भास्कर ने सुअरो की खबर पर किया रिसर्च, पत्रिका में कैसे 10 करोड हो गए कबाड ओर नईदुनिया ने दुर्घटनाओ को पीले चालव देने वाली खबर को बनाया लीड

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आज शिवपुरी के प्रमुख समाचार पत्रो में भास्कर ने सूअरो की समस्या को अपनी लीड खबर में प्रकाशन किया है। पिछले 7 साल में शहर सूअरो से मुक्त नही हो सका हैं। वही पत्रिका ने भूमिपूजन का पानी का सपना दिखाकर वोटो को जुगाडने वाली पोहरी के सरकूला डैम की खबर को अपनी लीड खबर में रखा है।

वही नई दुनिया ने एक एक्सक्लिूसिव खबर का प्रकाशन किया हैं कि 30 लाख बचाने के चक्कर में नियम तो टूट रहे हैं,और दुर्घटनाओ को पीले चावल देकर आमत्रित किया जा रहा हैं। पत्रिका के बदरवास के संवाददता संजीव जाट ने अपनी खबर में 10 करोड रूपए हुए कबाड,जैसी जनउपयोगी खबर का प्रकाशन किया हैं।

दैनिक भास्कर। दैनिक भास्कर ने नपा ने ट्रांसपोर्टेशन खर्च ही नही दिया, पहले एनसीआर और अब इंदौर उज्जैन टीम का सूअर पकडने से इंकार शीर्षक से खबर का प्रकाशन किया हैं। इस खबर का सीधा सा आशय है कि शहर में न्यायालय के ओदश से सन 2013-2014 में सूअर पकडने का अभियान शुरू हुआ थां। शूटआउट से सूअर मारे गए,जिस पर 65 लाख का खर्च आया,अब पुन:शहर में सूअर पकडने को अभियान शुरू किया गया। इस बाद जिंदा सूअर पकडने के क्रम को रखा गया।

शहर में 16 हजार सूअरो की संख्या सीएमओ अवस्थी ने बताई हैं,जिनमे से 6 हजार सूअर पकड लिए गए है। अब 10 हजार बाकी हैं जिनको पकडने के लिए निविदाए आमंत्रित की हैं। पिछले माह एनसीआर और इंदौर उज्जैन की टीमे सूअर पकडने आई थी,लेकिन ट्रासपोर्ट के खर्चो में होने वाली परेशानी के कारण अब वह नही आ रही हैं इस कारण निविदाए कॉल की है।

पत्रिका। पत्रिका ने अपनी लीड खबर भूमिपूजन के 14 माह बाद भी 226 करोड के सरकुला डैम का कार्य धरातल पर शून्य शीर्षक से प्रकाशित किया हैं। इस डेम का भूमिपूजन जब किया गया था जब पोहरी मे उपचुनवा था। भाजपा के विकास के नाम पर इस डेम का भूमिपूजन किया था और वोटोरो को रिझाया गया था। भूमि पूजन में नारे लगे थे कि शिवराज सिंधिया आए हैं और गंगा मैया लाए है।

भाजपा तो वोट लूट कर चली गई,लकिन भगीरथ जनता बन रही हैं और डेम के लिए तपस्या जनता को करनी पड रही है। कुल मिलाकर खबर का आशय है कि डेम का भूमिपूजन सिर्फ जनता से वोटो के लिए किया गया था अभी तक फॉरेस्ट की एनओसी क्लीयर नही हैं। और खबर में एनओसी क्लीयर कराने की बात पोहरी के विधायक और राज्य मंत्री सुरेश राठखेडा ने की हैं। पाठको को हम बता दे कि फॉरेस्ट की एनओसी के कारण शिवपुरी के दो प्रोजेक्ट सिंध परियोजना और सीवर प्रोजेक्ट का क्या हाल हुआ हैं यह किसी से छुपा नही है।

वही पत्रिका के बदरवास संवादादाता संजीव जाट ने एक खोज भरी खबर को कबर किया हैं। खबर में प्रकाशित किया गया है कि बदरवास जनपद में आने वाली 27 ग्राम पंचायतो में नलजलय योजना स्वीकृत होकर क्रियान्वयन भी किया गया है। पूरे 10 करोड रूपए खर्च ओ गए,लेकिन योजना धरातल पर नही हैं। टंकी प्यासी है,तो कही घायल है। कुल मिलाकर 10 करोड रूपए कबाड हो चुके हैं कई गांवो मे कबाड हो चुकी योजना पर मेंटिनेंस के नाम पर अभी भी खर्चा दिखाया जा रहा हैं।

सबसे हैरानी वाली बात यह है कि इस योजना के कबाड होने पर कोई भी विभाग जिम्मेदारी भरा बयान नही दे रहा हैं वही एक और खबर पर्यटन को लेकर प्रकाशित की हैं,4 कॉलम की खबर का एक लाईन में आशय यह है कि पर्यटन स्वागत केन्द्र 1 दिन ही पर्यटको का स्वागत करता हैं बाकी 6 दिन शराबियो का स्वागत करता हैं।

नईदुनिया: नईदुनिया ने अपनी लीड खबर में एक्सुलिव मामला प्रकाशित किया हैं आज से पूर्व कभी इस विषय से संबधित खबर का प्रकाशन नही हुआ हैं। हर माह 30 लाख बचाने टैक्टर ट्रॉली से हो रहा हैं परिवहन। खबर का कहना हैं कि जिला खाद आपूर्ति विभाग में कंट्रोलो पर भेजे जाने वाली खादय समाग्री का परिवहन,परिवहन करने वाले ठेकेदार ट्रेक्टरो से माल को परिवहन कर रहे हैं जो नियम विरूद्ध हैं। ठेकेदारो की शर्तो में स्पष्ट उल्लेख है कि आप माल का परिवहन व्यवासायिक वाहनो से करेंगें।

लेकिन ठेकेदार पैसे वचाने के लालच में ट्रेक्टर ट्रोलिया से माल का परिवहन कर रहा हैं इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। टोल भी बचाए जा रहे। माल के अवैध परिवहन को लेकर लोंडिग वाहन यूनियन भी सख्त हैं लगातार शिकायतो के बाद भी विभाग कार्यवाही नही कर रहा हैं। युनियन कहना हैं कि टैक्टर ट्रॉली से परिवहन करना ठेकेदार को सस्ता पडता हैं। हमारी शिकायतो के बाद भी कार्यवाही नही हो रही हैं अब न्यायालय का रास्ता ही बचता है।

लोंडिग वाहानो की अपेक्षा ट्रेक्टरो से माल परिवहन कराने पर ठेकेदारो की बचत हैं। खबर में एक आंकडा भी प्रकाशित किया हैं जिससे स्पष्ट हैं कि दुर्घटनाओ ओर राजस्व का चूना लगाने वाले इस कार्य में ठेकेदारो को 30 लाख रूपए की बचत होती है। इससे राजस्व के साथ साथ जनहानि का खतरा हैं।
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