DNA रिपोर्ट के आधार पर नाबालिग साली का बलात्कार करने वाले जीजा को 21 साल की कैद: पलट गए थे गवाह- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। नाबालिग के बलात्कार के मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश सिद्धि मिश्रा ने पीड़िता के जीजा को 21 साल का सश्रम कारावास और 15 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया हैं। अर्थदंड न देने पर बलात्कारी जीजा को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इस मामले की सुनवाई में सबसे खास बात यह रही कि मामले की सुनवाई करते समय गवाह पलट गए,लेकिन DNA की रिपोर्ट,साक्ष्य‎ व तर्कों के आधार पर माननीय न्यायाधीश ने आरोपी को 21 साल की सजा दी है। अभियोजन की ओर से पैरवी डीपीओ संजीव कुमार गुप्ता व एसडीपीओ कल्पना गुप्ता ने की।

अभियोजन के अनुसार घटना वाले दिन पीड़िता अपने घर पर अकेली थी, तभी उसका जीजा उसके घर पहुंच गया और पीड़िता को बहलाफुसला कर उसने पीड़िता के साथ बलात्कार कर दिया। पीड़िता ने डर के चलते घर पर यह घटना किसी को नहीं बताई, लेकिन कुछ दिनों बाद पीड़िता गर्भवती हो गई और उसके पेट में दर्द होने लगा तो उसने मामले की जानकारी अपने परिजनों को दी। स्वजनों की शिकायत पर आरोपी जीजा के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया कर विवेचना उपरांत सुनवाई के लिए न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई के दौरान प्रकरण में आए समस्त तथ्यों एवं साक्ष्यों पर विचारण उपरांत न्यायाधीश ने आरोपित को 21 साल के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।

पीडिता के गर्भस्थ शिशु का हुआ DNA टेस्ट

इस मामले में नाबालिग पीड़िता ने गर्भावस्था पूर्ण होने के उपरांत एक बेटी को जन्म दिया परंतु बच्ची बेहद कमजोर होने के कारण तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई। स्वजनों ने बच्ची का शव दफना दिया। पुलिस को जब इस बात की जानकारी लगी तो पुलिस ने शव को जमीन से बाहर निकलवा कर उसके DNA की जांच करवाई। DNA की जांच आरोपी से मेल खाई, जिससे यह साबित हुआ कि पीड़िता का गर्भस्थ शिशु उसके जीजा का ही था।

पलटे गवाह,DNA रिर्पोट बनी सजा का आधार

इस जघन्य मामले में खास बात यह रही कि पुलिस ने प्रकरण में जितने भी गवाह बनाए थे वह सब पलट गए। इन गवाहों में पीड़िता के स्वजन भी शामिल थे, लेकिन पुलिस द्वारा कराया DNA टेस्ट मामले में आरोपी जीजा को सजा का मुख्य आधार बना। न्यायाधीश ने आरोपित को इसी वैज्ञानिक सबूत को आधार बनाकर उसके द्वारा किए गए जघन्य अपराध के लिए सजा सुनाई।