पोहरी। खबर जिले के पोहरी अनुविभाग से सटे आदिवासी वाहुल्य क्षेत्र छर्च की है। जो इन दिनों अपनी दुदर्शा पर आंशू वहां रही है। हालात यह है कि पोहरी रोड से छर्च जाने बाली यह 15 किमी की सडक चीखचीख कर अपनी दुदर्शा पर आंशू बहा रही है। हालात यह है कि इस सडक में गढडे नहीं बल्कि यह सडक गढडों में कहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस क्षेत्र के लोगों को उपचुनाव के बाद लोकनिर्माण विभाग के मंत्री बनने पर लोगों को राहत थी कि चुनाव जीतने के बाद उन्हें इस गढडे बाली रोड से निजात मिल सकेगी। परंतु यहां तो हालात और भी विगड गए। पहली ही बारिश में यह सडक गायब हो गई और यह गढडे हादसे का सबस बनने जगे।
जी हां हम बात कर रहे है पोहरी रोड से छर्च जाने बाली सडक जो चीख चीख कर अपनी दुदर्शा बयान कर रही है। इस रोड से चुनाव के समय मंत्रीजी सहित पूरा अमला पहुंचा लोगों को इस रोड निर्माण का आश्वासन देकर बोट तो बटोर लिए परंतु अब यहां लोग बोट देने के बाद अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे है।
हालात यह है कि इस रोड पर कार निकलना तो दूर बाईक से ही सफर में परेशानी आ रही है। इस रोड पर इक्का दुक्का बसे भी चल रही है। परंतु वह भी इस हालात में है कि वह छ माह में ही कबाडे में तब्दील हो जाती है। जिसके चलते इस रूट पर बस संचालक अपनी बस तक चलाने तैयार नहीं है।
बीते रोज भी प्रिंस बस छर्च से 5 किलोमीटर दूर इन गढडो के चलते हादसे का शिकार हो गई। गनीमत रही कि बस की रफ्तार और ड्रायवर की सूझबूझ से बच पलटने से तो बच गई। परंतु इस रोड पर लगातार हादसे हो रहे है। यहां की पब्लिक को मंत्री राठखेडा से उम्मीद है कि यह सडक जल्द से जल्द बनकर तैयार हो जाए।