पर्युषण पर्व में तपस्याओं की झड़ी, साध्वी जी ने की मोक्ष कड़ी, तप तपस्या, कल निकलेगा वरघोड़ा- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। श्वेताम्बर जैन समाज द्वारा आयोजित पर्यूषण पर्व के दौरान चार्तुमास कर रही जैन साध्वी श्री शीलधर्मा श्रीजी महाराज साहब की प्रेरणा से तपस्या की झड़ी लग गई है। कई धर्माबलम्बी पूरे 8 दिन तक निराहार रहकर तपस्या और धर्म आराधना कर रहे हैं। जैन उपासरे और पोषद भवन में प्रतिदिन पूजा अर्चना, प्रवचन, सामायिक आदि धार्मिक कार्य सम्पन्न हो रहे हैं।

वहीं रात्रि में प्रतिक्रमण कर जैन धर्माबलम्बी पापों से त्याग का संकल्प ले रहे हैं। पर्यूषण पर्व के दौरान परम पूज्य साध्वी श्री सिध्धीर्मा ने जहां मोक्ष कड़ी तप तपस्या की वहीं प्रतिष्ठित सांखला परिवार के एक नहीं चार-चार सदस्यों ने पूरे 8 दिन निराहार रहकर अठठाई तप की आराधना की। खास बात यह है कि 8 दिन तक निराहार रहने वालों में 9 वर्षीय अभिनंदन सांखला पुत्र नीलेश-अल्पा सांखला भी शामिल हैं, जो समाजसेवी और भाजपा नेता तेजमल सांखला के पौत्र हैं।

तेजमल सांखला के दो पुत्र रीतेश सांखला और विपिन सांखला भी अठठाई तप करने वालों में शामिल हैं। इसके अलावा विपिन सांखला और अरूणा सांखला की सुपुत्री सुश्री लवदी सांखला ने भी अठठाई तप किया है। इन सभी के अठठाई तप 11 सितम्बर शनिवार को पूर्ण होंगे और उसी दिन तपस्या के उपलक्ष्य में नगर के प्रमुख मार्गो से तपस्वियों का जुलूस जोर-शोर और उत्साह के साथ पाश्र्वनाथ जैन मंदिर से निकाला जाएगा। जिसका समापन विष्णु मंदिर के पास स्थित सांखला कोठी पर होगा। जहां तपस्वियों और समाज का बहुमार्ग भी किया जाएगा।

श्वेताम्बर जैन समाज के पर्यूषण पर्व तीन और चार सितम्बर से प्रारंभ हुए। स्थानकवासी जैन समाज के पर्यूषण पर्व 4 से जबकि मंदिरवासी जैन समाज के पर्यूषण पर्व तीन सितम्बर से प्रारंभ हुए। जैन उपसारे में साध्वी शील धर्मा श्रीजी ठाणा 4 आदि सतियों के सानिध्य में धर्म आराधना हो रही है और स्थानक में भी जैन साध्वी शीलधर्मा श्रीजी की महाराज भी सुशिष्या धर्म आराधना करा रही हैं। पर्यूषण पर्व के दौरान जैन धर्माबलम्बी अंतगढ़ सूत्र और कल्पसूत्र का श्रवण करते हैं।

कहा जाता है कि इन सूूत्रों का पर्यूषण पर्व के दौरान श्रवण करने से मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है। पर्यूषण पर्व के दौरान जैन धर्माबलम्बी सामान्य तौर पर पहले और अंतिम दिन निराहार रहते हैं। लेकिन तपस्वी प्रवुति के लोग तीन दिन से लेकर 8 दिन तक की तपस्या करते हैं। तीन दिन की तपस्या करने वालों में सुश्री श्रेया सांखला, सुश्री ईशिता सांखला शामिल हैं।

अक्षयनिधि तपस्या करने वालों में श्रीमति अल्पा सांखला धर्मपत्नी नीलेश सांखला शामिल हैं। समाजसेवी तेजमल सांखला ने बताया कि जैन साध्वी श्री सिध्धीर्मा जी और तपस्वी श्रावक-श्राविकाओं के बहुमान हेतु 11 सितम्बर को पाश्र्वनाथ जैन मंदिर से विशाल वरघोड़ा निकाला जाएगा और जो सांखला कोठी पर जाकर सम्पन्न होगा।
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