जाते जाते शहर की रुला गई बेमौसम बरसात, डीप डिप्रेशन का शिकार हुआ मौसम: पढ़िए क्यों- Shivpuri News

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शिवपुरी।
बेमौसम बारिश ने शिवपुरी जिले के बारिश का कोटा पूरा करा दिया,लेकिन यह बारिश जाते जाते शहर से निकले नाले के पास वाली काॅलोनियों को रूला गई,लगातार बुधवार के दिन लगातार हुई बारिश के कारण शाम 7 बजे के बाद नाला उफन गया और अपनी सीमा से बहार आ गया।

देर रात शहर की कई कॉलोनियों के निवासी पानी मेहमान बनकर उनके घर में घुसा उसकी पोस्ट शेयर करते नजर आए,मप्र का मौसम विभाग बारिश की चेतावनी दे रहा था लेकिन शिवपुरी जिला इस चेतावनी में दर्ज नहीं था फिर भी पिछले 36 घंटे में 75 मिमी बारिश होने का अनुमान है।

क्यों हुई यह बेमौसम बारिश

मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश के मुताबिक मध्य प्रदेश में इस घनघोर बारिश की वजह डीप डिप्रेशन है। अब आप कहेंगे कि क्या इंसानों की तरह मौसम को भी डिप्रेशन होने लगा

दरअसल, साइक्लोनिक सर्कुलेशन यानी चक्रवाती घेरे के चलते हवाएं संगठित होकर ऊपर की ओर बढ़ती हैं। इसे ही डीप डिप्रेशन कहते हैं। इससे कुछ इलाकों में हवा का दबाव कम हो जाता है। जिन क्षेत्रों में ये लो प्रेशर एरिया बनता है, वहां भारी बारिश होती है।

आम तौर पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन या ऊपरी हवा के चक्रवात के चलते लो प्रेशर एरिया जैसे सिस्टम बंगाल की खाड़ी में बनते हैं। फिर ये झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के रास्ते पूर्व की ओर से मध्य प्रदेश में प्रवेश करते हैं।

जब समुद्र में डिप्रेशन की स्थिति बनती है तो अधिकतम 20 से 31 मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलती हैं। डीप डिप्रेशन में हवाओं की रफ्तार 32 से 38 मील प्रति घंटा और चक्रवातीय तूफान में ये रफ्तार 54 मील प्रति घंटे की हो सकती है।

मौसम केन्द्र भोपाल ने बुधवार की दोपहर 12.30 बजे शिवपुरी जिले में अतिवृष्टि का रेड अलर्ट जारी कर दिया था। वह मौसम विभाग ने आज अपने बारिश के पूर्वानुमान मे जो बताया हैं वह शिवपुरी जिले के निवासियों को परेशान करने वाला हैं,अनुमान में आज तेज बारिश बताई हैं। बारिश का आंकड़ा 2 इंच से लेकर 8 इंच हो सकता हैं। इसलिए आमजन सावधान रहे और आवश्यक होने पर ही घर से बहार निकले,पानी वाले स्थान से दूर रहे।

सिंध में बहाव तेज

जिले में लगातार हो रही बारिश से डेम का जलस्तर नियंत्रण में रखने के लिए 2 गेट खोल दिए गए हैं,वही डेम के 20-20 मेगावाट के लगे बिजली यूनिट पुनः शुरू होकर अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन करने लगे हैं।
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