इन दस्तावेजों से होगी वोटर की पहचान, इनमे से एक अवश्य लेकर जाए मतदान करने- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री बसंत प्रताप सिंह ने बताया है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए मतदाताओं की पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेजों की सूची जारी कर दी गयी है। उन्होंने कहा है कि मतदाता पहचान-पत्र लेकर मतदान करने जायें, जिससे मतदान केन्द्र में कोई कठिनाई नहीं हो।

सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री राकेश सिंह ने जानकारी दी है कि वोटर स्लिप, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिया गया मतदाता पहचान-पत्र, आधार कार्ड, भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका, राशन कार्ड (सभी सफेद, नीला, पीला एवं गुलाबी), बैंक/किसान/डाकघर पासबुक, शस्त्र लाइसेंस, सम्पत्ति दस्तावेज़ जैसे पट्टा, रजिस्ट्रीकृत विलेख आदि, विकलांगता प्रमाण-पत्र, निराश्रित प्रमाण-पत्र, तेंदूपत्ता संग्राहक पहचान-पत्र, सहकारी समिति का अंश प्रमाण-पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान-पत्र (पी.एन.एन. कार्ड), राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्योगिक घरानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान पत्र, छात्र पहचान-पत्र, सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अ.जा./अ.ज.जा./अन्य पिछड़ा वर्ग/अधिवासी प्रमाण-पत्र, पेंशन दस्तावेज़ जैसे कि भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक/पेंशन अदायगी आदेश/भूतपूर्व सैनिक, विधवा/आश्रित प्रमाण-पत्र, रेलवे पहचान-पत्र, स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र और रोजगार गारंटी योजना में जारी फोटोयुक्त जॉबकार्ड।

इस सूची में दर्शाए गए अभिलेखों के अतिरिक्त पीठासीन अधिकारी ऐसा कोई अन्य अभिलेख भी स्वीकार कर सकेगा जिससे वह मतदाता की पहचान के संबंध में संतुष्ट हो सके।

यह स्पष्ट किया गया है कि ऊपर दर्शाए गए कोई दस्तावेज, जो परिवार के मुखिया के पास ही उपलब्ध होता है, की परिवार के दूसरे सदस्यों की पहचान के लिए अनुमति दी जायेगी। इसी प्रकार से परिवार के किसी दूसरे सदस्य के नाम से कोई दस्तावेज अन्य सदस्यों की पहचान के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, बशर्ते ऐसे दस्तावेज़ के आधार पर दूसरे सदस्यों की पहचान की जा सकती हो।

यदि कोई मतदाता कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहता है तो पीठासीन अधिकारी स्थानीय कोटवार, पटवारी, शिक्षक, ग्राम पटेल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका इत्यादि कर्मियों या किसी प्रतिष्ठित स्थानीय निवासी से उसकी पहचान स्थापित कराने के बाद, उसे मतदान की सुविधा दे सकेगा।
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