खनियांधाना। जिले के खनियाधाना तहसील में गरीबों के हक के राशन के आजकल जो हालात है वो किसी से छुपे नहीं है भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती जिम्मेदार अधिकारी कानों में रूई और आंखों पर टीन का चश्मा लगाकर बैठे है। कई बार समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बाद भी खनियांधाना के भोडन, वनखेड़ा, खिसलोनी, देक्खो, बामौरकलां, नदावन मे राशन की कालाबाजारी का कारोबार खुलेआम जारी है, जिसकी कल्पना करना भी सम्भव नहीं है। सेल्समैन के द्वारा महीनों का राशन वितरण नहीं किया जा रहा है पहले कोरोना काल में भी राशन वितरण नहीं हुआ है।
सेल्समेन और समिति प्रबंधक कोरोनाकाल और वर्तमान में पीएम और मुख्यमंत्री राशन योजना में सेल्समेन,और समिति प्रबंधक के द्वारा बिना राशन वितरण के खुले बाजार की कालाबाजारी कर रहे हैं बिना राशन वितरण के ही लाखों करोड़ों रूपए का राशन वितरण का खर्च दिखा दिए गए हैं अधिकारियों की कमजोर मॉनीटरिंग की वजह से गरीबों के अनाज में हेरफेर किया जा रहा है। सेल्समैन और समिति प्रबंधक पूर्ण अधिकारियों की मिलीभगत से राशन की कालाबाजारी कर रहे हैं।
गरीबों को बांटने आए राशन को बाजारों में बेच रहे हैं जिम्मेदार अधिकारियों को राशन की कालाबाजारी की जानकारी होने के बाद भी कार्यवाही नहीं होना कई सवाल खड़े करता है केरोटीन और शक्कर, तो राशन दुकानों से पूरी तरह गायब हैं। पीला कार्ड होने के बावजूद राशन के रुपए वसूले जा रहे हैं। जिला प्रशासन और खाद्य विभाग राशन दुकानों पर हितग्राहियों को खाद्यान्न सहित शक्कर और केरोसीन देने का दावा कर रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा जनसुनवाई में शिकायत करने के बाद ही कोई सुनवाई नहीं हुई।