बिना मास्क के कांग्रेसियों के साथ प्रेस वार्ता कर रहे थे कमलनाथ, पत्रकारों ने सवाल किया तो बोले मास्क जेब में रखा है- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आज शिवपुरी जिले में बाढ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने आए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज शिवपुरी में हैलीपैड पर प्रेस बार्ता को संबोधित किया। इस दौरान प्रेस बार्ता में शिवपुरी की मीडिया ने कमलनाथ से जैसे ही सबाल किए वह जबाव देने में सौचने को मजबूर हो गए।

दरअसल हुआ यह कि कमलनाथ प्रेस बार्ता को संबोधित कर रहे थे। तभी पत्रकारों ने कमलनाथ से पूछा कि क्या आप मानते है कि तीसरी लहर आएगी। जिसपर कमलनाथ ने कहा कि में तो दूसरी लहर की भी कह रहा था और तीसरी लहर की भी कह रहा हूॅ। वह आना तय है। जिसपर शिवपुरी की मीडिया ने कहा कि फिर आप और आपकी पूरी कांग्रेस बिना मास्क के मंच पर है। जिसपर से वह एकदम चौक गए और फिर बोले कि मेरा मास्क मेरी जेब में रखा है। यह देखिए उसके बाद उन्होंने मीडिया के सबालों के जबाब दिए।

उन्होंने कहा कि ग्वालियर चंबल संभाग में इस बार जितनी जबरदस्त बरसात हुई है, मैंने अपने जीवनकाल में इससे पहले कभी नहीं देखी। लेकिन सरकार सचेत होती और समय रहते उपाय कर लिए जाते तो बाढ़ की विभीषिका इतनी गंभीर नहीं होती। यह समय निश्चित रूप से राजनीति का नहीं है। लेकिन कुछ सवाल तो अवश्य सरकार से किए जाने चाहिए। उक्त बात प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवपुरी हवाई पट्टी पर आयोजित पत्रकारवार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का रवैया अभी तक घोषणाओं का रहा है और उन पर क्रियान्वयन उतनी गंभीरता से नहीं हुआ। कोविड काल में की गई घोषणाओं का आज तक क्रियान्वयन नहीं हुआ। इसलिए सरकार से सवाल किए जाने चाहिए। पत्रकारवार्ता में करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा, पार्टी प्रवक्ता अजीत भदौरिया, पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला, गणेश गौतम, विजय सिंह चौहान, एपीएस चौहान, अनिल शर्मा अन्नी आदि भी उपस्थित थे।

पत्रकारवार्ता में कमलनाथ ने कहा कि संकट की इस घडी में हम सरकार की पूरी मदद के लिए तैयार हैं। कांगे्रस कार्यकर्ता आम जनता की मदद कर रहे हैं। उन्हें खाना और राशन पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग वर्षा की दो-तीन दिन पहले भविष्यवाणी कर देता है। कहां रेड अलर्ट है, कहां येलो अलर्ट है। ताकि उस हिसाब से सचेत हुआ जा सके।

बांध के गेट कब खोलने हैं, कब नोटिस दिया जाना है। बांध के गेट अचानक खुल रहे हैं। यह सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन इसमें सावधानी नहीं बरती गई। वर्षा के कारण फसल नष्ट हुई है, सड़के नष्ट हुई हैं, पुल नष्ट हुए हैं, मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। भारी बरसात के कारण 8 लोगों की मृत्यु हुई है। मेरा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधा और साफ प्रश्र है कि आप कौन सी राहत प्रभावित लोगों को पहुंचा रहे हैं और कब तक पहुंचा रहे हैं।

कब तक सड़कों और पुलों की मरम्मत कब तक पूरी होगी। कब तक जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मुआवजा मिलेगा। जिन लोगों ने खराब सड़के और पुल बनाएं हैं। उनके खिलाफ कब तक कार्रवाई होगी। उन्हें कब तक ब्लैक लिस्ट में डाला जाएगा। किसानों की फसल का मुआवजा उन्हें कब तक मिलेगा। यह पूरी योजना स्पष्ट की जानी चाहिए। जो न हो सके वह भी स्पष्ट कर दें। लेकिन झूठे आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। राजनीति हम नहीं बल्कि भाजपा कर रही है, झूठी घोषणाओं से।

बाढ़ के लिए कमलनाथ ने बड़े बांधों के निर्माण को दोषी मानने से इंकार किया। उन्होंने इस सवाल के जबाव में बताया कि बांध बाढ़ को रोकता है। लेकिन उसे मॉनिटर करना होता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने 15 माह के शासनकाल में किसानों का 2 लाख रूपए तक का कर्जा माफ किया।

भाजपा वाले कहते थे कि कांग्रेस ने कर्जा माफ नहीं किया। लेकिन विधानसभा में भाजपा सरकार ने स्वीकार किया कि 27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया है। भाजपा सरकार आज हर मोर्चे पर विफल है और दो साल बाद जनता उन्हें सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देगी।

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरूस्कार घोषित करने का किया स्वागत

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक सवाल के जबाव में कहा कि केन्द्र सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरूस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरूस्कार रखा है, वह उचित है। मेजर ध्यानचंद एक महान खिलाड़ी थे। लेकिन मेरा सवाल यह है कि गुजरात में सरदार बल्लभ भाई पटेल स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी के नाम पर स्टेडियम का नाम क्यों किया।

मैंने ग्वालियर को भिजवाई थी कोविड काल में ऑक्सीजन

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कोविड काल में जहां प्रदेश में ऑक्सीजन की जबरदस्त किल्लत थी। वहीं उनके क्षेत्र छिंदवाडा में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने छिंदवाड़ा से ऑक्सीजन ग्वालियर भिजवाई थी।

औपचारिकता निभाई और चले गए

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगता है कि शिवपुरी सिर्फ ऑपचारिकता निभाने के लिए है। वह शिवपुरी जिले में किसी भी प्रभावित क्षेत्र में नहीं गए और न ही प्रभावितों से उन्होंने चर्चा की। वह तो हैली कॉप्टर से शिवपुरी आए और हवाई पट्टी पर सिर्फ मीडिया से चर्चाकर वापिस लौट गए।
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