सिद्धिविनायक हॉस्पिटल: फिर लगी गायनिक एवं प्रसूति सेवाओं पर रोक,सीएमएचओ का बेतुका फरमान, पढ़िए क्या है - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। हमेशा से सुर्खियां बटोरने वाले सिद्धिविनायक हॉस्पिटल एक बार फिर सुर्खियों में है। आज शिवपुरी सीएमएचओ ने सिद्धिविनायक अस्पताल में गायनिक और प्रसूति सेवाओं पर रोक लगा दी है। यह कार्यवाही बडी ही हास्यप्रद दिखाई दे रही है क्योंकि सीएमएचओं ने गायन का ऑपरेशन पर तो रोक लगा दी है परंतु यहां सामान्य डिलेवरी होने की बात सीएमएचओ कह रहे है। अब सवाल यह है कि सामान्य डिलीवरी के दौरान अक्सर महिलाओं को दिक्कत आती है और आनन फानन में सीजर करना पडता है। अगर यह हालात रही तो फिर यहां यह व्यवस्था कैसे मैनेज हो सकेगी।

बताया गया है कि शिवपुरी के सिद्धि विनायक अस्पताल में स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ न होने के बावजूद यहां गायनिक सर्जरी की जा रही थी। पूर्व विधायक शकुन्तला खटीक द्वारा की गई शिकायत की जांच के उपरांत यह तथ्य सामने आने के बाद सीएमएचओ ने फिर से इस अस्पताल की प्रसूति एवं गायनिक सर्जरी सेवाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

विदित हो कि इसके पूर्व इसी अस्पताल में कथित भू्रण हत्या डीलिंग केस सामने आने और एफआईआर दर्ज होने के बाद गायनिक और प्रसूति सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी, जिसे सीएमएचओ पवन जैन द्वारा चुपचाप खोलने के चंद रोज बाद ही 14 जनवरी 2022 को यहां पूर्व विधायक शकुंतला खटीक के बेटे की बहू मधु खटीक का जबरन सिजेरियन ऑपरेशन किए जाने के आरोप सामने आने पर कलेक्टर द्वारा जांच दल गठित किया गया था।

जांच समिति की रिपोर्ट 7 दिन में सामने आनी थी, परन्तु सात दिन के बजाए पूरे चार माह बाद रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने सिद्धिविनायक अस्पताल में गायनिक और सेवाओं पर फिर से रोक लगा दी है। मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि सिद्धविनायक मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल पोहरी रोड शिवपुरी में स्त्री एवं बाल रोग विशेषज्ञ न होने से उक्त हॉस्पीटल में होने वाली प्रसूति एवं गायनिक सर्जरी पर रोक लगाई जाती है। हालांकि यह रोक पूर्व की भांति कब सीएमएचओ द्वारा खत्म कर दी जाएगी यह कहना जरा मुश्किल इसलिए है कि ऐसा उनके द्वारा पूर्व में किया जा चुका है।

यह था मामला
यहां बता दें कि करैरा की पूर्व विधायक श्रीमती शकुंतला खटीक ने कलेक्टर शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि सिद्धिविनायक अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर पैसों की लूट खसोट की जा रही है। अस्पताल में नार्मल प्रसव कराए जाने की बात कह कर जबरन उनकी बहू मधु खटीक की सिजेरियन डिलीवरी कर दी गई। पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता शकुंतला ने अॅान कैमरा रोते हुए अस्पताल प्रबंधन को आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया था।

पूर्व विधायक शकुंतला खटीक की शिकायत पर से कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर शिवानी अग्रवाल के देखरेख में चार सदस्यीय जांच दल गठित कर तब 7 दिन में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। 7 दिन के बजाए अब यह प्रतिवेदन पूरे 4 माह बाद कार्रवाई के पटल पर आया है। पीड़ित पक्ष की ओर से पूर्व विधायक के पुत्र कपिल ने सीएमएचओ की इस कार्रवाई को अस्पताल प्रबंधन से मिलीभगत करार देते हुए महज लीपापोती बताया है और इस कार्रवाई को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।

सिद्धिविनायक का लायसेंस हुआ था सस्पेंड, CMHO ने ही बहाल कर दी थीं गायनिक सेवाएं

गत वर्ष पिछले दिनों कथित कन्या भ्रूण हत्या डीलिंग केस के सामने आने के बाद पुलिस केस दर्ज होने के साथ ही सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने आदेश क्रमांक सामान्य/पंजीयन/2021/12275 दिनांक 13 सितम्बर 21 से अस्पताल का पंजीयन क्रमांक एनएच/0158/फेब/2020 दिनांक 3 फरवरी 2020 को निलम्बित कर दिया था। जिसे अधबीच जांच के दौरान ही अस्पताल प्रबंधन की ही मांग पर लोकहित का हवाला देते हुए डॉ पवन जैन ने 4 अक्टूबर 22 को इस अस्पताल को ऑब्सेक्टिक और गायनिक सेवाओं को छोड़कर सशर्त संचालन की अनुमति अपने पत्र क्रमांक सामा/पंजीयन/2021/13432 दिनांक 4 अक्टूबर 21 के माध्यम से जारी कर दी।

लायसेंंस बहाली के दौरान सिद्धिविनायक अस्पताल में स्त्री रोग एवं गायनिक सेवाओं पर सख्ती से रोक लगा दी गई थी। इस रोक को भी बिना किसी उचित कारण के सीएमएचओ डॉ पवन जैन ने दिसम्बर 2021 में समाप्त कर दिया था। जिसके बाद शकुन्तला खटीक की बहू का यह केस सुर्खियों में आया। इस सीजर को मेडिकल कालेज की डॉ शैली सेंगर ने प्रायवेट हास्पीटल में डील किया था। तत्समय डॉ शैली सेंगर का कहना था कि इस केस के सम्बंध में मुझे जो उस समय जो ठीक लगा वह निर्णय लिया, किसी के भी कुछ भी आरोप लगा देने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

अब गायनिक आपरेशन पर रोक तो सामान्य डिलेवरी के दौरान परेशानी आने पर क्या होगा

आज सीएमएचओ ने बताया है कि सिद्धिविनायक अस्पताल में शकुंतला खटीक की शिकायत पर की गई जांच के बाद जब जांच रिपोर्ट आई है तो इस मामले में अस्पताल की गायनिक आॅपरेशन सेवाओं पर रोक लगा दी है। अब इस अस्पताल में गायनिक विभाग में महज सामान्य डिलेवरी तो हो सकेगी। परंतु यहां ऑपरेशन नहीं हो सकेगे। अब सीएमएचओं का यह बयान अपने आप में सवाल खडे कर रहा है। अक्सर सामान्य डिलीवरी के समय हालात यह वनते है कि आनन फानन में डॉक्टर को सीजर का डिसीजन लेना होता है। अगर यहां यह हाताल बनते है और अगर कोई प्रसूता इस आदेश की भेंट चढ़ जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा यह समझ से परे है।
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