Shivpuri News- शांतिपूर्वक मनी दिवाली, व्यापारियों की लक्ष्मी मैया की साधना, मंदिरों पर घर पर जले दीप

Bhopal Samachar
शिवपुरी
। शिवपुरी जिले में शांतिपूर्वक दिपावली उत्सव मनाने की खबरें आ रही हैं। दीपावली पर बाजार कमजोर रहे थे लेकिन व्यापारियो ने लक्ष्मी मैया की साधना की। दीपावली के दिन बाजारों में भीड भाड रही। दीपोत्सव के दिन लोगों को अधिकांश दिन अपने घर ऑफिस और दुकानो मे डेकोरेशन में बीता,वही रात को 8 बजे के बाद आसमान रंगीन होने लगा था।

दिपोउत्सव के दिन अमृत मुर्हत शाम 6रु35 के बाद ही लगभग सभी ने पूजा की हैं। पूजा होने के बाद बच्चों के द्वारा आतिशबाजी चलाने का कार्य शुरू कर दिया आतिशबाजी में बच्चों का साथ घर कर अन्य सदस्यों ने भी दिया। शाम से शुरू हुई आतिशबाजी और धमाकों की गूंज से पूरा अंचल गूंज उठा, रात्रि में आसमान सतरंगी हो उठा। कुल मिलाकर दीपावली के दिन चारों ओर सिर्फ खुशियां ही खुशियां बिखरी नजर आईं। लक्ष्मी पूजा के बाद अपने मिलने वालों और रिश्तेदारों के को पहुंचे, जहां एकदूसरे को मिठाई खिलाते हुए दीपावली की शुभकामनाएं दी। 

दिनभर रही बाजारों में भीड़
दीपावली के अवसर पर आज शहर के बाजारों में भीड़भाड़ रही। लोगों की अधिक भीड़ के चलते शहर के मुख्य बाजार कोर्ट रोड सहित अन्य चौक चौराहों और सड़कों पर दिनभर जाम के हालात बनते रहे। हालांकि पुलिस मौके पर मुस्तैद रही। आतिशबाजी का बाजार गांधी पार्क एवं हुसैन टेकरी पर सजाया गया था जहां बच्चों की भीड़ अपने परिजनों के साथ शाम तक रही। 

चूंकि इस बार लक्ष्मी पूजन का समय शाम से ही शुरू हो गया था। इसलिए आतिशबाजी चलने का सिलसिला भी जल्द ही शुरू कर दिया गया। अंधेरा होते ही शहर के बाजार सहित कालोनियों में रंग.बिरंगी आतिशबाजी चलना शुरू हो गईए जो देर रात तक चलती रही।

मंदिरों जलाएं दीपक कौन-कौन कर
शिवपुरी शहर के साथ-साथ जिले भर के क्षेत्रों में भी दीपावली बड़ी ही धूमधाम से मनाई गई। कोलारस के जगतपुर हनुमान मंदिर पर 2100 दीपक एक साथ जलाए गए साथ ही कोलारस के प्राचीन धर्मशाला मंदिर पर 500 दीपक एक साथ जलाए गए इसके अतिरिक्त बदरवासए दिनारा, पिछोर, खनियांधाना, पोहरी, बैराड़, नरवर सहित आसपास के गांवों में रात को दीपावली का पर्व मनाया गया।

ग्रहण के चलते इस बार गोवर्धन की पूजा एक दिन बाद बुधवार की जाएगी जिसकी तैयारियों के लिए इस दीपावली पर लोगों को भरपूर समय मिलेगा। बुधवार को गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर गोधन की पूजा की जाएगी।
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