बेकाबू संक्रमण, बेखौफ शहर: 23 दिन में 1125 पॉजिटिव, फिर से 139 केस सामने - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में कोरोना से बिगड़ते हालात प्रशासन के नियंत्रण से बाहर दिखाई देने लगे हैं। यहां कोरोना की चौका देने वाली रफ्तार ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। प्रतिदिन अब डेढ़ सौ के लगभग आंकड़ा पहुंच रहा है, कल जहां संख्या 138 थी वहीं आज सामने आए 139 केसों के साथ जिले में 23 दिन के भीतर 1125 पॉजिटिव हुए है।

अभी तक जिनोम सीक्वेंसिंग का कोई परिणाम सामने नहीं आने से यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि शिवपुरी में कहर बरपा रहा वेरिएंट ओमिक्रोंन है अथवा डेल्टा वेरीएंट है। यह बता दे कि 1 जनवरी को मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के पॉजिटिव आने के बाद से ही कई मरीजों के सामने आने पर उनके नमूने जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, लेकिन आज 22 दिन बाद भी किसी तरह की कोई रिपोर्ट या तो आई नहीं या फिर उसे सार्वजनिक नहीं किया गया, जिसके कारण यह असमंजस बरकरार है कि यहां संक्रमण का सबब बन रहा वायरस का आखिर यह कौन सा वेरिएंट है।

बाजारों में लेश मात्र भी कोरोना का खौफ दिखाई नहीं दे रहा। बिना मास्क के लोगों की भीड़ सारे रिकॉर्ड तोड़े डाल रही है। शादी समारोहों में भी गैदरिंग शुरू हो गई है, किसी तरह की कोई रोक टोक कहीं भी दिखाई नहीं दे रही। प्रशासन ने भी सिर्फ  कागजों में कोविड गाइडलाइन जारी होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया है।

मात्र दिन चलाए गए खुली जेल अभियान के बाद से दूसरे दिन अधिकारी इस तरह के किसी भी अभियान में संलिप्त नजर नहीं आए। कोरोना की थर्ड वेव में संभाग में ग्वालियर मुख्यालय छोड़ दें तो शिवपुरी सर्वाधिक प्रभावित जिलों में से एक है।  सेकंड वेव के समय प्रशासन ने निसंदेह बेहद सख्ती बरती थी और व्यवस्था गत मॉनिटरिंग भी जबरदस्त हुई थी लेकिन ऐसा कुछ इस तीसरी लहर में कहीं से कहीं तक दिखाई नहीं दे रहा।

बाजारों में जगह.जगह भीड़ का आलम है। लोग खुलेआम बिना मास्क के घूम रहे हैं इनके विरुद्ध ना तो चलानी कार्यवाही की जा रही और ना ही उन्हें जागरूक करने संबंधी कोई प्रयास किए जा रहे। दुकानदारों ने भी बिना मास्क के सेलिंग जारी रखी हुई है। दुकानों के आगे लगने वाले सोशल डिस्टेंसिंग के गोले भी इस बार सिरे से नदारद हैं।

ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे पूरा शहर कोरोना से दो-दो हाथ करने पर आमादा है। एक अच्छी बात यह है कि इस वैरीअंट से अभी तक जिले में कोई कैजुअल्टी सामने नहीं आई है और हॉस्पिटलाइजेशन की संख्या भी कम होने से हॉस्पिटल्स में बेड खाली पड़े हुए हैं लेकिन जिस तरह से संक्रमण अपने पैर पसार रहा है उसके दृष्टिगत यह लापरवाही नागरिकों पर भारी पड़ सकती है।
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