुश्किल ही है। अधिकारियों ने बाघों को लाने की तैयारी तो कर ली, लेकिन कार्यक्रम को लेकर पहले से रूपरेखा नहीं बनाई जिसके कारण अब देरी हो रही है। उल्लेखनीय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान में पहले चरण में एक नर और दो मादा बाघ लाने की तैयारी है।

छोटी-छोटी तैयारियों के लिए मिल जाएगा समय

वैसे तो राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं, लेकिन अभी छोटे-छोटे कुछ काम शेष हैं। पुर्नस्थापना की तारीख थोड़ी पीछे जाते देख उन्हें भी राहत मिली है। बताया जा रहा है कि वायरलेस सेट के लिए अनुमति तो मिल गई है, लेकिन सिस्टम को वर्किंग करने का काम अभी बचा हुआ है।

हालांकि बाड़े पूरी तरह से बनकर तैयार हैं। बाघ शुरुआती 15 दिन तक बाड़ों में ही रहेंगे। ऐसे में यदि कुछ काम शेष रह भी जाते हैं तो प्रबंधन के पास इन 15 दिनों में पूरा करने का समय होगा क्योंकि बाघों की रियल टाइम मॉनिटरिंग तब ही शुरू होगी।

श्रेय की राजनीति का भी शिकार हो चुके हैं बाघ

बाघों को फिर से बसाए जाने को लेकर श्रेय की राजनीति भी हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अनुमति दिलाने से लेकर दिल्ली स्तर से मदद उपलब्ध कराई थी। वहीं स्थानीय सांसद डा. केपी यादव ने भी कई पत्र लिखे थे। इसके बाद दोनों ओर से बाघों को फिर बसाने का श्रेय लिया गया।

16 दिसंबर को जब शिवपुरी में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हुआ था तब मंच से लगभग सभी नेताओं ने इसका जिक्र किया था। सांसद] प्रभारी मंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक ने बाघों के फिर से बसने को शहर के लिए उपलब्धि बताया था। सांसद केपी यादव ने भी कहा था कि हम सभी के प्रयास से बाघ आ रहे हैं। विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो सही मदद सिंधिया से ही मिली है। जब मुख्यमंत्री माधव राष्ट्रीय उद्यान के निरीक्षण के लिए आए थे तो सिंधिया ने ही उन्हें योजना की पूरी जानकारी नक्शे के साथ दी थी।

इनका कहना है
बाघाें की पुर्नस्थापना बड़ी उपलब्धि है और इस खास मौके पर सभी जनप्रतिनिधि भी शामिल हों तो यह अच्छा है। हमारी तैयारियां पूरी हैं और जैसे ही तारीख तय होगी इसकी जानकारी दे दी जाएगी। बाघ जनवरी में ही लाए जा रहे हैं।-
उत्तम कुमार शर्मा, सीसीएफ सिंह परियोजना
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