रेलवे लाईन को लेकर आमने सामने सिंधिया और सांसद डॉ के पी यादव, बता रहे है अपनी अपनी सौगात - Shivpuri News

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शिवपुरी।
जब से गुना शिवपुरी लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार मिली है तब से शिवपुरी सहित पूरे मध्यप्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा हो गई। दल बदल कर कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद हारने के बाद भी इतना बढ गया जितना कांग्रेस में जीतने के बाद भी उन्हें नहीं मिला। डॉ केपी यादव ने भले ही सिंधिया को हराया हो परंतु उनके भाजपा में आने के बाद सांसद केपी यादव का कद अपने आप में ही कम हो गया है। सिधिया के शिवपुरी दौरे पर आने पर पूरा प्रशासन उनके स्वागत में पूरी ताकत झौक देता है। वही जब सांसद केपी यादव दौरे पर आते है तो भाजपाई भी उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंच रहे। इसी के चलते शिवपुरी में श्रेय की राजनीति दम से चल रही है।

श्रेय की राजनीति की ऐसी ही स्थिति शिवपुरी-गुना संसदीय क्षेत्र में अक्सर देखने को मिलती है। वर्तमान में राज्यसभा सदस्य व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवपुरी-गुना सांसद डा. केपी यादव के बीच संसदीय क्षेत्र के विकास कार्यों का श्रेय लेने की होड़ देखी जाती है। ललितपुर अशोकनगर बाया चंदेरी रेलवे लाइन के सर्वे का कार्य स्वीकृत होने का श्रेय भी दोनों ही नेता लेते हुए दिखाई दिए।

जनसंपर्क विभाग द्वारा यह जानकारी साझा की गई कि सांसद केपी यादव के प्रयासों से केंद्रीय रेल मंत्री ने इसे स्वीकृति प्रदान की है। वहीं खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फेसबुक पर पोस्ट कर यह दावा किया कि 102 किमी की दूरी के इस मार्ग के लिए मैंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से निजी मुलाकात कर सर्व का अनुरोध किया था। इसके बाद सिंधिया समर्थकों ने एक के बाद एक फेसबुक पोस्ट पर इसके लिए आभार भी जता दिया। अब क्षेत्र की जनता असमंजस में है कि उन्हें यह सौगात सांसद से मिली या फिर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से, जनता जनसंपर्क विभाग की सूचना को सही माने या फिर फेसबुक पर नेताओं के दावों को।

विदित हो कि डॉ केपी यादव ने पिछले लोकसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर रिकार्ड जीत दर्ज की थी। इसके कुछ समय बाद सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए और केंद्र में मंत्री भी बन गए। दोनों नेताओं के दल तो मिल गए, लेकिन दिल अभी तक नहीं मिल पाए हैं। जबकि जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे तब केपी यादव सिधिंया समर्थकों में ही गिने जाते थे। इस रेलवे लाइन के पहले भी दोनों नेता एक ही कार्य का श्रेय लेते हुए देखे गए हैं। टाइगर प्रोजेक्ट भी इसमें शामिल है।

शासन और प्रशासन द्वारा खुद की उपेक्षा किए जाने का सांसद का दर्द पार्टी हाइकमान को लिखे उनके पत्र में सामने आ गया था। केपी यादव ने पत्र लिखकर प्रशासन द्वारा उन्हें तव्वजो न दिए जाने का आरोप लगाया था। साथ ही सिंधिया समर्थकों पर पार्टी का माहौल खराब करने का आरोप भी वर्तमान सांसद ने लगाया था।
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