शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क शिवपुरी में बाघो को लाने की कवायद चल रही हैं। इस कारण उनकी सुरक्षा को लेकर इंतजाम भी शुरू हो चुके है। बताया जा रहा है कि बाघो की चौकसी के लिए नेशनल पार्क के अंदर 50 स्थानो पर सोलर लाईट लगाई जाऐंगी,इसके लिए 15 लाख का बजट भी जारी हो चुका है। पार्क के अंदर सोलर लाईट लगने से रात्रि में गशती दलो का सुविधा होगी।
पेट्रोलिंग केंप, जॉर्ज केसल कोठी पर सोलर लाइट लगेंगी
नेशनल पार्क के अंदर जगह-जगह पेट्रोलिंग कैंप बने हैं। वन चौकियां भी स्थापित की गईं हैं। पेट्रोलिंग कैंप और वन चौकियों पर सोलर लाइट लगाई जाएंगी। इसके अलावा रियासतकालीन जॉर्ज कैसल कोठी पर सोलर लाइट लगाई जाएगी। ऐसे लगभग 50 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां सोलर लाइट लगना हैं। दिन में सोलर लाइट वातावरण की गरमाहट में चार्ज होंगी और अंधेरा गहराते ही रोशन होंगी।
अगली खेत में और भी सोलर लाइट लगेंगी
बाघ की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। नेशनल पार्क में बिना इजाजत कोई भी प्रवेश नहीं कर पाएगा। बाघ को सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए सोलर लाइटों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अगली खप में बजट मिलने पर सोलर लाईट खरीदी जाएंगी और जरूरत के अनुसार नए स्थानों पर लगाई जाएंगी। आने की आहट: वनविभाग ने जोती विस्थापित गांवो की जमीन, 5 गांव बन रहे हैं बाधा
जून माह में किया था अधिकारियो ने नेशनल पार्क में भ्रमण
मध्य प्रदेश वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक आलोक कुमार, मुख्य वन संरक्षक डी.के. पालीवाल, लवित भारती वनमण्डलाधिकारी शिवपुरी द्वारा दिनांक 3 एवं 4 जून को माधव नेशनल पार्क का विस्तृत भ्रमण किया था तथा बाघों के निवास के लिए इसकी उपयुक्तता का आकलन भी किया गया।
गत सप्ताह भोपाल में हुई बैठक में इस संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा चुके हैं और प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो गया है। माधव नेशनल पार्क में कान्हा टाइगर रिजर्व की तर्ज पर टाइगर को बसाया जाएगा। यहां की टाइगर सफारी का डिजाइन भी इसी से प्रेरित होगा।
कान्हा टाइगर सफारी की तर्ज पर तैयार होगा प्लान
माधव राष्ट्रीय उद्यान को छोड़कर एवं राष्ट्रीय उद्यान से लगे हुए उपयुक्त वन क्षेत्र में टाइगर सफारी के लिए 100 हेक्टेयर क्षेत्र की पहचान कर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार नक्शे पर दर्शाते हुए योजना तैयार की गई हैं। यह कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की में टाइगर सफारी के लिए तैयार किए गए डिजाइन के अनुसार होगी।
टाइगर आने के साथ शहर के पर्यटन की दिशा में बड़ा बदलाव होगा। एक बार फिर पर्यटक शिवपुरी की ओर रुख करेंगे और यहां रोजगार बढ़ेगा।
जहां टाइगर की अधिक संख्या, वहां से शिवपुरी लाए जा सकते हैं
प्रदेश के जिन स्थानों पर टाइगर की संख्या अधिक है, वहां से शिवपुरी नेशनल पार्क लाने की चर्चाएं हैं। हालांकि अभी तक यह निश्चित नहीं हुआ है कि नेशनल पार्क में बाघ कहां से लाए जाना है। पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ 25 के आसपास होना चाहिए, लेकिन यहां तकरीबन 40 बाघ हो गए हैं। बाघ जल्द आते हैं तो पर्यटन की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
माधव नेशनल पार्क में टाइगर के भोजन के लिए 15 हजार चीतल, सांभर, नील गाय, चिंकारा, बार्किंग डियर और जंगली सूअर जैसे शाकारी वन्य प्राणी उपलब्ध हैं। साथ ही पीने के पानी के लिए झरने, वाटरफॉल हैं। बाघों के रहने के लिए नेशनल पार्क में अनुकूल वातावरण हैं।
इसी आधार पर बाघों काे लाने की तैयारी चल रही है। गश्त के लिए 50 जगह सोलर लाइट लगाएंगे सोलर लाइट के लिए बजट मिला है। नेशनल पार्क के अंदर रात्रि गश्ती दल की सुविधा के लिए सोलर लाइट लगाने करीब 50 स्थान चिन्हित किए गए हैं। अगले चरण में और बजट आने पर नई जगहों पर सोलर लाइट लगाई जाएंगी।
कृपया हमें फॉलो/सब्सक्राइब कीजिए