Bairad News- पढिए गोवर्धन पुलिस ने पैदा किए डकैतो के घर की कहानी, अब भीख मांग कर परिवार का गुजारा करना होगा

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नासिर खान @ बैराड़।
शिवपुरी जिले की गोवर्धन थाना पुलिस ने एक पूर्व सरपंच के घर डकैती बना रहे 5 बदमाशों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। पकडे इन पांच आरोपियों में से 4 आरोपी आदिवासी है और इनमे से एक आरोपी नाबालिग है। निर्दोषो पर डकैती की छाप लगाने वाले इस मामले में गोवर्धन पुलिस फंसती नजर आ रही है। यह मामला अब तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है और यह मामला शिवपुरी पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल के शिवपुरी के निर्विवाद कार्यकाल के लिए भी सिरदर्द बनता जा रहा है।

यह बनाए है पुलिस ने आरोपी

कोमल पुत्र उम्र साढे 16 साल को गोवर्धन थाना पुलिस ने डकैती की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया है। कोमल के पिता विषम आदिवासी उम्र 60 साल माता रामश्री उम्र 55 साल पैरो से चलने से असमर्थ है ओर मां को आंखों से भी नही दिखाई देता है। कोमल की मां चलने फिरने में पूरी तरह असमर्थ है वह घर से भी बाहर नहीं निकलती। अपने दिव्यांग माता पिता का इकलौता सहारा है। इनके पास सहारे के लिए एक छोटा बेटा उम्र 8 साल ही है। कोमल के जेल के जाने के बाद ग्राम पंचायत ढेवला के सरपंच ने खाने पीने का सामान दिया है।

जब घर में रोटी बनी है,स्थिति यह है कि इस मामले की शिकायत करने के लिए इन बूढ़े मां बाप को सब लोगो ने चंदा कर पैसे दिए जब वह शिवपुरी पहुंचे जब वह अपने बेटे की बेगुनाह होने की बात अधिकारियों से कह सके कुल मिलाकर गोवर्धन थाना पुलिस ने अपने नंबर बढ़ाने के लिए एक बूढे बाप का सहारा छिन लिया,एक निर्दोष को जेल भेज दिया।

बलराम पुत्र सुरेश आदिवासी यह 10 दिन पहले पिता बना है और 11 दिन पहले बालिग हुआ है। उसकी पत्नी राजकुमारी अब अपने पति की रिहाई की उम्मीद में जिंदा है। राजकुमारी की 10 दिन की बेटी है अपना पेट भरने के लिए मजदूरी करने भी नहीं जा सकती है। पेट भरने के लिए भी पैसा नही है तो न्यायालय में अपने पति की बेगुनाही के लिए वकील कैसे खडा करेंगी। यह भी दूसरो की रहम पर जिंदा है।

प्रहलाद आदिवासी उसकी शादी नहीं हुई है। उसके परिवार के नाम पर बस मां है। यह अपनी मां का इकलौता सहारा है। अब इसकी बूढी मां जिसकी उम्र लगभग 65 साल है मजदूरी के लिए हाथ पैर भी काम नहीं करते,कैसे बेटे की बेगुनाही के लिए न्यायालय जाऐगी, कैसे अपना पेट भरेगी सवाल बडा है और हम सबके सामने खड़ा है।

अनेक आदिवासी के घर में मां जिसे आंखो से दिखाई नहीं देता,पत्नी और बेटी है बेटी की उम्र 2 साल। अब इस घर का सहारा भी गोवर्धन पुलिस की कृपा से जेल में है इस परिवार को भी खाने की लाले पड रहे है अनेक आदिवासी की पत्नी के सामने भी संकट खड़ा हो गया है कि वह अपनी बूढी अंधी सांस और अपनी 2 साल की लाडो को छोड़कर कैसे मजदूरी करने जाए। कुल मिलाकर यह भी दूसरों की भीख पर जिंदा रहेगी।

कोमल आरोपी नाबालिग है। स्वजन ने उसकी शासकीय प्राथमिक विद्यालय गोहरा का प्रगति पत्रक प्रस्तुत किया है जिसमें आरोपित की जन्म तिथि 5 अगस्त 2007 दर्ज है। यह जन्मतिथि इसकी 7वंी क्लास की मार्कशीट में है। जबकि पुलिस की एफआईआर के अनुसार उसकी उम्र 20 वर्ष है। नाबालिग आरोपी के साथ पुलिस ने बालिग आरोपी जैसा व्यवहार किया और उसे जेल भी पहुंचा दिया। इस संबंध में शिकायत एसएसपी राजेश सिंह चंदेल के पास भी पहुंची और उन्होंने जांच एसडीओपी को सौंपी है।

इस मामले में बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि यदि नाबालिग अपराधी भी हो तो उसे इस तरह से ट्रीट नहीं किया जा सकता है। पुलिस को उसे किशोर न्यायालय में प्रस्तुत करना था। मामले में आगे की कार्रवाई कर रहे हैं।

नाबालिग कोमल के पिता विषम ने बताया कि खेतों पर हमारा बेटा रखवाली कर रहा था। वहां एक शिकारी घूम रहा था। वह कुए पर पानी पीने रुक गए और वहां शिकारी भी बैठा था। उसके साथ उसे भी पकड़कर ले गए। दो ही बेटे हैं जिसमें बड़े को पुलिस ने पकड़ लिया। अब खाने के भी लाले पड़ रहे हैं क्योंकि मेहनत मजदूरी करके वो ही कमा कर लाता था। नाबालिग के माता.पिता दिव्यांग हैं और मजदूरी करने में सक्षम नहीं हैं।

कुल मिलाकर यह मामला अब तूल पकड़ रहा है। सबकी सुरक्षा देने का वादा करने वाली पुलिस ने चार घरो के सहारे को खत्म कर दिया है। कानून और व्यवस्था के खिलाफ नफरत पैदा कर दी है। निर्दोषों को डकैती डालने के प्रयास की धारा लगाकर जेल पहुंचा दिया है। डकैती डालने के मामले में आरोपी बनाए इन आरोपियों का कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं है,क्या यह जेल से निकलकर कानून और पुलिस का सम्मान करेंगें। क्या पुलिस की ऐसी ही कार्यप्रणाली डकैत पैदा करती है सवाल बडा है।
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