शिवपुरी। स्थानीय विधायक एवं मध्यप्रदेश शासन में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने शिवपुरी शहर में बाढ़ के लिए भू माफिया को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि इस शहर में रियासत काल में रेन वाटर मैनेजमेंट सिस्टम बनाया गया था। भू माफिया ने उसे तहस-नहस कर दिया।
यशोधरा राजे सिंधिया पिछले 3 दिनों से शिवपुरी में है। मूसलाधार बारिश के कारण शिवपुरी शहर में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी। उन्होंने कहा कि रियासत काल में जो ताल-तलैया हुआ करते थे। अब उन तालाबों में भू-माफियाओं ने कॉलोनी काट ली हैं।
उनका कहना है कि अगर तालाबों में कॉलोनी काटी जाएंगी तो यह हालात तो निर्मित होंगे ही। उन्होंने वर्तमान निर्मित हुए हालातों के लिए भू-माफियाओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि हमें अब यह देखना होगा कि कहां-कहां तालाबों में कॉलोनियां काटी गई हैं और नालों पर मकान कैसे बन गए हैं।
पहाड़ पर बसा है शिवपुरी शहर, बाढ़ आ ही नहीं सकती थी
दरअसल शिवपुरी शहर कोई प्राचीन बस्ती नहीं है बल्कि माधौ महाराज द्वारा सन 1900 में इस शहर की टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की गई थी। 1915 में यह शहर बनकर तैयार हुआ। समुद्र तल से 468 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति शिवपुरी शहर एक पहाड़ी पर बसाया गया है। इसके पूर्व में विशाल नेशनल पार्क है और अमोला की घाटी भी।
इस शहर की सबसे खास बात यह थी कि यहां बरसाती पानी का जबरदस्त प्रबंधन किया गया था। पश्चिम और उत्तर की तरफ से ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश होने पर बरसाती नालों की मदद से पानी को पश्चिम और उत्तर दिशा की तरफ से लाया गया। जहां तालाब बनाकर स्टोर किया जाता था।
एक के बाद एक 3 बड़े तालाबों की श्रंखला बनाई गई थी। यदि इससे ज्यादा बारिश हो तो पानी चांद पाठा से ओवरफ्लो होकर नेशनल पार्क में चला जाता है। यानी शिवपुरी शहर में एक बाल्टी पानी भी रोक नहीं सकता था। 2021 में स्थिति यह बनी कि पूरा शहर ही एक तालाब नजर आया।