शिवपुरी का ड्राइवर तड़प-तड़प कर मर गया, लोग पलटे ट्रक से बकरे लूटते रहे, बोले पार्टी करेंगे, VIDEO वायरल- Shivpuri News

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शिवपुरी।
खबर सिरोंज क्षेत्र के कांकरखेडी से आ रही है। जहां के एक बकरों से भरे ट्रक के पलट जाने से उस ट्रक में दब जाने से शिवपुरी के ड्रायवर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। जबकि इस हादसे में ट्रक में भरे बकरों को पब्लिक लूट कर ले गई। पब्लिक का कहना है कि वह इन बकरों को ले जाकर पार्टी करेंगे। इस मामले की सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। परंतु पुलिस ने भी पब्लिक पर बकरों को लूटने के दौरान जमकर लाठियां भांजी।

जानकारी के अनुसार आज एक वीडियों शोसल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें बकरों से भरे ट्रक के पलटते ही बड़ी संख्या में लोग बकरे लूटते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस की लाठी खाकर भी कुछ जिंदा तो कुछ मरे बकरों को बाइक पर रखकर भाग रहे हैं। हादसे में ट्रक में फंसकर एक युवक की मौत हो गई थी, लेकिन बकरे लूट रहे लोगों ने उसे बाहर तक नहीं निकाला। वीडियो सिरोंज की कांकरखेड़ी घाटी का है।

बताया जा रहा है कि यह ट्रक करीब 100 बकरों को भरकर शिवपुरी से हैदराबाद के लिए रवाना हुआ था। ट्रक रात दो बजे अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में अमोला के सचिन खटीक की ट्रक में दबने से मौत हो गई।


बताया जा रहा है कि शिवपुरी से हैदराबाद जा रहे बकरों से भरे ट्रक के पलटने की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को लगी, लोग अपनी गाड़ियों से मौके पर पहुंच गए। कुछ लोग तो पैदल ही ट्रक की ओर दौड़े। पुलिस को भी इसकी सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंची। यहां पर लोग जिंदा और मरे बकरों को लूटने के लिए ट्रक के भीतर घुसे हुए थे।

वे बकरों को कंधे पर उठाकर बाहर निकाल रहे थे। यहां बाइक पर खड़े युवा उन्हें बीच में रखकर घर ले जा रहे थे। एक बाइक पर तीन से चार बकरों को एक के ऊपर एक रखे हुए थे। बड़ी बात यह थी कि यह लूट लूट पुलिस के सामने हो रही थी। पुलिस जवान लाठी भांज रहे थे, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे।

अमोला से जुड़े ग्रामीणों की माने तो सचिन पुत्र बृजेश खटीक घर में अकेला ही कमाने वाला था। वह पिछले महीने तक बाइक मैकेनिक का काम करता था, लेकिन उससे जो आमदनी होती थी, उससे घर चलाना मुश्किल हो रहा था। यही वजह थी कि सचिन ने अपना काम बदल दिया, क्योंकि बकरे के ट्रक पर प्रत्येक चक्कर पर चार से पांच हजार रुपए मिल जाते थे। सचिन दो पैसे ज्यादा कमाने की जिस राह पर चला था, उस पर सचिन का यह दूसरा ही चक्कर था, वह इसे पूरा कर पाता उससे पहले ही उसकी जान चली गई।
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