शिवपुरी। जिले की सीमा से गुजरी सिंध और पार्वती नदी के पानी ने जिले में ताबाही मचा दी है। जिन क्षेत्रो से यह नदी निकली वह क्षेत्र साफ करती चली गई। पिछले 4 दिनो से राहत कार्य चालू हैं,लेकिन बाढ ने जो लोगो को बर्बाद किया है उसे भरने मे सालो लग जाऐगें।
गुरुवार तक करीब 1558 लोगों को रेस्क्यू करके निकाला जा चुका है। इस अतिवृष्टि में अभी तक 1237 मकान क्षतिग्रस्त होने का अनुमान है, जबकि नदी किनारे खरीफ फसल धान, सोयाबीन, उड़द आदि बह गईं। इस कारण हजारों बीघा में नुकसान हो गया है। राजस्व द्वारा सर्वे कराने के बाद वास्तविक क्षेत्रफल में नुकसान का पता चल पाएगा।
इस आपदा में 11 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 86 पशुधन की क्षति सामने आई है। सर्वे में पशुधन की क्षति का आंकड़ा बढ़ सकता है। अतिवृष्टि से आई बाढ़ के कारण शिवपुरी जिले में 36 गांव गंभीर रूप से प्रभावित रहे, जबकि 313 गांव सामान्य रूप से प्रभावित हुए हैं। इस तरह 349 गांव अतिवृष्टि से प्रभावित हुए हैं।
इस आपदा में बाढ़ की चपेट में आए लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की दो टीमों के 70 जवानों ने कोलारस, नरवर और सतनवाड़ा में रेस्क्यू किया, जबकि एसडीआरएफ की एक टीम के 15 जवान, सेना के 80 जवानों ने नरवर तहसील के गांवों में रेस्क्यु कर लोगों को बचाया है। जबकि एक हेलीकॉप्टर से शिवपुरी जिले में जगह-जगह रेस्क्यू चला। स्थानीय पुलिस ने भी जनहसयोग से रेस्क्यु कर लोगों को निकाला।
करैरा के सूंड गांव से 181 , कोलारस में गोरा-टीला से 24 लोग निकाले
सिंध नदी में बहाव लगातार रहने से मड़ीखेड़ा बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। करैरा का सूंड गांव सिंध नदी के बीच बसा होने से बाढ़ की चपेट में है। एनडीआरएफ व पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से गुरुवार को रेस्क्यू करके 181 लोगों को सुरक्षित निकाला है। इससे पहले बुधवार को सूंड से रेस्क्यू कर निकाला गया था। कोलारस में भी रेस्क्यू करके गोरा-टीला के बीच टापू पर फंसे 24 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है।